रायपुर: छत्तीसगढ़ में नए राज्यपाल की नियुक्ति का आदेश रविवार को जारी हुआ है. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल रहीं अनुसुईया उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है. सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस से मांग की है कि वह संवैधानिक पद की गरिमा को आघात पहुंचाने वाली अपनी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए राज्यपाल से माफी मांग लें.
महिला राज्यपाल का कई बार उड़ाया मजाक: कश्यप ने कहा कि "कांग्रेस ने एक आदिवासी महिला राज्यपाल का कई बार मजाक उड़ाया. उनके जितने भी नेता हैं, चाहे छोटे नेता हों, चाहे प्रवक्ता हों, चाहे स्वयं मुख्यमंत्री, सभी लगातार आदिवासी महिला राज्यपाल के खिलाफ टीका टिप्पणी करते रहें. अब उनके विदा लेने का समय आ गया है. छत्तीसगढ़ से वे जा रही हैं. कांग्रेस पार्टी को चाहिए कि अब महिला आदिवासी राज्यपाल के अपमान पर राजभवन जाकर उनसे माफी मांग लें और अपनी गलतियों का प्रायश्चित करें."
राजभवन के खिलाफ उच्च न्यायालय चले गए थे कांग्रेसी: भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि "आरक्षण के मामले में कांग्रेस सरकार ने समुचित, संतोषजनक जवाब नहीं दिया. क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट भी नहीं दी. विधानसभा में क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की. राज्यपाल ने संवैधानिक व्यवस्था के तहत अपने कर्तव्य का पालन किया तो उनके विरुद्ध कांग्रेसियों ने टिप्पणिया की. यहां तक कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार संविधान के विरुद्ध आचरण करते हुए राजभवन के खिलाफ उच्च न्यायालय चली गई. नतीजा यह हुआ कि सरकार को आखिरकार मुंह की खानी पड़ी."
जनता के हित में आरक्षण सुनिश्चित करवाएं: भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि "अब समय आ गया है कि कांग्रेस आरक्षण के मामले पर झूठ की राजनीति बंद करे. जो डाक्यूमेंट्स जहां जरूरत है, वहां प्रस्तुत करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में भी केवल पेशियां बढ़वाई जा रही हैं. पुराना आरक्षण रद्द हुआ. उसमें भी कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता का हाथ है. कांग्रेस के कई नेताओं ने आरक्षण के खिलाफ याचिका लगाई. कांग्रेस अब जनता के हित में आरक्षण सुनिश्चित कराए."