रायपुर: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े हॉस्पिटल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टर्स ने बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी है. सीएमओ को पत्र लिखकर जूनियर डॉक्टरों ने किसी भी तरह की सुविधा न मिलने का आरोप लगाया है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वह पिछले 13 माह से कोविड ड्यूरी कर रहे हैं लेकिन इस महामारी से लड़ने के लिए प्रशासन द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. जिसका असर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. कई बार इस संबंध में शिकायत करने पर भी उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है.
जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि वे नॉन कोविड ड्यूटी को तत्काल प्रभाव से बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. वहीं कोरोना संक्रमण के बीच कोविड ड्यूटी और अन्य आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी. लेकिन अगर 15 अप्रैल तक मांगें नहीं मानी गई तो जूनियर डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवाएं और 18 अप्रैल के बाद कोविड मरीजों का इलाज भी बंद करने की चेतावनी दी है. जूनियर डॉक्टर्स का आरोप है कि उन्हें पीपीई किट, ग्लब्स, फेस मास्क उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. वे अपनी परेशानी अस्पताल अधीक्षक और डीन को बता चुके हैं. जूडा का कहना है कि वे प्रशासन की लापरवाही की वजह से हड़ताल करने को मजबूर हैं.
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ये है मांगें-
- जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मांग है कि दूरस्थ क्षेत्रों में भी सदस्य डॉक्टरों को कोविड ड्यूटी में सम्मिलित किया जाए.
- नर्सिंग स्टाफ लैब टेक्नीशियन वार्डबॉय सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए.
- समुचित सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की जाए.
- ग्रामीण सेवा अनुबंध 1 वर्ष का किया जाए.
- छात्रवृत्ति में नियमानुसार क्रम से इंटर डॉक्टर 20000 ,पीजी डॉक्टर प्रथम वर्ष 80000, पीजी डॉक्टर द्वितीय वर्ष और पीजी डॉ तिथि बस 85,000 रुपए की वृद्धि की जाए.
- कोविड वारियर्स समुचित प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए. रेजिडेंस डॉक्टर को 10000, पैरामेडिकल स्टाफ को 500, चतुर्थ वर्ग कर्मचारी को 200 प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए.
- जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पिछले 13 महीने से कोविड-19 में कार्यरत डॉक्टरों और कर्मचारियों को पर्याप्त सुविधा नहीं दी जा रही है. मांग करने के बाद भी इस संबंध में ध्यान नहीं दिया गया है. उनकी मांग है कि कोविड ड्यूटी में लगे सभी कर्मचारियों के लिए गुणवत्ता वाले पी पी ई किट N 95 मस्क सर्जिकल ग्लव्स , उचित सुरक्षा के उपकरण दिए जाए. संक्रमित रेजिडेंट डॉक्टर को अवैतनिक अवकाश के लिए विवश किया जा रहा है, उसे बंद किया जाए.
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मेकाहारा में हो रहा है कोरोना मरीजों का इलाज
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है. राजधानी रायपुर में स्थिति बिगड़ चुकी है. हर रोज हजारों की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. मेकाहारा की मर्च्युरी में शवों को रखने की जगह नहीं है. मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों के शव अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे हैं. बिस्तर और ऑक्सीजन की कमी के बीच जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से व्यवस्था और बिगड़ सकती है.