रायपुर: धरने पर बैठे कुछ डॉक्टरों का कहना है कि "वह कल से प्रदर्शन तो कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी व्यक्ति अभी तक धरने की ना तो वजह जानने आया, ना ही अपना समर्थन दिखाने आया. रेजिडेंड डॉक्टर कीर्तन प्रजापति ने बताया कि "इंडियन मेडिकल काउंसिल रायपुर के लोग इस धरने में अपना समर्थन देने आए नहीं, अन्य जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लोग भी इस प्रदर्शन में अपना समर्थन दे रहे हैं.
अन्य राज्यों के मुकाबले कम वेतन और मानदेय देने का आरोप: जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि "सभी राज्यों में हर रेजिडेंट को अधिक मानदेय दिया जा रहा है. उस मानदेय की तुलना में छत्तीसगढ़ के जूनियर रेजिडेंट की मानदेय बहुत कम है. जिस वजह से उन्हें काम करने में दिक्कत आ रही है. केवल मानदेय बढ़ाने के मांग को लेकर यहां डॉक्टर कल से धरने पर बैठे हुए हैं."
मशाल रैली निकालने की तैयारी: डॉक्टरों की तरफ से आज सुबह डीन से मुलाकात भी की गई, लेकिन डीन भी कोई समस्या का समाधान नहीं दे पाए. अब डॉक्टर मशाल रैली निकालने जा रहे हैं.
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सीनियर डॉक्टरों की छुट्टी कैंसिल कर लगाई ड्यूटी: अस्पतालों में पीजी रेसिडेंट, यूजी रेजिडेंट के अलावा पोस्टेड डॉक्टर अन्य मरीजों का इलाज कर रहे हैं. सभी सीनियर डॉक्टरों की छुट्टी कैंसिल करके उन्हें प्रशासन द्वारा अस्पताल में ओपीडी और अन्य विभागों में लगाया गया है. मरीज अस्पताल जा तो रहे हैं, पर उतनी संख्या में नहीं, जितनी पीजी रेजिडेंट और इन्टर्नस की उपस्थिति में होता था."
"स्वास्थ्य मंत्री उन्हें केवल आश्वासन दे रहे": नहीं नाम न बताने की शर्त पर एक डॉक्टर ने बताया कि, "स्वास्थ्य मंत्री हर हफ्ते दो से तीन दिन के गैप में अस्पताल का दौरा करते ही रहते हैं. साथ ही डॉक्टरों से खुलकर बातें भी करते हैं. स्वास्थ्य मंत्री से उनका मानदेय बढ़ाने की मांग का जाती है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री उन्हें केवल आश्वासन दे रहे हैं.
"सीएम की ओर से मिला केवल आश्वासन": डॉक्टर्स ने आगे बताया कि, "स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से साफ तौर पर कह दिया गया है कि मेरे हाथ में कुछ भी नहीं. आपकी मांगे जायज है, मैं इस बात को समझता भी हूं, परंतु जो भी कर सकते हैं वह मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं. इसी परेशानी को डॉक्टरों द्वारा मुख्यमंत्री तक भी पहुंचाई गई है, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक आश्वासन के अलावा कोई भी जवाब नहीं आया है."