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रायपुर में सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प बनेगा झोला बैंक

रायपुर में सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प झोला बैंक बनने जा रहा है. इस बैंक में लोग किराए पर झोला लेकर फिर वापस कर सकते हैं.

jhola bank
झोला बैंक की शुरुआत
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Published : Jul 8, 2022, 11:51 PM IST

Updated : Jul 9, 2022, 1:29 PM IST

रायपुर: सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने ( ban single use plastic in Chhattisgarh) के बाद रायपुर में लगभग 3000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं को नया रोजगार मिलने जा रहा है. शहरी रोजगार से जुड़े समूह की इन महिलाओं को अब प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए वैकल्पिक उत्पाद जैसे कपड़े के थैले, कागज के लिफाफे या कागज के थैले.. समूह की महिलाओं के द्वारा बनाया जाएगा. इसके लिए महिलाओं को रॉ मटेरियल के साथ ही राशि भी उपलब्ध कराई (Jhola Bank will become alternative to single use plastic in Raipur ) जाएगी. समूह की महिलाओं ने इसके पहले भी बर्तन बैंक और कोरोना काल में मास्क बनाकर पैसा कमाया है. नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी के संयुक्त प्रयास से इन महिलाओं को कपड़े और कागज के थैले बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. वर्तमान में शहर के प्रमुख बाजारों में झोला बैंक की भी स्थापना की (Raipur Jhola Bank will be alternative to single use plastic) गई है.

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद मिल रहा फायदा: समूह की महिला निशी झा ने बताया, "रायपुर नगर निगम के अंतर्गत कपड़े के थैले बनाने का काम बीते कुछ महीनों से चल रहा है. लेकिन 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाने के बाद कपड़े से बने थैले बनाने के इस कार्य को प्रोत्साहन भी मिल रहा है. विकल्प के तौर पर आने वाले समय में कपड़े के थैले के साथ ही कागज के थैले और पैकेट भी बनाए जाएंगे. आज के समय में हर कोई चाहता है कि उनका थैला ज्यादा वजन ना हो. इसे ध्यान में रखते हुए थैले की साइज और वजन के आधार पर थैला बनाने का काम समूह के द्वारा किया जा रहा है. यहां बन रहे थैलों की कीमत ₹10 से लेकर ₹60 तक है."

झोला बैंक से खत्म होगा प्लास्टिक बैग

झोला बैंक से ग्राहक किराए पर ले सकता है झोला: समूह की दूसरी महिला सावित्री चंद्राकर शास्त्री मार्केट में झोला बैंक का संचालन करती हैं. उन्होंने बताया, "समूह के द्वारा पिछले कुछ महीने से थैला बनाने के साथ ही नैपकिन और मास्क भी बनाया जा रहा है. लोग अगर जागरूक होकर कपड़े के थैले ज्यादा उपयोग करते हैं तो सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा. इस झोला बैंक में कोई ग्राहक एक निश्चित समय अवधि के लिए झोला ले जाता है. झोला वापस करने पर 50% की राशि ग्राहक को वापस कर दी जाएगी."

आवर्ती निधि से प्रदान की जा रही राशि: रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया "भारत सरकार के निर्देश पर 1 जुलाई से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक, जिसमें 19 प्रकार के आइटम शामिल हैं, तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर लोगों में जन जागरूकता लाने के निर्देश भी दिए गए हैं. नगरीय निकाय क्षेत्र में स्व-सहायता समूह की संख्या लगभग 3000 है. इन महिलाओं को सिंगल यूज प्लास्टिक के वैकल्पिक उपयोग कपड़े और कागज के थैली बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके लिए समूह को फाइनेंस के रूप में आवर्ती निधि से राशि प्रदान करने के साथ ही कपड़े भी उपलब्ध करा रही है."

यह भी पढ़ें: Single Use Plastics Ban from july: छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का सालभर में होता है 200 करोड़ का कारोबार

स्कूल कॉलेजों में चलाया जाएगा जन जागरूकता अभियान: रायपुर स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्रा ने बताया "सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित होने के बाद यह बात सामने आ रही थी कि इसका विकल्प क्या होगा और कैसे होगा. इस चीज को ध्यान में रखते हुए रायपुर स्मार्ट सिटी और रायपुर नगर निगम के संयुक्त प्रयास से पहल करते हुए शहर के प्रमुख बाजारों में कुछ महीने पहले ही झोला बैंक की स्थापना की गई है. समूह की महिलाओं के द्वारा कपड़े के थैले बनाकर बेचा जा रहा है. ये महिलाएं ऐसा कर आय अर्जित कर मुनाफा कमा रहीं हैं. आने वाले समय में फाइनेंसियल मॉडल भी तैयार किया जाएगा. सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर स्कूल और कॉलेजों में भी जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. यह संदेश भी दिया जाएगा कि इससे पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है. इससे कैसे बचा जा सकता है."

रायपुर: सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने ( ban single use plastic in Chhattisgarh) के बाद रायपुर में लगभग 3000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं को नया रोजगार मिलने जा रहा है. शहरी रोजगार से जुड़े समूह की इन महिलाओं को अब प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए वैकल्पिक उत्पाद जैसे कपड़े के थैले, कागज के लिफाफे या कागज के थैले.. समूह की महिलाओं के द्वारा बनाया जाएगा. इसके लिए महिलाओं को रॉ मटेरियल के साथ ही राशि भी उपलब्ध कराई (Jhola Bank will become alternative to single use plastic in Raipur ) जाएगी. समूह की महिलाओं ने इसके पहले भी बर्तन बैंक और कोरोना काल में मास्क बनाकर पैसा कमाया है. नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी के संयुक्त प्रयास से इन महिलाओं को कपड़े और कागज के थैले बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. वर्तमान में शहर के प्रमुख बाजारों में झोला बैंक की भी स्थापना की (Raipur Jhola Bank will be alternative to single use plastic) गई है.

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद मिल रहा फायदा: समूह की महिला निशी झा ने बताया, "रायपुर नगर निगम के अंतर्गत कपड़े के थैले बनाने का काम बीते कुछ महीनों से चल रहा है. लेकिन 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाने के बाद कपड़े से बने थैले बनाने के इस कार्य को प्रोत्साहन भी मिल रहा है. विकल्प के तौर पर आने वाले समय में कपड़े के थैले के साथ ही कागज के थैले और पैकेट भी बनाए जाएंगे. आज के समय में हर कोई चाहता है कि उनका थैला ज्यादा वजन ना हो. इसे ध्यान में रखते हुए थैले की साइज और वजन के आधार पर थैला बनाने का काम समूह के द्वारा किया जा रहा है. यहां बन रहे थैलों की कीमत ₹10 से लेकर ₹60 तक है."

झोला बैंक से खत्म होगा प्लास्टिक बैग

झोला बैंक से ग्राहक किराए पर ले सकता है झोला: समूह की दूसरी महिला सावित्री चंद्राकर शास्त्री मार्केट में झोला बैंक का संचालन करती हैं. उन्होंने बताया, "समूह के द्वारा पिछले कुछ महीने से थैला बनाने के साथ ही नैपकिन और मास्क भी बनाया जा रहा है. लोग अगर जागरूक होकर कपड़े के थैले ज्यादा उपयोग करते हैं तो सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा. इस झोला बैंक में कोई ग्राहक एक निश्चित समय अवधि के लिए झोला ले जाता है. झोला वापस करने पर 50% की राशि ग्राहक को वापस कर दी जाएगी."

आवर्ती निधि से प्रदान की जा रही राशि: रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया "भारत सरकार के निर्देश पर 1 जुलाई से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक, जिसमें 19 प्रकार के आइटम शामिल हैं, तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर लोगों में जन जागरूकता लाने के निर्देश भी दिए गए हैं. नगरीय निकाय क्षेत्र में स्व-सहायता समूह की संख्या लगभग 3000 है. इन महिलाओं को सिंगल यूज प्लास्टिक के वैकल्पिक उपयोग कपड़े और कागज के थैली बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके लिए समूह को फाइनेंस के रूप में आवर्ती निधि से राशि प्रदान करने के साथ ही कपड़े भी उपलब्ध करा रही है."

यह भी पढ़ें: Single Use Plastics Ban from july: छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का सालभर में होता है 200 करोड़ का कारोबार

स्कूल कॉलेजों में चलाया जाएगा जन जागरूकता अभियान: रायपुर स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्रा ने बताया "सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित होने के बाद यह बात सामने आ रही थी कि इसका विकल्प क्या होगा और कैसे होगा. इस चीज को ध्यान में रखते हुए रायपुर स्मार्ट सिटी और रायपुर नगर निगम के संयुक्त प्रयास से पहल करते हुए शहर के प्रमुख बाजारों में कुछ महीने पहले ही झोला बैंक की स्थापना की गई है. समूह की महिलाओं के द्वारा कपड़े के थैले बनाकर बेचा जा रहा है. ये महिलाएं ऐसा कर आय अर्जित कर मुनाफा कमा रहीं हैं. आने वाले समय में फाइनेंसियल मॉडल भी तैयार किया जाएगा. सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर स्कूल और कॉलेजों में भी जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. यह संदेश भी दिया जाएगा कि इससे पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है. इससे कैसे बचा जा सकता है."

Last Updated : Jul 9, 2022, 1:29 PM IST

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