रायपुर: छत्तीसगढ़ के बड़े आईपीएस अफसर जेपी सिंह पर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau, ACB) और इकॉनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offenses Wing, EoW) ने शिकंजा कसा है. ADGP जीपी सिंह के घर सहित 10 ठिकानों पर ACB और EOW ने दबिश दी है. इस अधिकारी का नाता पहले भी विवादों से रहा है.
बता दें कि जीपी सिंह साल 2019 में खुद एसीबी के चीफ थे. उन्हें भूपेश सरकार ने 1 साल पहले वहां से हटाकर पुलिस अकादमी भेज दिया था. इसके पहले वे रायपुर बिलासपुर और दुर्ग के आईजी भी रह चुके हैं.
विवादों और आरोपों से घिरे रहे हैं जीपी सिंह
आईपीएस जीपी सिंह (IPS GP Singh) लगातार विवादों में बने रहे हैं. चाहे बस्तर में गैलंट्री अवॉर्ड पाने की लालच में ग्रामीणों को नक्सली बताने का मामला हो, या फिर बिलासपुर एसपी सुसाइड मामला रहा हो. इसके अलावा आईजी के घर से लूट का सामान जब्त करने सहित खेल संचालक रहते हुए भी इन पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं.
गैलंट्री अवॉर्ड के लिए ग्रामीणों को बताया नक्सली
आईपीएस जीपी सिंह जब बस्तर में एसपी थे तो उस दौरान वे 100 लोगों को लेकर रायपुर पहुंचे थे. इस सभी को जीपी सिंह ने नक्सली बताया था. बाद में सभी आदिवासी निकले थे. कहते हैं ये सब उन्होंने गैलंट्री अवॉर्ड पाने के लिए किया था. इस घटना के बाद पुलिस विभाद की काफी किरकिरी हुई थी.
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आईजी के घर लूट की रकम बरामद करने साजिश का आरोप
जीपी सिंह जब बस्तर में एसपी थे तब बस्तर आईजी एमडब्लू अंसारी (Bastar IG MW Ansari) थे. उस दौरान जीपी सिंह और एम डब्लू अंसारी की आपस में नहीं बनती थी. जिसके बाद जीपी सिंह ने अंसारी के बंगले पर छापा मारा था और इस छापामार कार्रवाई के दौरान पीएसओ के कमरे से ढाई लाख रुपए भी बरामद किए गए थे. इसके तुरंत बाद जीपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर बताया कि यह ढाई लाख रुपए की रकम लूट की थी. इस कार्रवाई के बाद आई जी एम डब्लू अंसारी का तबादला कर दिया गया था.
विवाद के चलते खेल संचालक पद से हटाए गए थे जीपी सिंह
रमन सिंह के शासनकाल में जीपी सिंह को खेल विभाग का संचालक बनाया गया था. खेल विभाग में भी जीपी सिंह का विवादों से नाता बना रहा. आलम यह था कि जीपी सिंह से रायपुर के तात्कालीन सांसद रमेश बैस (MP Ramesh Bais) खासे नाराज चल रहे थे. इसको लेकर उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी शिकायत की थी और उसके कुछ समय बाद जीपी सिंह को खेल संचालक के पद से हटाते हुए राजकुमार देवांगन को वहां नियुक्त किया गया था.
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एसपी राहुल शर्मा सुसाइड मामले से भी जुड़ा रहा जीपी सिंह का विवाद
आईपीएस जीपी सिंह जब बिलासपुर के आईजी थे उस दौरान मार्च 2012 में बिलासपुर एसपी राहुल शर्मा की आत्महत्या का मामला (Bilaspur SP Rahul Sharma suicide case) सामने आया था. इस दौरान एसपी राहुल शर्मा और आईजी जीपी सिंह के बीच कई बार विवाद की बातें सामने आई थीं. यही नहीं सुसाइड नोट में भी राहुल शर्मा ने आईजी के द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था. हालांकि बाद में जांच के दौरान जीपी सिंह को क्लीन चिट दे दी गई. यहां तक की उनका प्रमोशन भी कर दिया गया.
ईओडब्ल्यू में नियुक्ति के बाद भी विवादों से नहीं टूटा नाता
जीपी सिंह का विवाद यहीं समाप्त नहीं हुआ कांग्रेस सरकार में जीपी सिंह को और डब्ल्यू में नियुक्त किया गया. लेकिन यहां भी इनके खिलाफ मिल रही शिकायतों के बाद उन्हें ईओडब्ल्यू से हटा दिया गया. इस बीच यह भी चर्चा है कि जीपी सिंह को हटाए जाने की शायद पहले से जानकारी थी. यही कारण था कि उन्होंने हटने के 2 दिन पहले ही एक आदेश जारी कर 11 एसीबी के कर्मचारियों को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) वापस भेज दिया था. इतना ही नहीं एक और आदेश के तहत तीन अधिकारियों को जिले में और एक सब इंस्पेक्टर को अंबिकापुर वापस भेज दिया था.
उस दौरान यह भी ने अभी चर्चा थी कि खुद सीएम ईओडब्लू के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे. कई सारी शिकायतें उन तक पहुंच रही थी. तभी रायपुर एसएसपी आरिफ शेख को ईओडब्ल्यू एवं एंटी करप्शन ब्यूरो का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. यह आदेश गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था. जिसकी जानकारी डीजीपी डीएम अवस्थी को भी नहीं थी.