रायपुर: 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाया जाता है. 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन भी माना जाता है. 21 जून 2015 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुरुआत की थी. जिसे कई देशों ने मान्यता दी है.
इस साल योग दिवस की थीम क्लाइमेट एक्शन (Climate Action) रखा गया है.
योग दिवस पर हम आपको ऐसे तीन आसन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक हैं-
योगा में चार ऐसे आसन हैं, जो बहुत ही सरल है. इनमें उष्ट्रासन, वज्रासन और शशांकासन है. ये सभी आसन घरेलू महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस आसन से पीठ का दर्द (बैक पेन) और घुटनों के दर्द से राहत मिलती है.
उष्ट्रासन- इस आसन से शरीर में लचीलापन आता है. इस आसन से पाचन शक्ति बढ़ती है. योग गुरु बताते हैं, इस आसन से पीठ और कंधे मजबूत होते हैं. साथ ही रीढ़ की हड्डी का दर्द भी कम होता है. इस आसन से महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म के समय परेशानी नहीं होती है.
उष्ट्रासन का तरीका
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं.
- इस बात का ध्यान रखें कि जांघ और पैर एक साथ हो और पंजे पीछे की ओर फर्श पर हो.
- घुटनों और पैरों के बीच करीब एक फुट की दूरी रखें.
- इसके बाद आप अपने घुटने पर खड़े होकर हो जाएं और सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें.
- अब दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखें.
- ध्यान रहे कि पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे.
- इसके बाद जांघों से फर्श पर समकोण बनाते हुए सिर पीछे की ओर झुका लें.
- शरीर का वजन बाहों और पावों पर समान रूप से होना चाहिए.
- अब धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े.
- फिर लंबी गहरी सांस छोड़ते सामान्य स्थिति में आ जाएं.
- इस आसन को 5-7 बार कर सकते हैं.
उष्ट्रासन के फायदे
- इस आसन से पेट की चर्बी कम करने के साथ वजन को कंट्रोल कर सकते हैं.
- डायबिटीज के मरीजों के लिए ये योग बहुत फायदेमंद है.
- इस आसन से डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं.
- फेफड़ों को स्वस्थ रखने में ये आसन बहुत मददगार है.
- इस आसन से गुस्से पर कंट्रोल किया जा सकता है.
- उष्ट्रासन से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है.
- पाचन से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलता है.
- स्लिप डिस्क और साइटिका की प्रॉब्लम इससे दूर होता है.
- महिलाओं में पीरियड्स के दौरान दर्द की प्रॉब्लम दूर होता है.
- इन बातों का रखें ध्यान
- उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित इसे न करें.
- हर्निया से पीड़ित व्यक्ति इस योग को न करें.
- अधिक कमर दर्द में इस आसन को करना खतरनाक हो सकता है.
वज्रासन-
वज्रासन एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन या नाश्ते के बाद तुरंत किया जा सकता है. स्वास्थ्य के लिए वज्रासन काफी फायदेमंद होता है. वज्रासन हर उम्र के लोग कर सकते हैं. वज्रासन को इंलग्शि में 'Diamond Pose' कहा जाता है. शरीर में रक्त का संचार दुरुस्त करने और पाचनशक्ति (Digestive System) बढ़ाने के लिए वज्रासन करना अच्छा होता है.
ऐसे करें वज्रासन
- स्वच्छ, साफ और समतल जगह पर एक चटाई बिछा लें.
- अब अपने दोनों पैर सामने की और फैला लें.
- अब अपने शरीर का वजन बाईं और थोड़ा झुका कर अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ कर दाएं नीचे की ओर लगा दें.
- ध्यान रहे दोनों पैरों के पंजे इस तरह मुड़े होने चाहिए कि तशरीफ उसके उपर आराम से रखी जा सके.
- अब अपने दोनो हाथों के पंजों को अपने घुटनों पर लगा दें.
- दोनों हथेलियां (palms) घुटनों की ओर होनी चाहिए.
- वज्रासन में बैठ कर शरीर आड़ा-टेड़ा ना करें, शरीर को सीधा रखें.
वज्रासन के फायदे
- शरीर का वजन कम करने में सहायता मिलती है.
- जांघों की चर्बी घटती है. जांघों का आकार सुडौल और सुंदर बनता है.
- पेट और कमर से अधिक चर्बी कम हो जाती है.
- वज्रासन से उच्च रक्तचाप की समस्या दूर होती है.
- वज्रासन में सावधानी
- हड्डियां चटकनें की बीमारी या हड्डियां कमजोर हो तो इसे न करें.
- गर्भवती महिलाओं को वज्रासन बिलकुल नहीं करना चाहिए.
शशांक आसन-
शंशाक का अर्थ होता है खरगोश. इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की खरगोश जैसे आकृति बन जाती है. इसलिए इसे शशांक आसन कहते हैं. यह आसन पेट-कमर की चर्बी को कम करता है. इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन और मानसिक रोग से छुटकारा मिलता है.
आसन विधि-
- वज्रासन में बैठ जाएं और दोनों हाथों को श्वांस भरते हुए ऊपर उठा लें.
- कंधों को कानों से सटा हुआ महसूस करें.
- सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे समानांतर फैलाएं.
- श्वांस बाहर निकालते हुए हथेलियों को जमीन पर टिका दें.
- इसके बाद माथे को भी जमीन पर टिका दें.
- कुछ समय तक इसी स्थिति में रहकर फिर से वज्रासन की स्थिति में आ जाएं.