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International Yoga Day 2019: करें योग, रहें निरोग, ETV भारत पर जानिए टिप्स

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Published : Jun 20, 2019, 11:48 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 12:13 PM IST

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2015 में शुरुआत की गई थी. हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता था. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सर्वसम्मति से योग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया था. योग भारत में उत्पन्न एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

रायपुर: 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाया जाता है. 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन भी माना जाता है. 21 जून 2015 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुरुआत की थी. जिसे कई देशों ने मान्यता दी है.

INTERNATIONAL YOG DAY 2019
शशांक आसन

इस साल योग दिवस की थीम क्लाइमेट एक्शन (Climate Action) रखा गया है.

INTERNATIONAL YOG DAY 2019
वज्रासन

योग दिवस पर हम आपको ऐसे तीन आसन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक हैं-

योगा में चार ऐसे आसन हैं, जो बहुत ही सरल है. इनमें उष्ट्रासन, वज्रासन और शशांकासन है. ये सभी आसन घरेलू महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस आसन से पीठ का दर्द (बैक पेन) और घुटनों के दर्द से राहत मिलती है.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

उष्ट्रासन- इस आसन से शरीर में लचीलापन आता है. इस आसन से पाचन शक्ति बढ़ती है. योग गुरु बताते हैं, इस आसन से पीठ और कंधे मजबूत होते हैं. साथ ही रीढ़ की हड्डी का दर्द भी कम होता है. इस आसन से महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म के समय परेशानी नहीं होती है.

उष्ट्रासन का तरीका

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं.
  • इस बात का ध्यान रखें कि जांघ और पैर एक साथ हो और पंजे पीछे की ओर फर्श पर हो.
  • घुटनों और पैरों के बीच करीब एक फुट की दूरी रखें.
  • इसके बाद आप अपने घुटने पर खड़े होकर हो जाएं और सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें.
  • अब दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखें.
  • ध्‍यान रहे कि पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे.
  • इसके बाद जांघों से फर्श पर समकोण बनाते हुए सिर पीछे की ओर झुका लें.
  • शरीर का वजन बाहों और पावों पर समान रूप से होना चाहिए.
  • अब धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े.
  • फिर लंबी गहरी सांस छोड़ते सामान्य स्थिति में आ जाएं.
  • इस आसन को 5-7 बार कर सकते हैं.

उष्ट्रासन के फायदे

  • इस आसन से पेट की चर्बी कम करने के साथ वजन को कंट्रोल कर सकते हैं.
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए ये योग बहुत फायदेमंद है.
  • इस आसन से डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं.
  • फेफड़ों को स्वस्थ रखने में ये आसन बहुत मददगार है.
  • इस आसन से गुस्से पर कंट्रोल किया जा सकता है.
  • उष्ट्रासन से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है.
  • पाचन से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलता है.
  • स्लिप डिस्क और साइटिका की प्रॉब्लम इससे दूर होता है.
  • महिलाओं में पीरियड्स के दौरान दर्द की प्रॉब्लम दूर होता है.
  • इन बातों का रखें ध्यान
  • उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित इसे न करें.
  • हर्निया से पीड़ित व्‍यक्ति इस योग को न करें.
  • अधिक कमर दर्द में इस आसन को करना खतरनाक हो सकता है.

वज्रासन-
वज्रासन एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन या नाश्ते के बाद तुरंत किया जा सकता है. स्वास्थ्य के लिए वज्रासन काफी फायदेमंद होता है. वज्रासन हर उम्र के लोग कर सकते हैं. वज्रासन को इंलग्शि में 'Diamond Pose' कहा जाता है. शरीर में रक्त का संचार दुरुस्त करने और पाचनशक्ति (Digestive System) बढ़ाने के लिए वज्रासन करना अच्छा होता है.

ऐसे करें वज्रासन

  • स्वच्छ, साफ और समतल जगह पर एक चटाई बिछा लें.
  • अब अपने दोनों पैर सामने की और फैला लें.
  • अब अपने शरीर का वजन बाईं और थोड़ा झुका कर अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ कर दाएं नीचे की ओर लगा दें.
  • ध्यान रहे दोनों पैरों के पंजे इस तरह मुड़े होने चाहिए कि तशरीफ उसके उपर आराम से रखी जा सके.
  • अब अपने दोनो हाथों के पंजों को अपने घुटनों पर लगा दें.
  • दोनों हथेलियां (palms) घुटनों की ओर होनी चाहिए.
  • वज्रासन में बैठ कर शरीर आड़ा-टेड़ा ना करें, शरीर को सीधा रखें.

वज्रासन के फायदे

  • शरीर का वजन कम करने में सहायता मिलती है.
  • जांघों की चर्बी घटती है. जांघों का आकार सुडौल और सुंदर बनता है.
  • पेट और कमर से अधिक चर्बी कम हो जाती है.
  • वज्रासन से उच्च रक्तचाप की समस्या दूर होती है.
  • वज्रासन में सावधानी
  • हड्डियां चटकनें की बीमारी या हड्डियां कमजोर हो तो इसे न करें.
  • गर्भवती महिलाओं को वज्रासन बिलकुल नहीं करना चाहिए.

शशांक आसन-
शंशाक का अर्थ होता है खरगोश. इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की खरगोश जैसे आकृति बन जाती है. इसलिए इसे शशांक आसन कहते हैं. यह आसन पेट-कमर की चर्बी को कम करता है. इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन और मानसिक रोग से छुटकारा मिलता है.

आसन विधि-

  • वज्रासन में बैठ जाएं और दोनों हाथों को श्वांस भरते हुए ऊपर उठा लें.
  • कंधों को कानों से सटा हुआ महसूस करें.
  • सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे समानांतर फैलाएं.
  • श्वांस बाहर निकालते हुए हथेलियों को जमीन पर टिका दें.
  • इसके बाद माथे को भी जमीन पर टिका दें.
  • कुछ समय तक इसी स्थिति में रहकर फिर से वज्रासन की‍ स्थिति में आ जाएं.

रायपुर: 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाया जाता है. 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन भी माना जाता है. 21 जून 2015 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुरुआत की थी. जिसे कई देशों ने मान्यता दी है.

INTERNATIONAL YOG DAY 2019
शशांक आसन

इस साल योग दिवस की थीम क्लाइमेट एक्शन (Climate Action) रखा गया है.

INTERNATIONAL YOG DAY 2019
वज्रासन

योग दिवस पर हम आपको ऐसे तीन आसन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक हैं-

योगा में चार ऐसे आसन हैं, जो बहुत ही सरल है. इनमें उष्ट्रासन, वज्रासन और शशांकासन है. ये सभी आसन घरेलू महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस आसन से पीठ का दर्द (बैक पेन) और घुटनों के दर्द से राहत मिलती है.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

उष्ट्रासन- इस आसन से शरीर में लचीलापन आता है. इस आसन से पाचन शक्ति बढ़ती है. योग गुरु बताते हैं, इस आसन से पीठ और कंधे मजबूत होते हैं. साथ ही रीढ़ की हड्डी का दर्द भी कम होता है. इस आसन से महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म के समय परेशानी नहीं होती है.

उष्ट्रासन का तरीका

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं.
  • इस बात का ध्यान रखें कि जांघ और पैर एक साथ हो और पंजे पीछे की ओर फर्श पर हो.
  • घुटनों और पैरों के बीच करीब एक फुट की दूरी रखें.
  • इसके बाद आप अपने घुटने पर खड़े होकर हो जाएं और सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें.
  • अब दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखें.
  • ध्‍यान रहे कि पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे.
  • इसके बाद जांघों से फर्श पर समकोण बनाते हुए सिर पीछे की ओर झुका लें.
  • शरीर का वजन बाहों और पावों पर समान रूप से होना चाहिए.
  • अब धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े.
  • फिर लंबी गहरी सांस छोड़ते सामान्य स्थिति में आ जाएं.
  • इस आसन को 5-7 बार कर सकते हैं.

उष्ट्रासन के फायदे

  • इस आसन से पेट की चर्बी कम करने के साथ वजन को कंट्रोल कर सकते हैं.
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए ये योग बहुत फायदेमंद है.
  • इस आसन से डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं.
  • फेफड़ों को स्वस्थ रखने में ये आसन बहुत मददगार है.
  • इस आसन से गुस्से पर कंट्रोल किया जा सकता है.
  • उष्ट्रासन से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है.
  • पाचन से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलता है.
  • स्लिप डिस्क और साइटिका की प्रॉब्लम इससे दूर होता है.
  • महिलाओं में पीरियड्स के दौरान दर्द की प्रॉब्लम दूर होता है.
  • इन बातों का रखें ध्यान
  • उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित इसे न करें.
  • हर्निया से पीड़ित व्‍यक्ति इस योग को न करें.
  • अधिक कमर दर्द में इस आसन को करना खतरनाक हो सकता है.

वज्रासन-
वज्रासन एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन या नाश्ते के बाद तुरंत किया जा सकता है. स्वास्थ्य के लिए वज्रासन काफी फायदेमंद होता है. वज्रासन हर उम्र के लोग कर सकते हैं. वज्रासन को इंलग्शि में 'Diamond Pose' कहा जाता है. शरीर में रक्त का संचार दुरुस्त करने और पाचनशक्ति (Digestive System) बढ़ाने के लिए वज्रासन करना अच्छा होता है.

ऐसे करें वज्रासन

  • स्वच्छ, साफ और समतल जगह पर एक चटाई बिछा लें.
  • अब अपने दोनों पैर सामने की और फैला लें.
  • अब अपने शरीर का वजन बाईं और थोड़ा झुका कर अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ कर दाएं नीचे की ओर लगा दें.
  • ध्यान रहे दोनों पैरों के पंजे इस तरह मुड़े होने चाहिए कि तशरीफ उसके उपर आराम से रखी जा सके.
  • अब अपने दोनो हाथों के पंजों को अपने घुटनों पर लगा दें.
  • दोनों हथेलियां (palms) घुटनों की ओर होनी चाहिए.
  • वज्रासन में बैठ कर शरीर आड़ा-टेड़ा ना करें, शरीर को सीधा रखें.

वज्रासन के फायदे

  • शरीर का वजन कम करने में सहायता मिलती है.
  • जांघों की चर्बी घटती है. जांघों का आकार सुडौल और सुंदर बनता है.
  • पेट और कमर से अधिक चर्बी कम हो जाती है.
  • वज्रासन से उच्च रक्तचाप की समस्या दूर होती है.
  • वज्रासन में सावधानी
  • हड्डियां चटकनें की बीमारी या हड्डियां कमजोर हो तो इसे न करें.
  • गर्भवती महिलाओं को वज्रासन बिलकुल नहीं करना चाहिए.

शशांक आसन-
शंशाक का अर्थ होता है खरगोश. इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की खरगोश जैसे आकृति बन जाती है. इसलिए इसे शशांक आसन कहते हैं. यह आसन पेट-कमर की चर्बी को कम करता है. इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन और मानसिक रोग से छुटकारा मिलता है.

आसन विधि-

  • वज्रासन में बैठ जाएं और दोनों हाथों को श्वांस भरते हुए ऊपर उठा लें.
  • कंधों को कानों से सटा हुआ महसूस करें.
  • सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे समानांतर फैलाएं.
  • श्वांस बाहर निकालते हुए हथेलियों को जमीन पर टिका दें.
  • इसके बाद माथे को भी जमीन पर टिका दें.
  • कुछ समय तक इसी स्थिति में रहकर फिर से वज्रासन की‍ स्थिति में आ जाएं.
Intro:रायपुर दिनभर की भागदौड़ भरी जिंदगी के बाद हर व्यक्ति चाहता है कि वह थोड़ी बहुत योग जरूर करें योग से जहां ध्यान केंद्रित होता है वहीं दूसरी ओर व्यक्ति टेंशन फ्री भी रहता है हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे आसन जो आप घर में ही कर सकते हैं वह भी बड़ी आसानी से


Body:हम बात करेंगे 4 योगासनों की जो सरल है साथ ही हर पर आसानी से किया जा सकता है उनमें है उष्ट्रासन, वज्रासन, शशांकासन, और शुफ्टवज्र आसन । यह आसन घरेलू महिलाओं के लिए भी उपयोगी है क्योंकि इससे बैक पेन और घुटनों के दर्द से भी आराम मिलता है लंच की जो समस्याएं होती हैं उससे भी इस आसन के द्वारा राहत मिलती है

उष्ट्रासन - उष्ट्र एक संस्कृत भाषा का शब्द है इसका अर्थ होता है उष्ट्रासन एक मध्यवर्ती पीछे जितने योगासन है जो हृदय चक्र को खुलता है इस आसन से शरीर में लचीलापन आता है इस आसन से पाचन शक्ति बढ़ती है पीठ और कंधों की मजबूती होती है साथ ही रीढ़ की हड्डी में दर्द होते हैं वह भी कम होता है मासिक धर्म के समय परेशानी नहीं होती ।

वज्रासन - योगासन का नाम इस आसन को करते समय बने आकार से निकलता है हीरे के आकार का या फिर ध्वज के आकार का इसे वज्रासन का आकार से वज्रासन का नाम लेता है वज्रासन में बैठकर आप प्राणायाम कर सकते हैं इस इस आसन को करने से पेट के नीचे हिस्से में रक्त का संचार बढ़ता है जिससे पाचन में सुधार होता है भोजन के पश्चात वज्रासन में बैठने से भोजन का पाचन अच्छा होता है अधिक आयु 27 दर्द से आराम मिलता है प्यार और जांघों की नसें मजबूत होती है

शशांक आसन - शशक का अर्थ होता है खरगोश इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की खरगोश जैसे आकृति बन जाती है इसलिए इसे शशांक आसन कहते हैं हेलो के लिए लाभदायक है यह आसन पेट कमर की चर्बी को कम करता है इस आश्रम को नियमित अभ्यास से तनाव क्रोध चिड़चिड़ापन आदि मानसिक रोग भी दूर होत है


Conclusion:इस तरह आप घर पर ही इन आसनों का प्रयोग करके अपने रोजाना की जिंदगी में तनाव मुक्त जीवन पा सकते हैं

बाइट - मंजू झा
Last Updated : Jun 21, 2019, 12:13 PM IST
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