ETV Bharat / state

मिसाल: गरीबों की जमीन के लिए लड़ने वाली जगन्नाथन, जिनकी बात राजीव गांधी को भी माननी पड़ी

कृष्णाम्मल जगन्नाथ के जीवन की कहानी

inspiring story of krishnammal jagannathan on etv bharat for womens day
गरीबों की जमीन के लिए लड़ने वाली जगन्नाथन
author img

By

Published : Mar 6, 2020, 12:06 AM IST

चेन्नई: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम साल 2020 में पद्म पुरस्कार के लिए चयनित महिलाओं के संघर्ष और सफलता की कहानी आप तक पहुंचा रहे हैं. आज की कहानी है भारत के तमिलनाडु राज्य से. यहां की कृष्णाम्मल जगन्नाथ को समाज सेवा के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण के लिए चुना है. सामाजिक कार्यों में शामिल होने के बावजूद, उम्र के इस पड़ाव में भी उन्होंने ETV भारत के साथ अपने संघर्ष, महात्मा गांधी के साथ यात्रा, विनोबा भावे की यादें साझा कीं.

कृष्णाम्मल जगन्नाथ के जीवन की कहानी

महान तमिल कवि भारथियार ने देवी पराशक्ति से प्रार्थना की कि वह कम से कम जमीन का टुकड़ा दे, वह भूमि जहां मनुष्य रहता था, अपने जीवन के बाद भी अपने जीवन को सार्थक बनाता है. लेकिन सभी मनुष्यों के पास अपनी जमीन नहीं है. मानव जाति ने अपनी जमीन सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के संघर्ष देखे हैं. पद्म पुरस्कार के लिए समाजसेविका कृष्णाम्मल ने भूमिहीन गरीबों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है. कई गरीबों के जमीन के सपनों को उन्होंने हकीकत में बदल दिया.

krishnammal jagannathan on womens day
संघर्षों से भरा रहा जगन्नाथन का जीवन

संघर्षों से भरा रहा जीवन

16 जून वर्ष 1926 में जन्मी कृष्णाम्मल जगन्नाथ का जीवन संघर्षों से भरा रहा. बचपन में उनके सिर से पिता का साया उठ गया. अपनी शिक्षा के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा फिर मदुरै के अमेरिकन कॉलेज से उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपने पति शंकरलिंगम जगन्नाथ के साथ वे सामाजिक अन्याय के खिलाफ खड़ी हो गईं. वे गांधीवादी कार्यकर्ता हैं. उन्होंने भूमिहीनों और गरीबों के उत्थान के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है. न सिर्फ वे सरकार के खिलाफ खड़ी हुईं बल्कि उद्योगों से भी लोहा लिया. कृष्णाम्मल जगन्नाथ के पति ने समाज सेवा में हमेशा उनका साथ दिया.

krishnammal jagannathan on womens day
कृष्णाम्मल जगन्नाथ को मिल चुके हैं कई पुरस्कार

एक घटना ने कृष्णाम्मल को झकझोरा

एक घटना का जिक्र है, जिसने कृष्णाम्मल जगन्नाथ को बहुत झकझोर दिया था. 1968 में, नागई जिले के कीज वेनमनी में 44 महिलाएं, बच्चे समेत पूरे परिवार को जिंदा जला दिया गया. इसकी वजह इतनी थी कि उन्होंने शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त मजदूरी के रूप में धान का आधा हिस्सा मांग लिया था. उस क्षेत्र में उपजाऊ जमीन होने के बाद भी ज्यादातर किसान गरीब मजबूर थे. इस विषसमा को दूर करने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा. उन्हें हिंसा की चेतावनी दी गई. एक वक्त आया जब महिलाएं को उन पर अविश्वास हुआ और उन्हें गांव में प्रवेश न करने की चेतावनी दी गई.

krishnammal jagannathan on womens day
कृष्णाम्मल जगन्नाथ को समाज सेवा के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण के लिए चुना

महिलाओं के साथ कई बार जेल गईं

वे महिलाओं के साथ कई बार जेल भी गई हैं. लेकिन अंत में जीत उनकी हुई. इसके लिए उन्हें पूर्व सीएम करुणानिधि की तरह कई लोगों को धन्यवाद कहा है, जिन्होंने भी गरीबों की जमीन बचाने में मदद की. उन्होंने अपने संघर्ष से जाति असमानता जैसी कई कुरूतियों को दूर तक संतुलने बनाने की कोशिश की.

विनोबा भावे के साथ घनिष्ठ संबंध रहे

कृष्णाम्मल जगन्नाथ बताती हैं कि तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि ने कृष्णमल को शुरुआती दौर में गरीब लोगों के जीवन को आकार देने में मदद की. बाद में विनोबा भावे के साथ घनिष्ठ संबंध रहे. मन्नई जयप्रकाश भी उनके संघर्ष के दिनों के साथ रहे.

5 हजार का निर्माण लक्ष्य

कृष्णाम्मल जगन्नाथ का लक्ष्य अब तूफान में प्रभावित होने वाले लोगों के लिए 5,000 घरों का निर्माण करना है. जबकि वह मंदिर और पोरबोक भूमि के लिए पट्टा जारी करने के लिए अनुरोध करती है, वह कहती हैं कि अगर सरकार पट्टा और सामग्री प्रदान करती है, तो वह उन कामों को तेजी से पूरा कर सकती है और अगले चरण के संघर्ष के साथ आगे बढ़ सकती है. वे शराबबंदी का समर्थन करती हैं. कहती हैं कि शराब की दुकानें गरीबों को गरीब बनाए रखती हैं.

यौन उत्पीड़न का जिक्र किया

कृष्णाम्मल जगन्नाथ ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का जिक्र भी हमसे बातचीत में किया. इसने उन्हें और मजबूत बनाया. वे न सिर्फ खुद मजबूत हुईं बल्कि बाकी महिलाओं को भी बोल्ड होने के लिए प्रेरित किया.

मिल चुके हैं कई पुरस्कार

2008 में राइट लाइवलीहुड अवार्ड, जिसे उन्होंने अपने पति के साथ साझा किया. इसके साथ ही उन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हुए. 2020 में वे पद्म भूषण के लिए चयनित हुई हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी वे उत्साह के साथ लोगों की मदद करती हैं और समाजसेवा का कार्य जारी रखा है. हम यही कामना करते हैं कि ईश्वर उन्हें लंबी उम्र और ताकत दे.

चेन्नई: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम साल 2020 में पद्म पुरस्कार के लिए चयनित महिलाओं के संघर्ष और सफलता की कहानी आप तक पहुंचा रहे हैं. आज की कहानी है भारत के तमिलनाडु राज्य से. यहां की कृष्णाम्मल जगन्नाथ को समाज सेवा के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण के लिए चुना है. सामाजिक कार्यों में शामिल होने के बावजूद, उम्र के इस पड़ाव में भी उन्होंने ETV भारत के साथ अपने संघर्ष, महात्मा गांधी के साथ यात्रा, विनोबा भावे की यादें साझा कीं.

कृष्णाम्मल जगन्नाथ के जीवन की कहानी

महान तमिल कवि भारथियार ने देवी पराशक्ति से प्रार्थना की कि वह कम से कम जमीन का टुकड़ा दे, वह भूमि जहां मनुष्य रहता था, अपने जीवन के बाद भी अपने जीवन को सार्थक बनाता है. लेकिन सभी मनुष्यों के पास अपनी जमीन नहीं है. मानव जाति ने अपनी जमीन सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के संघर्ष देखे हैं. पद्म पुरस्कार के लिए समाजसेविका कृष्णाम्मल ने भूमिहीन गरीबों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है. कई गरीबों के जमीन के सपनों को उन्होंने हकीकत में बदल दिया.

krishnammal jagannathan on womens day
संघर्षों से भरा रहा जगन्नाथन का जीवन

संघर्षों से भरा रहा जीवन

16 जून वर्ष 1926 में जन्मी कृष्णाम्मल जगन्नाथ का जीवन संघर्षों से भरा रहा. बचपन में उनके सिर से पिता का साया उठ गया. अपनी शिक्षा के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा फिर मदुरै के अमेरिकन कॉलेज से उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपने पति शंकरलिंगम जगन्नाथ के साथ वे सामाजिक अन्याय के खिलाफ खड़ी हो गईं. वे गांधीवादी कार्यकर्ता हैं. उन्होंने भूमिहीनों और गरीबों के उत्थान के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है. न सिर्फ वे सरकार के खिलाफ खड़ी हुईं बल्कि उद्योगों से भी लोहा लिया. कृष्णाम्मल जगन्नाथ के पति ने समाज सेवा में हमेशा उनका साथ दिया.

krishnammal jagannathan on womens day
कृष्णाम्मल जगन्नाथ को मिल चुके हैं कई पुरस्कार

एक घटना ने कृष्णाम्मल को झकझोरा

एक घटना का जिक्र है, जिसने कृष्णाम्मल जगन्नाथ को बहुत झकझोर दिया था. 1968 में, नागई जिले के कीज वेनमनी में 44 महिलाएं, बच्चे समेत पूरे परिवार को जिंदा जला दिया गया. इसकी वजह इतनी थी कि उन्होंने शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त मजदूरी के रूप में धान का आधा हिस्सा मांग लिया था. उस क्षेत्र में उपजाऊ जमीन होने के बाद भी ज्यादातर किसान गरीब मजबूर थे. इस विषसमा को दूर करने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा. उन्हें हिंसा की चेतावनी दी गई. एक वक्त आया जब महिलाएं को उन पर अविश्वास हुआ और उन्हें गांव में प्रवेश न करने की चेतावनी दी गई.

krishnammal jagannathan on womens day
कृष्णाम्मल जगन्नाथ को समाज सेवा के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण के लिए चुना

महिलाओं के साथ कई बार जेल गईं

वे महिलाओं के साथ कई बार जेल भी गई हैं. लेकिन अंत में जीत उनकी हुई. इसके लिए उन्हें पूर्व सीएम करुणानिधि की तरह कई लोगों को धन्यवाद कहा है, जिन्होंने भी गरीबों की जमीन बचाने में मदद की. उन्होंने अपने संघर्ष से जाति असमानता जैसी कई कुरूतियों को दूर तक संतुलने बनाने की कोशिश की.

विनोबा भावे के साथ घनिष्ठ संबंध रहे

कृष्णाम्मल जगन्नाथ बताती हैं कि तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि ने कृष्णमल को शुरुआती दौर में गरीब लोगों के जीवन को आकार देने में मदद की. बाद में विनोबा भावे के साथ घनिष्ठ संबंध रहे. मन्नई जयप्रकाश भी उनके संघर्ष के दिनों के साथ रहे.

5 हजार का निर्माण लक्ष्य

कृष्णाम्मल जगन्नाथ का लक्ष्य अब तूफान में प्रभावित होने वाले लोगों के लिए 5,000 घरों का निर्माण करना है. जबकि वह मंदिर और पोरबोक भूमि के लिए पट्टा जारी करने के लिए अनुरोध करती है, वह कहती हैं कि अगर सरकार पट्टा और सामग्री प्रदान करती है, तो वह उन कामों को तेजी से पूरा कर सकती है और अगले चरण के संघर्ष के साथ आगे बढ़ सकती है. वे शराबबंदी का समर्थन करती हैं. कहती हैं कि शराब की दुकानें गरीबों को गरीब बनाए रखती हैं.

यौन उत्पीड़न का जिक्र किया

कृष्णाम्मल जगन्नाथ ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का जिक्र भी हमसे बातचीत में किया. इसने उन्हें और मजबूत बनाया. वे न सिर्फ खुद मजबूत हुईं बल्कि बाकी महिलाओं को भी बोल्ड होने के लिए प्रेरित किया.

मिल चुके हैं कई पुरस्कार

2008 में राइट लाइवलीहुड अवार्ड, जिसे उन्होंने अपने पति के साथ साझा किया. इसके साथ ही उन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हुए. 2020 में वे पद्म भूषण के लिए चयनित हुई हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी वे उत्साह के साथ लोगों की मदद करती हैं और समाजसेवा का कार्य जारी रखा है. हम यही कामना करते हैं कि ईश्वर उन्हें लंबी उम्र और ताकत दे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.