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Coal Levy Scam: छत्तीसगढ़ में ईडी एक्शन की इनसाइड स्टोरी, जानिए अब तक क्या क्या हुआ ?

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ईडी ने दबिश दी है. मंगलवार को रायपुर और दुर्ग में ईडी की टीम ने कार्रवाई की है. इस एक्शन में कुल 51.40 करोड़ की संपत्ति को कुर्क और अटैच किया गया है. इससे पहले छत्तीसगढ़ में ईडी की तरफ से 170 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को अटैच किया गया था. ED Action in cg

ED Action on Coal Levy Scam in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में कोल लेवी स्कैम
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Published : May 9, 2023, 7:40 PM IST

रायपुर/दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोल लेवी स्कैम और शराब घोटाले को लेकर ईडी की कार्रवाई चल रही है. रविवार को ईडी ने 2000 करोड़ के शराब घोटाले का खुलासा किया था. उसके बाद मंगलवार को ईडी ने कोल लेवी स्कैम में 51.40 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया है. जबकि इससे पहले 170 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया गया था. कुल मिलाकार छत्तीसगढ़ में अब तक 221.5 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है. आइए जानते हैं कैसे ईडी ने सिलसिलेवार ढंग से इस तरह की कुर्की की कार्रवाई को छत्तीसगढ़ में किया है.

देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय और रामगोपाल अग्रवाल की संपत्ति कुर्क: ईडी ने मंगलवार को पीएमएलए (PMLA) के एक मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय और पीसीसी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत अन्य की 90 अचल संपत्ति को कुर्क किया है. इसके अलावा लग्जरी वाहन, आभूषण और 51 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी कुर्क की गई है.

इन लोगों की भी संपत्तियां जब्त: जब्त की गई संपत्तियां आईएएस अधिकारी रानू साहू, कोयला व्यापारी और मामले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी के अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह और स्थानीय पार्टी नेता विनोद तिवारी की भी हैं. रानू साहू से ईडी ने कुछ महीने पहले पूछताछ की थी. जब वह रायगढ़ की कलेक्टर थी.

"सूर्यकांत तिवारी से कई लोगों के वित्तीय संबंध": ईडी ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि "धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत यह कुर्की की कार्रवाई की गई है. इनकी कीमत कुल 51.40 करोड़ रुपये है". ईडी का दावा है कि कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के साथ देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय, पीसीसी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और रानू साहू के वित्तीय संबंध के प्रमाण हैं. ईडी के मुताबिक "अपराध से प्राप्त आय या समकक्ष संपत्तियों को जमा करके बनाई गई संपत्तियों की पीएमएलए के तहत कुर्की की कार्रवाई के लिए पहचान की गई है.ताजा कार्रवाई ईडी द्वारा कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद हुई है."

कई नौकरशाह समेत इनकी संपत्ति हुई कुर्क: ऐजेंसी ने पहले इस मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ भी कार्रवाई की थी. उनकी कुल 170 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया था. अब तक कुल 221.5 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है. ईडी ने जांच में पहले खुलासा किया था कि "राज्य में कोल लेवी स्कैम हुआ है. यहां वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़ा एक कार्टेल काम कर रहा था. जिसमें छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी." ईडी इस मामले में अब तक सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई समेत 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. फिलहाल ये सभी लोग न्यायिक हिरासत में है.

ये भी पढ़ें: Raipur : सराफा कारोबारी पर ईडी की दबिश, शराब घोटाले से जुड़े हो सकते हैं तार

मनी लॉन्ड्रिंग और कोल लेवी स्कैम का कैसे हुआ खुलासा: ईडी ने बताया कि" आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में जून 2022 में छापेमार कार्रवाई की थी. जिसमें कोल लेवी स्कैम का खुलासा हुआ था. उसके बाद ईडी की तरफ से किए गए जांच में कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी इस स्कैम का सरगना निकला. प्रदेश में कोयला ट्रांसपोर्टर्स, उद्योगपतियों और अधिकारियों की सांठ गांठ से इसे अंजाम दिया गया. फिर इस टीम में कई स्तर के कर्मचारियों को शामिल किया गया. उनकी टीम निचले स्तर के सरकारी अधिकारियों और कोयला ट्रांसपोर्टरों और उपयोगकर्ता के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय कर रही थी. फिर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए. इसमें प्रत्येक कोयला वितरण आदेश की एक्सेल शीट और जबरन वसूली की राशि और उन्हें सूर्यकांत तिवारी के साथ साझा किया. जिन्होंने बदले में आने वाली रिश्वत राशि और उनके उपयोग की विस्तृत हस्तलिखित डायरी बनाए रखी. बेनामी भूमि की खरीद, रिश्वत का भुगतान, राजनीतिक व्यय के लिए भुगतान आदि का ब्यौरा इसमें लिखा गया था. इस तरह की प्रणालीगत जबरन वसूली राज्य मशीनरी की जानकारी और सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नहीं थी. ईडी ने दो चार्जशीट दायर की हैं और दावा किया है कि उसने "इस जबरन वसूली रैकेट में 540 करोड़ रुपये के अपराध की आय स्थापित की है"

इस तरह कोल लेवी स्कैम को लेकर ईडी ने छत्तीसगढ़ में कार्रवाई की है. इससे पहले रविवार को ईडी ने शरा घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया था. अब दोनों घोटाले को लेकर ईडी ताबड़तोड़ एक्शन को आगे बढ़ा रही है.

रायपुर/दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोल लेवी स्कैम और शराब घोटाले को लेकर ईडी की कार्रवाई चल रही है. रविवार को ईडी ने 2000 करोड़ के शराब घोटाले का खुलासा किया था. उसके बाद मंगलवार को ईडी ने कोल लेवी स्कैम में 51.40 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया है. जबकि इससे पहले 170 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया गया था. कुल मिलाकार छत्तीसगढ़ में अब तक 221.5 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है. आइए जानते हैं कैसे ईडी ने सिलसिलेवार ढंग से इस तरह की कुर्की की कार्रवाई को छत्तीसगढ़ में किया है.

देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय और रामगोपाल अग्रवाल की संपत्ति कुर्क: ईडी ने मंगलवार को पीएमएलए (PMLA) के एक मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय और पीसीसी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत अन्य की 90 अचल संपत्ति को कुर्क किया है. इसके अलावा लग्जरी वाहन, आभूषण और 51 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी कुर्क की गई है.

इन लोगों की भी संपत्तियां जब्त: जब्त की गई संपत्तियां आईएएस अधिकारी रानू साहू, कोयला व्यापारी और मामले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी के अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह और स्थानीय पार्टी नेता विनोद तिवारी की भी हैं. रानू साहू से ईडी ने कुछ महीने पहले पूछताछ की थी. जब वह रायगढ़ की कलेक्टर थी.

"सूर्यकांत तिवारी से कई लोगों के वित्तीय संबंध": ईडी ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि "धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत यह कुर्की की कार्रवाई की गई है. इनकी कीमत कुल 51.40 करोड़ रुपये है". ईडी का दावा है कि कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के साथ देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय, पीसीसी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और रानू साहू के वित्तीय संबंध के प्रमाण हैं. ईडी के मुताबिक "अपराध से प्राप्त आय या समकक्ष संपत्तियों को जमा करके बनाई गई संपत्तियों की पीएमएलए के तहत कुर्की की कार्रवाई के लिए पहचान की गई है.ताजा कार्रवाई ईडी द्वारा कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद हुई है."

कई नौकरशाह समेत इनकी संपत्ति हुई कुर्क: ऐजेंसी ने पहले इस मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ भी कार्रवाई की थी. उनकी कुल 170 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया था. अब तक कुल 221.5 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है. ईडी ने जांच में पहले खुलासा किया था कि "राज्य में कोल लेवी स्कैम हुआ है. यहां वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़ा एक कार्टेल काम कर रहा था. जिसमें छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी." ईडी इस मामले में अब तक सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई समेत 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. फिलहाल ये सभी लोग न्यायिक हिरासत में है.

ये भी पढ़ें: Raipur : सराफा कारोबारी पर ईडी की दबिश, शराब घोटाले से जुड़े हो सकते हैं तार

मनी लॉन्ड्रिंग और कोल लेवी स्कैम का कैसे हुआ खुलासा: ईडी ने बताया कि" आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में जून 2022 में छापेमार कार्रवाई की थी. जिसमें कोल लेवी स्कैम का खुलासा हुआ था. उसके बाद ईडी की तरफ से किए गए जांच में कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी इस स्कैम का सरगना निकला. प्रदेश में कोयला ट्रांसपोर्टर्स, उद्योगपतियों और अधिकारियों की सांठ गांठ से इसे अंजाम दिया गया. फिर इस टीम में कई स्तर के कर्मचारियों को शामिल किया गया. उनकी टीम निचले स्तर के सरकारी अधिकारियों और कोयला ट्रांसपोर्टरों और उपयोगकर्ता के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय कर रही थी. फिर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए. इसमें प्रत्येक कोयला वितरण आदेश की एक्सेल शीट और जबरन वसूली की राशि और उन्हें सूर्यकांत तिवारी के साथ साझा किया. जिन्होंने बदले में आने वाली रिश्वत राशि और उनके उपयोग की विस्तृत हस्तलिखित डायरी बनाए रखी. बेनामी भूमि की खरीद, रिश्वत का भुगतान, राजनीतिक व्यय के लिए भुगतान आदि का ब्यौरा इसमें लिखा गया था. इस तरह की प्रणालीगत जबरन वसूली राज्य मशीनरी की जानकारी और सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नहीं थी. ईडी ने दो चार्जशीट दायर की हैं और दावा किया है कि उसने "इस जबरन वसूली रैकेट में 540 करोड़ रुपये के अपराध की आय स्थापित की है"

इस तरह कोल लेवी स्कैम को लेकर ईडी ने छत्तीसगढ़ में कार्रवाई की है. इससे पहले रविवार को ईडी ने शरा घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया था. अब दोनों घोटाले को लेकर ईडी ताबड़तोड़ एक्शन को आगे बढ़ा रही है.

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