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वीर जवानों की जुबानी, बीजापुर मुठभेड़ की कहानी

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Published : Apr 5, 2021, 1:56 PM IST

Updated : Apr 5, 2021, 5:23 PM IST

रायपुर के अस्पताल में भर्ती घायल जवानों ने ETV भारत से बात की. जवानों ने बताया कि कैसे उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग के बीच फाइट की. जवानों के हौसले इतने बुलंद है कि वे ठीक होकर फिर मोर्चा लेने की बात कर रहे हैं.

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मुठभेड़ की कहानी

रायपुर: बीजापुर में हुए नक्सली मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए और 31 जवान घायल हुए हैं. इस मुठभेड़ में जवानों ने डटकर मुकाबला किया. घायल जवानों का रायपुर और बीजापुर में इलाज चल रहा है. ETV भारत ने रायपुर के अस्पताल में भर्ती घायल जवानों से बात की. जवानों की जुबानी सुनिए मुठभेड़ की पूरी कहानी.

मुठभेड़ की कहानी

'300 से 400 नक्सलियों ने घेरा'

STF के कॉन्स्टेबल देवप्रकाश ने बताया कि सर्च ऑपरेशन पर निकले जवान पहाड़ी पर घिर गए थे. नक्सलियों ने चारों तरफ से उन्हें घेर लिया था. चारों ओर से फायरिंग हो रही थी. देवप्रकाश ने बताया कि वहां लगभग 300 से 400 नक्सली मौजूद थे. इसके बाद जवानों ने जवाबी फायरिंग की और नक्सलियों का एंबुश तोड़ते हुए आगे बढ़ पाए. उन्होंने बताया कि नक्सलियों को भी वहां भारी कैजुअल्टी हुई है. ज्यादा संख्या में नक्सली घायल हुए हैं.


चारों ओर से घिर गए थे जवान
देवप्रकाश ने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि नक्सलियों की इतनी हैवी फायरिंग थी कि वे घायल जवानों को भी नहीं उठा पाए. घायल जवान ने बताया कि उन्होंने अपने जवानों को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन फायरिंग इतनी हो रही थी कि वे शहीद जवानों की बॉडी को भी नहीं उठा पाए. कॉन्स्टेबल देवप्रकाश ने कहा कि आगे भी वह ऐसे ही नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे में आगे रहेंगे और डटकर मुकाबला करेंगे.

'नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर, हमारी जीत होगी'

नक्सलियों के साथ स्थानीय लोग भी हमले में शामिल

कोबरा बटालियन के कॉन्स्टेबल बलराज सिंह ने बताया कि नक्सलियों के पास इंप्रोवाइज बम थे. जिन्हें लॉन्चर के जरिए वे उन पर दाग रहे थे. बलराज ने बताया कि नक्सलियों की पूरी बटालियन थी जिसमें करीब 300 से 400 नक्सली थे. इसके साथ ही स्थानीय लोग भी वहां मौजदू थे. इंप्रोवाइज बम से ज्यादा फायरिंग की गई जिसकी वजह से जवानों को ज्यादा नुकसान हुआ. जवानों ने बहादुरी से लड़कर नक्सलियों के एंबुश को तोड़ा और वहां से आगे निकले.

रायपुर: बीजापुर में हुए नक्सली मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए और 31 जवान घायल हुए हैं. इस मुठभेड़ में जवानों ने डटकर मुकाबला किया. घायल जवानों का रायपुर और बीजापुर में इलाज चल रहा है. ETV भारत ने रायपुर के अस्पताल में भर्ती घायल जवानों से बात की. जवानों की जुबानी सुनिए मुठभेड़ की पूरी कहानी.

मुठभेड़ की कहानी

'300 से 400 नक्सलियों ने घेरा'

STF के कॉन्स्टेबल देवप्रकाश ने बताया कि सर्च ऑपरेशन पर निकले जवान पहाड़ी पर घिर गए थे. नक्सलियों ने चारों तरफ से उन्हें घेर लिया था. चारों ओर से फायरिंग हो रही थी. देवप्रकाश ने बताया कि वहां लगभग 300 से 400 नक्सली मौजूद थे. इसके बाद जवानों ने जवाबी फायरिंग की और नक्सलियों का एंबुश तोड़ते हुए आगे बढ़ पाए. उन्होंने बताया कि नक्सलियों को भी वहां भारी कैजुअल्टी हुई है. ज्यादा संख्या में नक्सली घायल हुए हैं.


चारों ओर से घिर गए थे जवान
देवप्रकाश ने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि नक्सलियों की इतनी हैवी फायरिंग थी कि वे घायल जवानों को भी नहीं उठा पाए. घायल जवान ने बताया कि उन्होंने अपने जवानों को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन फायरिंग इतनी हो रही थी कि वे शहीद जवानों की बॉडी को भी नहीं उठा पाए. कॉन्स्टेबल देवप्रकाश ने कहा कि आगे भी वह ऐसे ही नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे में आगे रहेंगे और डटकर मुकाबला करेंगे.

'नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर, हमारी जीत होगी'

नक्सलियों के साथ स्थानीय लोग भी हमले में शामिल

कोबरा बटालियन के कॉन्स्टेबल बलराज सिंह ने बताया कि नक्सलियों के पास इंप्रोवाइज बम थे. जिन्हें लॉन्चर के जरिए वे उन पर दाग रहे थे. बलराज ने बताया कि नक्सलियों की पूरी बटालियन थी जिसमें करीब 300 से 400 नक्सली थे. इसके साथ ही स्थानीय लोग भी वहां मौजदू थे. इंप्रोवाइज बम से ज्यादा फायरिंग की गई जिसकी वजह से जवानों को ज्यादा नुकसान हुआ. जवानों ने बहादुरी से लड़कर नक्सलियों के एंबुश को तोड़ा और वहां से आगे निकले.

Last Updated : Apr 5, 2021, 5:23 PM IST
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