नई दिल्ली: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कोयला मंत्रालय बड़ा कदम उठाने जा रही है. कोल इंडिया की बड़ी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड यानी की एसईसीएल अब वृक्षारोपण का भी काम करेगी. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कंपनी ने वृक्षारोपण करने का फैसला किया है. इसके तहत कुल 169 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पांच साल तक वृक्षारोपण करेगी एसईसीएल: एसईसीएल पांच सालों तक वृक्षारोपण करेगी. इसके संदर्भ में कोल मिनिस्ट्री की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई है. कोयला मंत्रालय की बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स अगले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में वृक्षारोपण पर 169 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
वृक्षारोपण को लेकर एसईसीएल ने किया करार: कंपनी ने हाल ही में इन दोनों राज्यों में वृक्षारोपण कार्य करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम (CGRVVN) और मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम (MPRVVN) के साथ समझौता किया है. इसके ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. एमओयू के अनुसार, एसईसीएल छत्तीसगढ़ में 131.52 करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश में 38.11 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
कोयला मंत्रालय ने जारी की विज्ञप्ति: कोयला मंत्रालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि "वृक्षारोपण 2023-24 से 2027-28 तक पांच साल की अवधि के लिए किया जाएगा और इसके बाद चार साल तक रखरखाव किया जाएगा. कंपनी राज्य निगमों के साथ साझेदारी में छत्तीसगढ़ में 26 लाख से अधिक पौधे और मध्य प्रदेश में लगभग 12 लाख पौधे लगाएगी. यह कंपनी का तीसरा ऐसा एमओयू है.
एसीईसीएल ने दावा किया है कि पिछले दो एमओयू के माध्यम से कंपनी ने 2013-14 और 2022-23 के बीच 168 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत पर छत्तीसगढ़ में 46 लाख से अधिक और एमपी में 16 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं. इस वृक्षारोपण अभियान में फलदार, इमारती और औषधीय वृक्षों को लगाया जाएगा. इसके तहत हर्बल पौधों का भी रोपण किया जाएगा.