रायपुर: इस क्रिकेट मैच का आयोजन छत्तीसगढ़ के लिए कितना महत्वपूर्ण है. इसका छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को क्या फायदा मिलेगा. सरकार की इसमें क्या भूमिका है और आने वाले समय में यह मैच छत्तीसगढ़ के खेल को किस ओर ले जाएगा. इन सारी बातों पर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह ने बात की. छत्तीसगढ़ के इकलौते टेलीविजन पर कमेंट्री करने वाले एवं खेल पत्रकार जसवंत क्लाडियस से. आइए सुनते हैं उन्होंने इस मैच को लेकर क्या कहा.
सवाल: छत्तीसगढ़ में भारत और न्यूजीलैंड के होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर कैसा उत्साह है?
जवाब: छत्तीसगढ़ में होने वाले इस आयोजन को लेकर लोगों में काफी उत्साह का माहौल है. क्रिकेट वैसे ही लोकप्रिय खेल है और मीडिया में इसे विशेष स्थान दिया गया है. इसकी वजह से गांव-गांव तक क्रिकेट की पहुंच है. छत्तीसगढ़ में वैसे भी पिछले 7 वर्षों से कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट नहीं हुआ है. इसकी वजह से जो 21 तारीख को न्यूजीलैंड भारत का मुकाबला होने जा रहा उसमें जबरदस्त उत्साह है. विशेषकर युवा अपने चहेते, अपने जानने वाले खिलाड़ियों को देखना चाहते हैं. इसलिए मैं समझता हूं ना सिर्फ छत्तीसगढ़ पश्चिम उड़ीसा, झारखंड का कुछ क्षेत्र, विदर्भ का क्षेत्र यह सब ऐसे क्षेत्र हैं जहां क्रिकेट का खुमार छाया हुआ है.
सवाल : छत्तीसगढ़ में होने वाले इस आयोजन को लेकर मैदान और उसके आसपास की व्यवस्था कैसी है क्योंकि आपने दूसरे राज्यों और देशों में भी मैदानों का भ्रमण किया है?
जवाब: जैसा कि आपको पहले बता चुका हूं कि पहले 6- 7 बरसों से यहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट नहीं हुआ है. यह स्टेडियम भारत के गिने-चुने सर्वश्रेष्ठ स्टेडियम में से एक है. मुकाबला ना होने के कारण मेंटेनेंस भी नहीं होता है. यही वजह कि अभी वहां कुछ अव्यवस्था और खामियां है. जिसे शासन प्रशासन और बीसीसीआई की मदद से दूर करने की कोशिश की जा रही है. उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ आने वाले मेहमानों का अच्छे से स्वागत किया जाएगा. सभी की कोशिश होगी कि किसी तरह की उन्हें कोई परेशानी ना हो और छत्तीसगढ़ का नाम बदनाम ना हो.
सवाल: इस आयोजन का छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को कितना लाभ मिलेगा, क्योंकि अब तक छत्तीसगढ़ से कोई बड़ा खिलाड़ी या फिर कोई नाम सामने नहीं आया है?
जवाब: यह बात सही है कि छत्तीसगढ़ से अब तक कोई बड़ा खिलाड़ी सामने नहीं आया है. अमनदीप खरे अंडर-19 में भारत की तरफ से खेल चुके हैं, प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे. अजय मंडल इस साल आईपीएल में जाएंगे. शशांक चंद्राकर भी आईपीएल में खेल चुके हैं. छत्तीसगढ़ रणजी ट्रॉफी टीम के भाखे जी भी आईपीएल खेल चुके हैं. कुछ खिलाड़ी जरूर हमारे पास है. लेकिन अधिक खिलाड़ी इसलिए नहीं निकल सके क्योंकि उनके लिए यहां पर अनुकूल वातावरण नहीं है. संसाधन मौजूद नहीं है. जो व्यवस्था उन्हें चाहिए, उसकी कमी है. यही वजह है कि यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं जा पाते हैं.
सवाल: छत्तीसगढ़ में खेल को बढ़ावा नहीं मिल सका है इसमें पूर्वर्ती और वर्तमान सरकारों की क्या भूमिका रही है ?
जवाब: छत्तीसगढ़ में खेल सुविधाओं के नाम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट मैदान हॉकी मैदान है. हॉकी के मैदान में एक बार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट हुआ है. मुझे लगता है कि छत्तीसगढ़ में जब तक अधिक से अधिक प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं की जाएंगी. जब तक आप यहां अच्छे कोच लेकर नहीं आएंगे, खासकर ओलंपिक खेलों के लिए जब तक आप अच्छी सुविधा ,अच्छा प्रशिक्षण, अब उच्च स्तरीय अधोसंरचना वाले मैदान जब तक नहीं लाएंगे. कब तक यहां पर खेल का स्तर ऊंचा नहीं हो सकता है. इस दिशा में सरकार के द्वारा कुछ प्रयास जरूर किए जा रहे हैं ,कुछ खेलों के लिए यहां अकादमी भी खोली गई है. लेकिन इसके लिए काफी गंभीर होना पड़ेगा. उसमें न सिर्फ प्रशिक्षण बल्कि डाइटिशियन का भी जानकारी देने वाला चाहिए. खेलों के नियम की जानकारी देने वाला होना चाहिए, साथ ही जो खिलाड़ियों का चयन हो वह निष्पक्ष होना चाहिए तभी छत्तीसगढ़ में खेल आगे बढ़ सकता है.
सवाल: छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले इस क्रिकेट टूर्नामेंट का लाभ यहां के खिलाड़ियों को आने वाले समय में कितना मिलेगा?
जवाब: इस आयोजन से खिलाड़ियों को अच्छा लाभ मिलेगा क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जैसे विराट कोहली रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को खेलता हुआ देखेंगे, तो वे तकनीकी रूप से मजबूत होंगे. जहां तक दर्शकों की बात है तो इस टूर्नामेंट के बाद उनमें भी खेल के प्रति रुचि बढ़ेगी. छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट आयोजित करके जिस ढंग से क्रिकेट को बढ़ावा दिया गया है. उसी स्तर पर उसी तर्ज पर दूसरे खेल ओलंपिक खेलों का भी आयोजन होना चाहिए. हालांकि शतरंज, बॉक्सिंग और बैडमिंटन में कुछ प्रतियोगिता जरूर यहां आयोजित की गई है लेकिन और भी ऐसे खेल है जिसमें ओलंपिक खेलों का आयोजन बहुत जरूरी है यदि खेल को आगे बढ़ाना है तो उससे संबंधित उनकी आवश्यकता है।
सवाल: आपके द्वारा देश विदेश में खेलों पर कमेंट्री की गई है कमेंट्री को लेकर ज्यादा लोगों में रुझान नहीं है इसकी क्या वजह मानते हैं?
जवाब: इसमें समर्पण होता है मैंने 1979 से खेल पत्रकारिता शुरू की है. 42- 43 वर्षों का मेरे पास प्रिंट मीडिया अनुभव है और 1980 से मैंने रेडियो में कमेंट्री की है और दूरदर्शन में 1993 से खेलों का कवरेज और कमेंट्री की है. एक ललक होती है, यदि आपको कॉमेंट्री ओर खेल पत्रकारिता में आगे बढ़ना है तो यदि कोमट्रेटर बनना है तो एक लगन होनी चाहिए. इसके लिए आपको खेलों की जानकारी रखनी होगी. उनके नियम की जानकारी होनी चाहिए, यह चीजें आज के युवाओं में जब तक नहीं आएंगी. यदि वे खेलों में दिलचस्पी नहीं लेंगे तब तक और भी कोमट्रेटर आगे नहीं आ सकते, जब तक वह खेल से प्यार नहीं करेंगे.
सवाल: भारत और न्यूजीलैंड के होने वाले मैच में किसका पलड़ा भारी लग रहा है ?
जवाब: यह मुकाबला बहुत ही शानदार होगा. क्योंकि जिस तरीके से कल न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ वापसी की, किसी ने उम्मीद नहीं की थी. सिर्फ 12 रन से पराजित होगी, इसलिए न्यूजीलैंड भी इस मैच को बहुत ही गंभीरता से लेगी ,तीन मैचों की श्रृंखला है 1-0 से भारत आगे हैं। इस मैच को न्यूजीलैंड के खिलाड़ी किसी भी हालत में जीतना चाहेंगे. यदि उन्हें बने रहना, एक-एक की बराबरी में आना है तो. भारत की टीम भी सब कुछ दाव पर लगा देगी, वह चाहेगी की हर हालत में इस मुकाबले को जीत जाए. रायपुर में होने वाले इस टूर्नामेंट में खेल का प्रदर्शन देखने को मिलेगा.
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छत्तीसगढ़ के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय टेलीविजन कमेंटेटर है जसवंत क्लाडियस: जसवंत क्लाडियस छत्तीसगढ़ के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय कमेंटेटर है. इन्हें विभिन्न खेलो में कमेंट्री के लिए देश-विदेश बुलाया गया है. हाल ही में गुजरात में आयोजित 36 वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ के एकमात्र कमेंटेटर जसवंत क्लाडियस को न्यौता मिला था. जसवंत क्लाडियस तीरंदाजी और मलखंब की कामेंट्री हिन्दी में डीडी स्पोर्ट्स चैनल पर कर चुके है. इसके अलावा भी विभिन्न स्पोर्ट्स चैनलों में अन्य खेलों की कमेंट्री भी जसवंत कर चुके हैं. जसवंत क्लाडियस टेलीविजन के लिए 2001 से लाइव कामेंट्री कर रहे है. वे छत्तीसगढ़ के अकेले कमेंटेटर है जिन्हे रेडियो और टेलीविजन दोनों में अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं की लाइव कामेंट्री सुनाने का मौका मिला है. इसके साथ ही जसवंत क्लाडियस वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं. जिन्हें छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा शहीद विनोद चौबे अवार्ड से 2017 में सम्मानित किया गया है.