रायपुर : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ का कहना है कि ''पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ के 9 संगठन हैं. जिसमें से 1 संगठन ने 23 और 24 जनवरी को 2 दिनों तक प्रदर्शन करने के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली है. लेकिन 8 संगठनों ने 23 जनवरी से अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिसके कारण आंगनबाड़ी का संचालन और सभी तरह के शासकीय कार्य पूरी तरह से बंद और ठप पड़े हुए हैं. शासन प्रशासन की तरफ से राजधानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जब-जब प्रदर्शन की अनुमति मिल रही है. राजधानी में आकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन जिला स्तर पर यह प्रदर्शन 23 जनवरी से लगातार जारी है.''
सड़क पर क्यों हो रहा है आंदोलन : आंगनबाड़ी वर्कर्स के मुताबिक "प्रदेश सरकार ने अपने घोषणापत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन सरकार बने 4 साल बीत गए हैं. बावजूद इसके इनकी मांगों को अब तक पूरा नहीं किया गया है. जिसके कारण आंगनबाड़ी में काम करने वाले कार्यकर्ता और सहायिकाओं में आक्रोश और नाराजगी साफ देखी जा सकती है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने महिला बाल विकास मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से कई बार मुलाकात की है. उन्हें सिर्फ और सिर्फ इन्हें आश्वासन ही मिला है. लेकिन इनकी मांगों को लेकर कोई ठोस पहल सरकार की तरफ से नहीं की गई है. जिसके कारण मजबूरन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा."
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगें :आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने छह सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक जन घोषणा पत्र में किए गए लिखित वादा कलेक्टर दर को पूर्ण करने, सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना हेतु नीति निर्धारित कर इसको लागू करने, सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपए और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए की राशि एकमुश्त भुगतान करने, मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाने के साथ कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त करने की मांग की गई है.