रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की स्थिति रोजाना भयावह होती जा रही है. कोरोना के एक्टिव केस के मामले में छत्तीसगढ़ ने देश के 25 राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. मृत्यु दर की बात करें तो छत्तीसगढ़ देश के 15 राज्यों में आगे है. संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि अस्पतालों में अब मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी हो गई है. प्रदेश में महामारी की स्थिति डराने वाली है.
- 31 जुलाई तक प्रदेश में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट 67.77 और मृत्यु दर 0.79 फीसदी रही.
- कुल 9 हजार 192 मरीजों में 2 हजार 908 एक्टिव मरीज थे जबकि 6 हजार 230 मरीज कोरोना से स्वस्थ हुए.
- एक महीने बाद 2 सितंबर तक कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट 51.06 फीसदी और मृत्यु दर 0.83 फीसदी हो गई.
- वर्तमान में 43 हजार 163 संक्रमितों में से 22 हजार 320 सक्रिय हैं.
- 20 हजार 487 स्वस्थ हुए हैं और 350 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
राज्य में 23 अगस्त तक रोज 1 हजार से कम संक्रमित मिल रहे थे, लेकिन 24 अगस्त से यह आंकड़ा बढ़ गया. जिसके बाद रोजाना एक हजार से ज्यादा मरीज मिलने लगे हैं. बीते दो दिनों की बात करें, तो हर दिन मिलने वाले संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 2 हजार के पार हो गया है.
अस्पतालों में करीब 11 हजार 579 बिस्तरों की व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 25 शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तरों की व्यवस्था है. इसके अलावा जिले के कोरोना केयर सेंटर में 6 हजार 940 और 18 निजी अस्पतालों में 1 हजार 56 मिलाकर 11 हजार 579 बिस्तरों की व्यवस्था अस्पतालों में की गई है. करीब 10 हजार स्थाई बिस्तरों की व्यवस्था होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी है. राज्य में 22 हजार 320 मरीज सक्रिय हैं. इस स्थिति को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि दो-चार दिन में सारे बिस्तर भर जाएंगे.
अब और बिस्तर नहीं बढ़ाएगा AIIMS
प्रदेश में कोरोना से शुरुआती जंग में रायपुर AIIMS ने पूरी जंग लड़ी. रायपुर AIIMS के पास 500 बेड थे. शुरुआती दौर में सभी मरीजों को वहीं भर्ती कराया जा रहा था. प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए AIIMS प्रबंधन ने 200 बिस्तर और बढ़ा दिए. लेकिन अब अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अब वे बिस्तर की संख्या बढ़ाने के हालत में नहीं है. यही स्थिति राजधानी के मेकाहारा अस्पताल की है. मेकाहारा में भी 500 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया गया था. वहां भी लगातार ICU बेड बढ़ाने की कवायद जारी है, लेकिन अब बहुत ज्यादा संख्या में वहां पर भी बेड नहीं बढ़ाया जा सकेगा.
स्टूडेंट्स और सोशल वर्कर्स से काम लेने की जरूरत
ICMR के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि आने वाला समय बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है. ऐसे में हमें जिम्मेदारियों का विकेंद्रीकरण करने की जरूरत है. मेडिकल स्टूडेंट्स और जो सोशल वर्कर्स हैं, उनसे भी काम लेने की आवश्यकता है. डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि चुनौतियां बहुत सारी हैं, लेकिन इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोगों में जनजागृति आए.
60 हजार तक पहुंच सकती है संक्रमितों की संख्या : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि आने वाला महीना बेहद ही चुनौतीपूर्ण है. इस महीने में 60 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज हो सकते हैं. प्रदेश में लगातार टेस्टिंग के आंकड़े बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है. उनका कहना है कि ज्यादा से ज्यादा बेड की व्यवस्था करने की प्रक्रिया भी की जा रही है, जिससे कोरोना मरीजों को स्वस्थ करने में मदद मिल सके और उन्हें परेशानी न हो.
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प्रदेश में अब रोजाना हजारों की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. राजधानी रायपुर इन दिनों कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. ऐसे में अब सभी लोगों को उचित इलाज देना स्वास्थ्य विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती है. इस बीच होम क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने में भी स्वास्थ्य विभाग लगा हुआ है.