रायपुर: छत्तीसगढ़ में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 15 फरवरी से खुल गए हैं. लेकिन सिर्फ 5 दिन में ही 3 स्कूलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने से हड़कंप मच गया है. राजनांदगांव से शुरू हुआ यह सिलसिला रायपुर होते हुए सूरजपुर और अब अंबिकापुर पहुंच गया है. छात्रों और स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने से पैरेंट्स भी परेशान हो रहे हैं.
राजनांदगांव में 2 छात्र, 9 स्टाफ कोरोना पॉजिटिव
राजनांदगांव के एक निजी स्कूल के 2 छात्र और 9 स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाकर स्कूल में कोरोना जांच की है. प्रबंधन का कहना है कि स्कूल अभी नहीं खोला गया है. मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है.
सूरजपुर में 2 छात्र कोरोना पॉजिटिव
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पंछीडांड में 2 छात्र कोरोना संक्रमित मिले हैं. यह स्कूल 2 हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने 67 स्कूली बच्चों का कोरोना टेस्ट कराया था. इसमें 10वीं कक्षा के 2 छात्र कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. दोनों छात्रों को होम आइसोलेशन में भेज दिया गया है.
अंबिकापुर सैनिक स्कूल में 8 संक्रमित
अंबिकापुर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले सैनिक स्कूल कैंपस में भी कोरोना ने पैर पसार दिए हैं. यहां कुल 8 अधिकारी-कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. फिलहाल सभी का होम आइसोलेशन में इलाज जारी है. कुछ दिनों पहले ही स्कूल में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई थी. जिसके बाद से ही स्कूल में लोगों का आना-जाना शुरू हुआ था.
आखिर बच्चों को स्कूल भेजने से क्यों घबरा रहे हैं पैरेंट्स ?
स्कूल खोलने के फैसले का स्वागत
हालांकि स्कूल खोलने के सरकार के फैसले का शिक्षक और स्कूल कर्मचारियों ने स्वागत किया है. निजी स्कूलों का तर्क है कि बच्चों के भविष्य के लिए स्कूल को खोलना सबसे बड़ा फैसला है. सभी बच्चों को ऑनलाइन क्लास में अच्छे से पढ़ाई कराना संभव नहीं था.
सियासत भी शुरू
सरकार के स्कूल खोलने के फैसले पर सियासत भी शुरू हो गई है. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने की मांग की है.
'सोच-समझकर लिया गया रिस्क'
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि कोरोनाकाल में सोच-समझकर स्कूल खोलने का रिस्क लिया गया है. सभी संस्थाओं को अपने सभी टीचर्स और छात्रों का कोरोना टेस्ट करा लेना चाहिए.
'स्कूल खोलना रिस्क तो है लेकिन कैबिनेट को लेना पड़ा फैसला'
सख्ती से गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश
शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन के सख्ती से पालन की बात कही है. यह भी निर्देश है कि जिन छात्रों और स्टाफ में कोरोना और सर्दी-बुखार के लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें स्कूल में प्रवेश की अनुमति न दी जाए.
छात्रों के हित में फैसला: सीएम
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने स्कूल खोलने के फैसले को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ऐसा हुआ है. छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है, क्योंकि प्रैक्टिकल क्लास ऑनलाइन नहीं होती. सीएम ने यह भी कहा है कि जिन स्कूलों और क्षेत्रों में कोरोना के केस आए हैं, वहां के स्कूलों को बंद रखा जाएगा.
चिंता की लकीरें
एक तरफ हायर सेकेंडरी स्कूलों के खुलने से प्रदेश में ऑनलाइन क्लास से छात्रों को निजात मिलने की उम्मीद जगी थी. लेकिन स्कूल कैंपस में कोरोना के पैर पसारने से सरकार के साथ-साथ शिक्षा विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है.