रायपुर: कोरोना काल (corona period) में लोगों के आय के संसाधन सीमित हो रहे हैं. ऐसे में हर कोई दो-दो पैसे की बचत करने में जुटा है, लेकिन हर रोज बढ़ती महंगाई (rising inflation) में लोग चाहकर भी बचत नहीं कर पा रहे हैं. फल-सब्जी, खाद्य तेल, रसोई गैस से लेकर कई जरूरत और रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों के बढ़ते दामों से हर दिन जनता को मंहगाई का झटका लगा रहा है. कोरोना के चलते छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में करीब 2 महीने तक लॉकडाउन रहा. हालांकि अब कोरोना के मामले काफी कम हो गए. सभी बाजार खुल गए हैं, लेकिन महंगाई की वजह से आम लोगों के साथ छोटे दुकानदारों को भी चौतरफा मार झेलनी पड़ी है. ठेले, खोमचों में चाय-नाश्ता बेचने वाले दुकानदारों ने अब खाने-पीने की चीजों के दाम भी (Increased prices of food items) बढ़ा दिए हैं. वजह सिर्फ एक ही है, वो है महंगाई.
खाद्य तेल के बढ़ते दामों में लोगों की बढ़ाई चिंता
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से ज्यादा लोगों को चिंता खाने के तेल की ज्यादा है. खाद्य तेल के दाम तेजी (edible oil becomes expensive) से बढ़ रहे हैं. रजनी ब्रांड के खाद्य तेल का एक टीन जुलाई 2020 में 1750 रुपए था जो आज बढ़कर 1950 रुपए हो गया. इस तरह हरेली कंपनी का एक टीन तेल जुलाई 2020 में 1900 रुपए था जो आज बढ़कर 2050 रुपए हो गया है. कीर्ति गोल्ड एक टीन तेल जुलाई 2020 में 2000 रुपए था जो आज बढ़कर 2150 रुपए हो गया है.
2500 रुपए प्रति टीन बिक रहा तेल
इसी तरह फॉर्च्यून सोयाबीन एक टीन तेल जुलाई 2020 में 2150 रुपए था जो आज बढ़कर 2300 रुपए के आस-पास पहुंच गया है. वहीं फॉर्च्यून सन लाइफ एक टीन तेल जुलाई 2020 में 2250 रुपए के आस-पास था, जो आज बढ़कर 2500 रुपए के करीब पहुंच गया है.
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गैस के दामों हुई वृद्धि
LPG गैस सिलेंडर भी तेजी से महंगा (LPG prices rising) होता जा रहा है. घरेलू गैस सिलेंडर जनवरी 2021 में 766 रुपए था, जो आज बढ़कर 906 रुपए पर पहुंच गया है. इसी तरह एलपीजी कमर्शियल गैस सिलेंडर जनवरी 2021 में 1487.50 रुपए था जो आज बढ़कर 1714 रुपए पर पहुंच गया है.
महंगाई ने तोड़ी कमर
कहीं ना कहीं कोरोना लॉकडाउन की मार झेलने के बाद अब चाय ठेला और समोसा बेचने वाले इन छोटे दुकानदार महंगाई की मार भी झेल रहे हैं. खाद्य तेल के दाम बढ़ने के साथ ही कमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसके कारण इन छोटे दुकानदारों ने चाय, समोसा, बड़ा, कचौरी, भजिया जैसे नाश्तों के दाम भी बढ़ा दिए हैं.
चाय-समोसा हुआ महंगा
ठेले-खोमचों में नाश्ता बेचने वालों का कहना है कि, पहले नाश्ता 10 रुपए प्लेट के हिसाब से बेचा जाता था, लेकिन महंगाई को देखते हुए उन्होंने नाश्ते का दाम बढ़ाकर 15 रुपए कर दिया है. ठीक इसी तरह होटल में जिस नाश्ते का दाम प्रति प्लेट 20 हुआ करता था, बढ़ाते हुए 25 से 30 रुपए नाश्ते की प्लेट कर दी गई है. वहीं अमूल दूध के प्रति पैकेट 2 रुपए दाम बढ़ गए हैं, जिसके बाद कुछ दुकानदारों ने 5 रुपए कप की चाय को 7 रुपए कर दिए हैं.
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पेट्रोल-डीजल में लगी आग
ये थी खाने के तेल की बात अब बात करते हैं पेट्रोल-डीजल की. लगातार बढ़ती महंगाई ने पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगा दिया है. दिसंबर 2020 में प्रति लीटर पेट्रोल के दाम 81.14 रुपए था जो आज बढ़कर 97.24 रुपए हो गया है. इसी तरह प्रति लीटर डीजल के दाम दिसंबर 2020 में 78.55 रुपया था जो आज बढ़कर 96.44 रुपए हो गया है.
लोग आक्रोशित
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों (Petrol, diesel price hike) का असर मध्यमवर्गीय परिवारों पर ज्यादा पड़ा रहा है. पेट्रोल-डीजल के बढ़ती दामों को लेकर रायपुर के लोगों में आक्रोश और नाराजगी भी देखने को मिली. लोगों ने इसके लिए सरकार को दोषी ठहराया है. लोगों का कहना है कि सरकार को इस पर नियंत्रण करना चाहिए. जिससे लोगों को बढ़ती कीमतों से राहत मिल सके.
ट्रांसपोर्टिंग हुई महंगी
कहीं ना कहीं पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई वृद्धि का असर महंगाई पर भी पड़ा है. ट्रांसपोर्टिंग सहित दूसरी चीजों पर इसका असर पड़ा है. और यही कारण है कि तेल खाद्य सामग्री और एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़े हैं. जिसका खामियाजा गरीब मध्यम वर्गीय परिवार और छोटे दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है.