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टाटीबंध ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कब होगा पूरा, धूल से और ट्रैफिक से रहवासी परेशान

Incomplete construction work of Tatibandh overbridge छत्तीसगढ़ में कई ऐसे निर्माण कार्य के सरकारी प्रोजेक्ट है. जो अधूरे हैं. उनमें रायपुर का टाटीबंध ओवरब्रिज भी है. जो चार साल से अधूरा है. यह अब तक पूरा नहीं हो पाया है. Raipur latest newsजिसकी वजह से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. Tatibandh overbridge in Raipur

construction work of Tatibandh overbridge
टाटीबंध ओवरब्रिज का निर्माण कार्य
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Published : Nov 26, 2022, 9:03 PM IST

Updated : Nov 27, 2022, 12:37 AM IST

रायपुर: Incomplete construction work of Tatibandh overbridge छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विकास के पहिये थम से गए हैं. शहर के सबसे ज्यादा आवाजाही वाले मार्ग टाटीबंध का ओवरब्रिज 4 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. यह शहर का वह रास्ता है, जो बिलासपुर के अलावा दुर्ग को भी जोड़ता है. नेशनल हाईवे होने की वजह से यहां से भारी संख्या में माल वाहनों के साथ छोटी गाड़ियां भी गुजरती है. ओवरब्रिज निर्माण में सुस्ती की वजह से यहां अक्सर जाम की स्थिति भी देखने को मिलती है. निर्माण कार्य के पूरा नहीं होने से लोगों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने लोगों से बातचीत की. आइए जानते हैं निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से किस तरह की समस्याएं हो रही है.Tatibandh overbridge in Raipur

टाटीबंध ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कब होगा पूरा
टाटीबंध ब्रिज का निर्माण नहीं होने से लोग हो रहे परेशान: स्थानीय निवासी इसरार अहमद खान बताते हैं कि "यहां लोग डस्ट से परेशान हैं. जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कतें आ रही है. लंबे समय से ब्रिज का निर्माण चल रहा है. लेकिन यह प्रक्रिया बहुत ही ज्यादा स्लो है. यहीं काम थोड़ा जल्दी होता तो हमलोगों को भी राहत मिलती. निर्माण काम धीरे होने की वजह से ट्रैफिक जाम की भी समस्याएं होती है. एक्सीडेंट के भी मामले सामने आते रहते हैं. सबसे ज्यादा समस्या धूल की होती है यदि हल्का सा डामरीकरण हो जाएगा तो लोग कम से कम धूल से बच सकते हैं. क्योंकि यहां आस-पास के घरों के ऊपर धूल की परतें भी जम गई हैं."Raipur Development work incomplete

ट्रैफिक की समस्या भी करती है परेशान: स्थानीय विजय कुमार पांडे बताते हैं कि "4 साल से निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से यहां ट्रैफिक की समस्याएं बनी रहती है. धूल भी इतना है कि आसपास के दुकानों में धूल की परतें जम जाती है. वे कहते हैं कि यह दुर्ग बिलासपुर का भी मार्ग है. भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है. हर एक-दो दिन के भीतर दुर्घटनाएं भी होती है.यदि जल्दी काम हो जाएगा तो लोगों को बहुत ही राहत मिलेगी."


टाटीबंध ओवरब्रिज के निर्माण पर क्या कहते हैं अफसर: रायपुर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे कहते हैं "कि शहर में तीन जगहों पर काम चल रहा है. वहां निरीक्षण भी किया है, जहां काम जारी है. हमारे लिए टाटीबंध बहुत बड़ा विषय है. यहां पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक जाम लगा रहता है. टाटीबंध का काम में बहुत बड़ी अड़चन कॉर्नर की थी. जिसे हमने कुछ दिनों पहले तोड़ा है. अभी उसमें लोगों को भी राहत मिलेगी. वहीं टाटीबंध के ओवर ब्रिज का कार्य की प्लानिंग जनवरी अंत या फरवरी फर्स्ट वीक तक शुरू हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: गोगांव रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य अधूरा

टाटीबंध ओवरब्रिज निर्माण की मुख्य चुनौती: टाटीबंध ओवरब्रिज निर्माण के लिए कई तरह की चुनौतियां हैं. दुर्ग भिलाई की ओर ओवरब्रिज के लिए केवल गड्ढा खोदा गया है. सरोना और भनपुरी की तरफ वाला ब्रिज भी अधूरा है. केवल जीई रोड की ओर वाला हिस्सा ही ऊपर से जुड़ा है. लेकिन इसमें भी काफी काम बाकी है. ब्रिज के बीच बनने वाले टर्निंग का काम भी शुरू नहीं हो पाया है. साथ ही दुर्ग और भनपुरी की तरफ का एप्रोच साइट भी तैयार नहीं हुआ है. ऐसे में पुल का काम 2 महीने में पूरा होना मुश्किल है.


टाटीबंध ओवरब्रिज निर्माण के लिए 16 महीने का समय हुआ था तय: टाटीबंध ओवरब्रिज को बनाने के लिए निर्माण एजेंसी को शुरुआत में 16 माह का टारगेट दिया गया था. इसके तहत अब तक इसका निर्माण हो जाना चाहिए था. हालांकि कोरोना काल के चलते करीब 10 माह तक निर्माण कार्य बंद रहा. इसके चलते भी ब्रिज का निर्माण प्रभावित हुआ. बिजली पोल, मुआवजा प्रकरण के चलते भी निर्माण कार्य में रुकावट आई थी. हालांकि ब्रिज का कार्य लगभग 60 फीसदी पूरा हो चुका है. बाकी का काम पूरा करने की निर्माण एंजेसी कोशिश कर रही है.

रायपुर: Incomplete construction work of Tatibandh overbridge छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विकास के पहिये थम से गए हैं. शहर के सबसे ज्यादा आवाजाही वाले मार्ग टाटीबंध का ओवरब्रिज 4 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. यह शहर का वह रास्ता है, जो बिलासपुर के अलावा दुर्ग को भी जोड़ता है. नेशनल हाईवे होने की वजह से यहां से भारी संख्या में माल वाहनों के साथ छोटी गाड़ियां भी गुजरती है. ओवरब्रिज निर्माण में सुस्ती की वजह से यहां अक्सर जाम की स्थिति भी देखने को मिलती है. निर्माण कार्य के पूरा नहीं होने से लोगों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने लोगों से बातचीत की. आइए जानते हैं निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से किस तरह की समस्याएं हो रही है.Tatibandh overbridge in Raipur

टाटीबंध ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कब होगा पूरा
टाटीबंध ब्रिज का निर्माण नहीं होने से लोग हो रहे परेशान: स्थानीय निवासी इसरार अहमद खान बताते हैं कि "यहां लोग डस्ट से परेशान हैं. जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कतें आ रही है. लंबे समय से ब्रिज का निर्माण चल रहा है. लेकिन यह प्रक्रिया बहुत ही ज्यादा स्लो है. यहीं काम थोड़ा जल्दी होता तो हमलोगों को भी राहत मिलती. निर्माण काम धीरे होने की वजह से ट्रैफिक जाम की भी समस्याएं होती है. एक्सीडेंट के भी मामले सामने आते रहते हैं. सबसे ज्यादा समस्या धूल की होती है यदि हल्का सा डामरीकरण हो जाएगा तो लोग कम से कम धूल से बच सकते हैं. क्योंकि यहां आस-पास के घरों के ऊपर धूल की परतें भी जम गई हैं."Raipur Development work incomplete

ट्रैफिक की समस्या भी करती है परेशान: स्थानीय विजय कुमार पांडे बताते हैं कि "4 साल से निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से यहां ट्रैफिक की समस्याएं बनी रहती है. धूल भी इतना है कि आसपास के दुकानों में धूल की परतें जम जाती है. वे कहते हैं कि यह दुर्ग बिलासपुर का भी मार्ग है. भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है. हर एक-दो दिन के भीतर दुर्घटनाएं भी होती है.यदि जल्दी काम हो जाएगा तो लोगों को बहुत ही राहत मिलेगी."


टाटीबंध ओवरब्रिज के निर्माण पर क्या कहते हैं अफसर: रायपुर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे कहते हैं "कि शहर में तीन जगहों पर काम चल रहा है. वहां निरीक्षण भी किया है, जहां काम जारी है. हमारे लिए टाटीबंध बहुत बड़ा विषय है. यहां पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक जाम लगा रहता है. टाटीबंध का काम में बहुत बड़ी अड़चन कॉर्नर की थी. जिसे हमने कुछ दिनों पहले तोड़ा है. अभी उसमें लोगों को भी राहत मिलेगी. वहीं टाटीबंध के ओवर ब्रिज का कार्य की प्लानिंग जनवरी अंत या फरवरी फर्स्ट वीक तक शुरू हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: गोगांव रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य अधूरा

टाटीबंध ओवरब्रिज निर्माण की मुख्य चुनौती: टाटीबंध ओवरब्रिज निर्माण के लिए कई तरह की चुनौतियां हैं. दुर्ग भिलाई की ओर ओवरब्रिज के लिए केवल गड्ढा खोदा गया है. सरोना और भनपुरी की तरफ वाला ब्रिज भी अधूरा है. केवल जीई रोड की ओर वाला हिस्सा ही ऊपर से जुड़ा है. लेकिन इसमें भी काफी काम बाकी है. ब्रिज के बीच बनने वाले टर्निंग का काम भी शुरू नहीं हो पाया है. साथ ही दुर्ग और भनपुरी की तरफ का एप्रोच साइट भी तैयार नहीं हुआ है. ऐसे में पुल का काम 2 महीने में पूरा होना मुश्किल है.


टाटीबंध ओवरब्रिज निर्माण के लिए 16 महीने का समय हुआ था तय: टाटीबंध ओवरब्रिज को बनाने के लिए निर्माण एजेंसी को शुरुआत में 16 माह का टारगेट दिया गया था. इसके तहत अब तक इसका निर्माण हो जाना चाहिए था. हालांकि कोरोना काल के चलते करीब 10 माह तक निर्माण कार्य बंद रहा. इसके चलते भी ब्रिज का निर्माण प्रभावित हुआ. बिजली पोल, मुआवजा प्रकरण के चलते भी निर्माण कार्य में रुकावट आई थी. हालांकि ब्रिज का कार्य लगभग 60 फीसदी पूरा हो चुका है. बाकी का काम पूरा करने की निर्माण एंजेसी कोशिश कर रही है.

Last Updated : Nov 27, 2022, 12:37 AM IST
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