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UP की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी सरकारी खजाने से मंत्रियों का इनकम टैक्स भुगतान रोकने की उठी मांग - रायपुर

RTI कार्यकर्ता के अनुसार मुख्यमंत्री सहित मंत्रियोंं का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जा रहा है. सरकारी खजाने से हो रहे भुगतान पर रोक लगाने का मांग की गई है.

कुणाल शुक्ला
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Published : Sep 19, 2019, 7:16 AM IST

रायपुर : सरकारी खजाने से मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पार्लियामेंट सेक्रेटरी का इनकम टैक्स भरा जा रहा है. RTI कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर CM भूपेश बघेल को आवेदन दिया और इस पर रोक लगाने की मांग की.

कुणाल शुक्ला ने बताया कि 'प्रदेश में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पार्लियामेंट सेक्रेटरी के आयकर का भुगतान सरकारी खजाने से किया जा रहा है. इस पर रोक लगनी चाहिए. उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों मे पाबंदी लगाई जा चुकी हैं'.

छत्तीसगढ़ में भुगतान जारी

कुणाल का कहना है कि 'पंजाब, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने मामला संज्ञान में लेकर प्रथा को बंद कर दिया है. लेकिन छत्तीसगढ़ में यह भुगतान लगातार जारी है, जिससे ट्रेजरी विभाग पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है'.

पढ़ें :राज्य उत्सव में मिलेगा लोक कलाकारों को मंच: अमरजीत भगत

बदस्तूर जारी हैं प्रथा

उन्होंने बताया कि '1 अप्रैल 1994 में संयुक्त मध्यप्रदेश के समय से यह प्रथा शुरू हुई थी जो कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद से आज तक बदस्तूर जारी हैं'. वहीं मुख्यमंत्री ने विभाग से जानकारी मंगवाने की बात कही है.

रायपुर : सरकारी खजाने से मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पार्लियामेंट सेक्रेटरी का इनकम टैक्स भरा जा रहा है. RTI कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर CM भूपेश बघेल को आवेदन दिया और इस पर रोक लगाने की मांग की.

कुणाल शुक्ला ने बताया कि 'प्रदेश में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पार्लियामेंट सेक्रेटरी के आयकर का भुगतान सरकारी खजाने से किया जा रहा है. इस पर रोक लगनी चाहिए. उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों मे पाबंदी लगाई जा चुकी हैं'.

छत्तीसगढ़ में भुगतान जारी

कुणाल का कहना है कि 'पंजाब, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने मामला संज्ञान में लेकर प्रथा को बंद कर दिया है. लेकिन छत्तीसगढ़ में यह भुगतान लगातार जारी है, जिससे ट्रेजरी विभाग पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है'.

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बदस्तूर जारी हैं प्रथा

उन्होंने बताया कि '1 अप्रैल 1994 में संयुक्त मध्यप्रदेश के समय से यह प्रथा शुरू हुई थी जो कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद से आज तक बदस्तूर जारी हैं'. वहीं मुख्यमंत्री ने विभाग से जानकारी मंगवाने की बात कही है.

Intro:रायपुर. सरकारी खजाने से मुख्यमंत्री मंत्रियों और पार्लियामेंट सेक्रेटरी का इनकम टैक्स भरा जाता है इस पर रोक लगाने की मांग की गई है सुनने में जरूर अटपटा लगता होगा कि सरकारी खजाने से इन लोगों का इनकम टैक्स भरा जाता है इस पर रोक लगाने के लिए आज एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री से मांग की गई है


Body:आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला आज मुख्यमंत्री निवास पहुंचे जहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक आवेदन दिया जिसमें बताया गया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री मंत्रियों तथा पार्लियामेंट सेक्रेटरी के आयकर का भुगतान सरकारी खजाने से दिया जा रहा है इस पर रोक लगाई जाए क्योंकि कुछ अन्य राज्यों में इस पर रोक लगाया जा चुका है जिन राज्यों में रोक लगाई गई है उसमें उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य शामिल है

कुणाल शुक्ला ने बताया गया है कि 1 अप्रैल 1994 में संयुक्त मध्यप्रदेश के समय से यह प्रथा शुरू हुई थी जो कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद से आज तक बदस्तूर जारी है

कुणाल का कहना है कि पंजाब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने संज्ञान में लेकर इस प्रथा को बंद कर दिया है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह भुगतान लगातार जारी है जिससे ट्रेजरी विभाग पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है कुणाल ने मांग की है कि ट्रेजरी विभाग द्वारा मुख्यमंत्री मंत्रियों और पार्लियामेंट सेक्रेटरी का किया जा रहा आयकर भुगतान रोक दिया जाए यह से ट्रेजरी विभाग पर पड़ रहा आर्थिक बोझ कम होगा और इस राशि का उपयोग प्रदेश में कुपोषण से निपटने किया जा सकता है

बाइट कुणाल शुक्ला आरटीआई कार्यकर्ता

वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ट्रेजरी विभाग से इससे संबंधित जानकारी मंगाई है
बाइट भूपेश बघेल मुख्यमंत्री


Conclusion:मुख्यमंत्री के इस बयान से लगता है कि उन्हें शायद इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि सरकारी खजाने से मुख्यमंत्री मंत्रियों और पार्लियामेंट सेक्रेटरी के आयकर का भुगतान किया जाता है क्योंकि अब मामला संज्ञान में आया है तो देखने वाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है
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