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importance of tulsi : सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी क्यों है महत्वपूर्ण

importance of tulsi : 25 अक्टूबर के दिन भारत में पहला सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाला है. ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरु हो जाता है. ऐसे में ये जानना जरुरी है कि इस दौरान किस तरह से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचा जाए. सूतक काल से पहले ही तुलसी के पत्ते आपको नकारात्मक प्रभाव से बचा सकते हैं. वो कैसे जानेंगे इस लेख में.

सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी क्यों है महत्वपूर्ण
सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी क्यों है महत्वपूर्ण
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Published : Oct 25, 2022, 1:05 PM IST

Updated : Nov 11, 2023, 4:27 PM IST

solar eclipse 2022 : 25 अक्टूबर को भारत में दिखाई देने वाला ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण है. इसे आंशिक रूप से भारत में देखा जा सकेगा. ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे 3 मिनट का होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा. भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी. लेकिन भारत में इस ग्रहण का मोक्ष नहीं देखा जा सकेगा. क्योंकि सूर्य ग्रहण समाप्त होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा.

सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है. चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 04:22 मिनट से होगी. ऐसे में सूतक के नियम सुबह 04:22 मिनट से लागू हो जाएंगे यानी दिवाली की अगली सुबह सूतक काल के साथ शुरू होगी. सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी बताया गया है.

क्या होता है सूतक और तुलसी का महत्व : सूर्य ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है. सूतक की शुरुआत से लेकर ग्रहण के अंत तक का समय शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस दौरान पूजा करना और कुछ भी खाना-पीना मना है. सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. इसके अलावा सूतक शुरू होने से पहले ही खाने-पीने में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जिस चीज में तुलसी का पत्ता गिरता है. वो चीज अशुद्ध नहीं होती. ग्रहण काल ​​समाप्त होने के बाद इसको फिर से उपयोग किया जा सकता (importance of tulsi) है.

ग्रहण के दौरान क्यों बचना है जरुरी : वैज्ञानिक रूप से माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में मौजूद किरणें नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं. ऐसे समय में अगर खाने-पीने का सामान खुला रखा जाए, या इस दौरान कुछ खाया-पिया जाए तो इन किरणों का नकारात्मक प्रभाव उस चीज तक पहुंच जाता है. इसका नकारात्मक असर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. तुलसी के पत्तों में पारा मौजूद होता है. पारा में किसी प्रकार की किरणों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. मान्यता है कि ग्रहण के समय आकाश और ब्रह्मांड से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा तुलसी के पास आते ही निष्क्रिय हो जाती है. इससे तुलसी के पत्ते जो भी चीजें डालते हैं, वे चीजें वातावरण में मौजूद किरणों के नकारात्मक प्रभाव से बच जाती हैं. इसलिए उन चीजों को शुद्ध माना जाता (importance of tulsi during solar eclipse ) है.

solar eclipse 2022 : 25 अक्टूबर को भारत में दिखाई देने वाला ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण है. इसे आंशिक रूप से भारत में देखा जा सकेगा. ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे 3 मिनट का होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा. भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी. लेकिन भारत में इस ग्रहण का मोक्ष नहीं देखा जा सकेगा. क्योंकि सूर्य ग्रहण समाप्त होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा.

सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है. चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 04:22 मिनट से होगी. ऐसे में सूतक के नियम सुबह 04:22 मिनट से लागू हो जाएंगे यानी दिवाली की अगली सुबह सूतक काल के साथ शुरू होगी. सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी बताया गया है.

क्या होता है सूतक और तुलसी का महत्व : सूर्य ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है. सूतक की शुरुआत से लेकर ग्रहण के अंत तक का समय शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस दौरान पूजा करना और कुछ भी खाना-पीना मना है. सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. इसके अलावा सूतक शुरू होने से पहले ही खाने-पीने में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जिस चीज में तुलसी का पत्ता गिरता है. वो चीज अशुद्ध नहीं होती. ग्रहण काल ​​समाप्त होने के बाद इसको फिर से उपयोग किया जा सकता (importance of tulsi) है.

ग्रहण के दौरान क्यों बचना है जरुरी : वैज्ञानिक रूप से माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में मौजूद किरणें नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं. ऐसे समय में अगर खाने-पीने का सामान खुला रखा जाए, या इस दौरान कुछ खाया-पिया जाए तो इन किरणों का नकारात्मक प्रभाव उस चीज तक पहुंच जाता है. इसका नकारात्मक असर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. तुलसी के पत्तों में पारा मौजूद होता है. पारा में किसी प्रकार की किरणों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. मान्यता है कि ग्रहण के समय आकाश और ब्रह्मांड से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा तुलसी के पास आते ही निष्क्रिय हो जाती है. इससे तुलसी के पत्ते जो भी चीजें डालते हैं, वे चीजें वातावरण में मौजूद किरणों के नकारात्मक प्रभाव से बच जाती हैं. इसलिए उन चीजों को शुद्ध माना जाता (importance of tulsi during solar eclipse ) है.

Last Updated : Nov 11, 2023, 4:27 PM IST
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