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Bhai Dooj: इस दिन भाई-बहन के यमुना में साथ स्नान का है महत्व

दीपावली (Dipawali) के दो दिन बाद यानी आज भाई दूज (Bhai dooj) का त्यौहार (Fastival) मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें (Sister) भाई (Brother) को न्यौता देकर घर बुलाती है और अपने भाई को भोजन कराती हैं.

bhai dooj festival
भाई दूज का पर्व
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Published : Nov 4, 2021, 1:49 PM IST

Updated : Nov 6, 2021, 7:08 AM IST

रायपुर: आज भाई दूज (Bhai dooj) का त्यौहार है. इस बार भाई दूज अनुराधा नक्षत्र, शोभन योग, बालवकरण और वृश्चिक राशि के चंद्रमा में मनाया जा रहा है. इस दिन यमुना (Yamuna) में स्नान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अभ्यंग करके यमुना में भाई (Brother) और बहन (Sister) स्नान करके शुद्ध होते हैं. आज के विशेष पर्व पर भगिनी के घर जाकर विधि-विधान से पूजन कराकर बहन के हाथों से बनाए हुए भोजन को ग्रहण करने का विधान है.

अनुराधा नक्षत्र शोभन योग बालवकरण

दीपावली पर स्थिर लग्न में करें माता की आराधना, मिलेगी अपार धन दौलत

बहनें भाईयों को देती है न्यौता

कहा जाता है कि इस दिन बहने भाईयों को न्यौता देती हैं. फिर बहन के घर भाई आकर भोजन करता है और उसे आशिर्वाद देता है. कई जगहों में इस दिन बहनें भाईयों को भोजन कराने के बाद तोहफा देती है.

भाई बहन के साथ का पर्व

प्राचीन मान्यता है कि एक प्रसंग में खुश होकर भाई यमराज (Yamraaj) अपनी बहन यमुना से प्रसन्न होकर उन्हें यह आशीर्वाद देते हैं कि जो भाई भाई दूज का पर्व अपनी बहन के साथ हर्ष और उल्लास के साथ मनाएगा उसे यमपुरी के दर्शन नहीं होंगे. फल स्वरुप इस मान्यता के आधार पर सभी भाई अपनी बहनों के साथ खुश होकर इस त्योहार को मनाते हैं.

ये है शुभ मुहूर्त

सुबह लगभग 9:13 से सुबह 11:15 के मध्य धनु लग्न में शुभ मुहूर्त है. इसके अलावा संपूर्ण दिन भी विशेष शुभ होता है. इस दिन चित्रगुप्त जी का भी पूजन किया जाता है. इस दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है. इस पर्व के माध्यम से वर्ष में दीपावली पर्व का शुभ समापन भाई-बहन के मिलन के साथ होता है. इस त्यौहार के माध्यम से सामाजिकता प्रेम विश्वास और सुखद भाई-बहन के संबंधों का निर्माण होता है.

रायपुर: आज भाई दूज (Bhai dooj) का त्यौहार है. इस बार भाई दूज अनुराधा नक्षत्र, शोभन योग, बालवकरण और वृश्चिक राशि के चंद्रमा में मनाया जा रहा है. इस दिन यमुना (Yamuna) में स्नान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अभ्यंग करके यमुना में भाई (Brother) और बहन (Sister) स्नान करके शुद्ध होते हैं. आज के विशेष पर्व पर भगिनी के घर जाकर विधि-विधान से पूजन कराकर बहन के हाथों से बनाए हुए भोजन को ग्रहण करने का विधान है.

अनुराधा नक्षत्र शोभन योग बालवकरण

दीपावली पर स्थिर लग्न में करें माता की आराधना, मिलेगी अपार धन दौलत

बहनें भाईयों को देती है न्यौता

कहा जाता है कि इस दिन बहने भाईयों को न्यौता देती हैं. फिर बहन के घर भाई आकर भोजन करता है और उसे आशिर्वाद देता है. कई जगहों में इस दिन बहनें भाईयों को भोजन कराने के बाद तोहफा देती है.

भाई बहन के साथ का पर्व

प्राचीन मान्यता है कि एक प्रसंग में खुश होकर भाई यमराज (Yamraaj) अपनी बहन यमुना से प्रसन्न होकर उन्हें यह आशीर्वाद देते हैं कि जो भाई भाई दूज का पर्व अपनी बहन के साथ हर्ष और उल्लास के साथ मनाएगा उसे यमपुरी के दर्शन नहीं होंगे. फल स्वरुप इस मान्यता के आधार पर सभी भाई अपनी बहनों के साथ खुश होकर इस त्योहार को मनाते हैं.

ये है शुभ मुहूर्त

सुबह लगभग 9:13 से सुबह 11:15 के मध्य धनु लग्न में शुभ मुहूर्त है. इसके अलावा संपूर्ण दिन भी विशेष शुभ होता है. इस दिन चित्रगुप्त जी का भी पूजन किया जाता है. इस दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है. इस पर्व के माध्यम से वर्ष में दीपावली पर्व का शुभ समापन भाई-बहन के मिलन के साथ होता है. इस त्यौहार के माध्यम से सामाजिकता प्रेम विश्वास और सुखद भाई-बहन के संबंधों का निर्माण होता है.

Last Updated : Nov 6, 2021, 7:08 AM IST
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