रायपुर: कभी तालाबों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध रायपुर में 300 से ज्यादा तालाब हुआ करत था, लेकिन आधुनिकता और बढ़ती आवादी में सब गुम होता चला गया. सालों भर पानी से लबालब तालाबों के शहर में आज लोग गर्मी आते ही बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं.
रायपुर और छत्तीसगढ़ के लोगों की पानी के लिए बढ़ती परेशानी और पर्यावरण बचाने के लिए ETV भारत ने एक मुहिम चलाई थी. जिसका अब असर दिखने लगा है. ETV भारत की 'संकट में सरोवर' मुहिम ने रंग लाया है. ईटीवी बारत की मुहिम का ये असर हुआ है कि अब सरकारी संस्था के साथ गैर सरकारी संस्था और आम लोग भी तालाब बचाने के लिए आगे आ रहे हैं. इसी के तहत रायपुर का ऐतिहासिक धरोहर में से एक रायपुर का बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया है. जो तालाब कभी कचरे का ढेर नजर आ रहा था, अब सौंदर्यीकरण के बाद स्वच्छ और सुंदर दिखने लगा है.
महापौर ने लिया है संज्ञान
ETV भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद महापौर एजाज ढेबर ने संज्ञान लेते हुए रायपुर शहर के सभी तालाबों को साफ करने के निर्देश दिए हैं. उनके निर्देश के बाद तालाबों की साफ-सफाई शुरू कर दी गई है. इसमें बूढ़ा तालाब साफ भी हो गया है.
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पर्यटन स्थल के रूप में उभरा
एक वक्त अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे तालाब आज एक नये रंग रूप में दिखने लगा है. तालाब साफ होने से इसका स्वरूप बिल्कुल बदल गया है. तालाब का पानी स्वच्छ हो गया है और ये एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में उभर कर सामने आया है. जहां लोग पहले जाने से कतराते थे, आज वहीं मार्निंग वॉक के साथ परिवार के साथ समय बिताने आ रहे हैं.
600 साल पुराना है बूढ़ा तालाब का इतिहास
ऐतिहासिक विवेकानंद सरोवर होटल अपनी अलग पहचान रखती है. समय के साथ इस तालाब की सुध नहीं लिए जाने के चलते इसका अस्तित्व खतरे में था. पानी के प्रदूषित और गंदगी फैलने से बीमारियों का खतरा बना हुआ था, ईटीवी भारत की मुहिम के बाद 86 एकड़ क्षेत्रफल में फैले बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया. जिसके बाद ये पूरा इलाका चमक गया है.
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बताते हैं, राजधानी की पहचान बूढ़ा तालाब को करीब 600 साल पहले कलचुरी राजवंश के राजा ब्रह्म देव ने बनवाया था. इसके बाद राजा राय सिंह ने इसका विस्तार किया और अपने इष्ट देव के नाम पर इसका नाम बूढ़ा तालाब रखा. बूढ़ा तालाब का एक और नाम विवेकानंद सरोवर भी है. जिससे स्वामी विवेकानंद जी की बचपन की यादें जुड़ी है. वर्षों से गंदगी का अंबार बन चुके इस ऐतिहासिक विरासत को ईटीवी भारत की मुहिम 'संकट में सरोवर' के 6 महीने के भीतर संवारा गया है. शहर के महापौर ने बताया कि सौंदर्यीकरण का फर्स्ट फेज का काम पूरा हुआ है. दूसरे फेज का काम बाकी है.
'संकट में सरोवर' मुहिम
ETV भारत ने साल 2019 के अंत में संकट में सरोवर मुहिम के तहत कलचुरी काल के इस गौरवशाली तालाब के इतिहास के बारे में बताया था. कि कैसे बूढ़ा तालाब पर कभी बालक नरेंद्र (स्वामी विवेकानंद) ने डुबकी लगाई थी, वहां गंदगी पसरी हुई है. जिसके बाद मई में हमारी मुहिम का असर हुआ और 14 मई को तालाब की सफाई शुरू हुई. 15 मई को महापौर एजाज ढेबर ने हमारी खबर के लिए ETV भारत को धन्यवाद दिया था. जिसके बाद एक नवंबर को नए कलेवर में नगर निगम ने नया बूढ़ा तालाब राजधानी को राज्य स्थापना दिवस यानी एक नवंबर को सौंप दिया.