रायपुर: छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूले ने जोर पकड़ लिया है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी बात कही है. सीएम बघेल ने कहा कि अगर आलाकमान का आदेश होगा, तो वे तुरंत इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. सीएम ने कहा कि उन्हें पद का मोह नहीं है. वे बोले कि जो इस तरह की बातों को हवा दे रहे हैं, उन्हें देश और प्रदेश के विकास से दिक्कत है. बिलासपुर में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि, 'किसी का कार्यकाल तय नहीं होता, हाईकमान फैसला लेता है.'
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ETV भारत से कहा था, राजनीति में कुछ स्थायी नहीं
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कुछ दिन पहले ही ETV भारत से ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर कहा था कि 'कार्य अवधि किसी की तय नहीं रहती. हमने अर्जुन सिंह के रूप में दो दिन का मुख्यमंत्री भी देखा और 15-15 साल का सीएम भी देख रहे हैं. 'सिंहदेव ने कहा कि 'समय और परिस्थिति के हिसाब से हाईकमान इसका निर्णय करता है.' ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा था कि राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता. सिंहदेव ने ये भी कहा कि कई बार नाराजगी के साथ भी काम करना होता है. कई ऐसे मौके आए जब एक ही शहर में साथ होने पर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव साथ नहीं नजर आए.
अपने संभाग के सीनियर लीडर्स की अनदेखी से नाराज सिंहदेव !
अक्टूबर 2020 ही में एल्डरमैन की नियुक्ति के दौरान भी यह देखा गया कि सरकार में टीएस सिंहदेव के करीबियों को महत्व नहीं दिया. अंबिकापुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भेंट करने के दौरान टीएस सिंहदेव ने कहा था कि संघर्ष के दिनों में कांग्रेस के जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को आगे ले जाने में भूमिका निभाई है, उन्हें छोड़ नए जुड़े लोगों को महत्व दिया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि हकीकत जान कर भी नकार नहीं सकते. सिंहदेव का बयान आने के बाद पार्टी के बड़े नेताओं में उनके बयान को लेकर सनसनी फैल गई थी. सरगुजा संभाग में टीएस बाबा की पकड़ है. यहां की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
डिनर के बाद मिलने लगी थी चर्चाओं को हवा
हाल ही में अचानक कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, कैबिनेट के कई मंत्री, विधायक और वरिष्ठ नेता देर रात टीएस सिंहदेव के बंगले पर पहुंचे. उस वक्त भी तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे कि टीएस सिंहदेव नाराज हैं, सीएम और उनके बीच की दूरी को कम करने के लिए ये डिनर रखा गया था. उस वक्त भी ढाई-ढाई साल के सीएम की चर्चाओं को हवा मिली थी.