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Nag panchmi 2022 : कैसे करें नागपंचमी के दिन पूजा ? - नाग पंचमी का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व

भगवान शिव को सावन माह बेहद प्रिय है. इसी माह में उनके प्रिय श्रृंगार यानी सर्प की भी पूजा की जाती है. शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग की पूजा का विधान है. इसे भारत में नागपंचमी की पूजा के नाम से जाना जाता ( How to worship Nagpanchami) है.

Nag panchmi 2022
कैसे करें नागपंचमी के दिन पूजा
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Published : Jul 29, 2022, 4:14 PM IST

रायपुर : हिंदू धर्म में तमाम देवी-देवताओं की तरह नाग की पूजा का भी विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार नागाधिराज वासुकी इस पृथ्वी के मूल आधार हैं. यही कारण है कि शास्त्रों मे नाग देवता की पूजा के बारे में न सिर्फ विस्तार से बताया गया है, बल्कि इसके लिए बकायदा एक शुभ दिन भी सुनिश्चित किया गया है. पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के पर्व के रूप में जाना जाता ( How to worship Nagpanchami) है. इस दिन सुख-सौभाग्य की कामना लिए महिलाएं अपने भाई और परिवार के सदस्यों की रक्षा के लिए नाग देवता की विशेष रूप से पूजा करती हैं.

नाग पंचमी की पूजा मुहूर्त : इस साल नागपंचमी 02 अगस्त 2022 को तिथि पूरे दिन और पूरी रात रहेगी. इस दिन पंचमी तिथि प्रात:काल 05:43 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 03 अगस्त 2022 को सायंकाल 05:43 बजे तक रहेगी. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा (Nagpanchami Ki pooja ) के लिए सबसे उत्तम समय प्रात:काल 05:43 बजे से लेकर 08:25 बजे तक रहेगा. इस तरह नाग पंचमी के दिन लगभग पौने तीन घंटे पूजा का शुभ मुहूर्त है. पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी के दिन शिव योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा जो कि अत्यंत ही शुभ है.

कैसे करें नागपंचमी की पूजा : नाग पंचमी के दिन व्रत एवं पूजन करने के लिए श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सिर्फ एक बार भोजन करें और पंचमी के दिन विधि-विधान से पूजन करें. नाग पंचमी के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद नागपंचमी व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी पर नाग देवता का चित्र या फिर मिट्टी या चांदी का नाग रखें. इसके बाद उन्हें दूध एवं जल से स्नान कराने के बाद पुष्प, हल्दी, रोली, अक्षत से पूजा करें. इसके बाद नाग देवता को भोग के रूप में कच्चे दूध में चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें और उनके मंत्र का पाठ करें. सबसे अंत में नाग देवता की आरती करके सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगे.

ये भी पढ़ें- Kajari Teej 2022: कजरी तीज पर सुहागिन महिलाएं ऐसे करें पूजा

नाग पंचमी का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व : हिंदू धर्म में नाग देवता की पूजा सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाली मानी गई है. मानयता है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर व्यक्ति को शत्रुओं का भय नहीं रहता है. उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि नाग देवता की पूजा से जहां व्यक्ति को जीवन में सर्पदंश का भय नहीं रहता है, वहीं कुंडली से जुड़ा कालसर्प दोष भी दूर होता है.

रायपुर : हिंदू धर्म में तमाम देवी-देवताओं की तरह नाग की पूजा का भी विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार नागाधिराज वासुकी इस पृथ्वी के मूल आधार हैं. यही कारण है कि शास्त्रों मे नाग देवता की पूजा के बारे में न सिर्फ विस्तार से बताया गया है, बल्कि इसके लिए बकायदा एक शुभ दिन भी सुनिश्चित किया गया है. पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के पर्व के रूप में जाना जाता ( How to worship Nagpanchami) है. इस दिन सुख-सौभाग्य की कामना लिए महिलाएं अपने भाई और परिवार के सदस्यों की रक्षा के लिए नाग देवता की विशेष रूप से पूजा करती हैं.

नाग पंचमी की पूजा मुहूर्त : इस साल नागपंचमी 02 अगस्त 2022 को तिथि पूरे दिन और पूरी रात रहेगी. इस दिन पंचमी तिथि प्रात:काल 05:43 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 03 अगस्त 2022 को सायंकाल 05:43 बजे तक रहेगी. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा (Nagpanchami Ki pooja ) के लिए सबसे उत्तम समय प्रात:काल 05:43 बजे से लेकर 08:25 बजे तक रहेगा. इस तरह नाग पंचमी के दिन लगभग पौने तीन घंटे पूजा का शुभ मुहूर्त है. पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी के दिन शिव योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा जो कि अत्यंत ही शुभ है.

कैसे करें नागपंचमी की पूजा : नाग पंचमी के दिन व्रत एवं पूजन करने के लिए श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सिर्फ एक बार भोजन करें और पंचमी के दिन विधि-विधान से पूजन करें. नाग पंचमी के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद नागपंचमी व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी पर नाग देवता का चित्र या फिर मिट्टी या चांदी का नाग रखें. इसके बाद उन्हें दूध एवं जल से स्नान कराने के बाद पुष्प, हल्दी, रोली, अक्षत से पूजा करें. इसके बाद नाग देवता को भोग के रूप में कच्चे दूध में चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें और उनके मंत्र का पाठ करें. सबसे अंत में नाग देवता की आरती करके सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगे.

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नाग पंचमी का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व : हिंदू धर्म में नाग देवता की पूजा सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाली मानी गई है. मानयता है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर व्यक्ति को शत्रुओं का भय नहीं रहता है. उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि नाग देवता की पूजा से जहां व्यक्ति को जीवन में सर्पदंश का भय नहीं रहता है, वहीं कुंडली से जुड़ा कालसर्प दोष भी दूर होता है.

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