रायपुर: कोरोना (Corona) के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Variant Omicron) को लेकर देश के सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. साउथ अफ्रीका (South Africa) से फैले इस नए म्युटेंट वायरस को लेकर 12 देशों को हाई रिस्क पर रखा गया है. यूनाइटेड स्टेट्स (United States), यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, पाकिस्तान, बोत्सवाना, चीन, मॉरिशियस, न्यूजीलैंड, जिंबाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग, इजरायल और इन देशों से भारत आने वाले सभी यात्रियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
डॉक्टर्स ने बताया जा रहा है कि कोरोना के जो पहले डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट थे ओमिक्रोन भी उसी तरह का एक वेरिएंट है. लेकिन यह वेरिएंट डेल्टा प्लस जितना खतरनाक नहीं है. यानी भारत में सेकंड वेव जब मार्च से जुलाई तक थी. उस दौरान कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट लोगों में देखने को मिला था. डॉक्टर्स का कहना है कि ओमिक्रोन वेरिएंट (Variant Omicron), डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) जितना खतरनाक तो नहीं है लेकिन तेजी से यह संक्रमण फैलाता है. इस बारे में और जानने के लिए ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के रायपुर के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता से खास बातचीत की. चो आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड (Chhattisgarh Hospital Board) के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि ओमिक्रोन नया वेरिएंट (Variant Omicron) आया है. यह अफ्रीकन देशों से अमेरिका, यूरोप में गया है. यह वेरिएंट बहुत ज्यादा फैलने वाला है. लेकिन यह डेल्टा वेरिएंट से कम खतरनाक है. जिसने दूसरी लहर में बहुत ज्यादा दिक्कतें पैदा की थी. यह फैलता तेजी से है. लेकिन वैक्सीनेशन जिनको हो चुका है उसमें यह ज्यादा असर नहीं दिखाता है. इसमें फैलाव ज्यादा है जो चिंताजनक है लेकिन इसकी तीव्रता कम है.
12 हाई रिस्क वाले देशों से आ रहे मरीजों पर रखी जा रही कड़ी नजर
दूसरे देशों से जो मरीज आ रहे हैं. वह पॉजिटिव तो आए हैं लेकिन अभी तक ओमिक्रोन वायरस (Variant Omicron) उनमें मिला है या नहीं इसकी टेस्टिंग अभी की जा रही है. लेकिन जो लोग दूसरे देशों से आए हैं. उनकी निगरानी की जा रही है. उनको ट्रैक किया जा रहे हैं. उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है. इसके लिए अलग गाइडलाइन जारी की गई है. लेकिन जिनोम सीक्वेंसिंग से पता चलेगा कि ओमीक्रोन वेरिएंट है या नहीं अभी सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत में फैल रहा है. लेकिन अभी कोई मरीज नहीं मिला है.
वैक्सीनेशन ओमिक्रोन वेरिएंट पर भी कारगर
वैक्सीनेशन और टेस्टिंग को चकमा देने वाली बात अभी नहीं आई है. क्योंकि इसके वैज्ञानिक कारण है जो भी नया वेरिएंट मिला है. वह भी कोरोना का ही एक म्युटेंट है. वैक्सीनेशन, डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) के दौरान भी काफी कारगर साबित हुई थी. ओमिक्रोन क्योंकि कोरोना का ही एक म्युटेंट वेरिएंट है. इस कारण से ऐसा माना जा रहा है कि वैक्सीन इसके खिलाफ भी कारगर साबित होगी. या फिर हो सकता है कि प्रतिशत का फर्क आ सकता है. लेकिन जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं. वह इससे सुरक्षित माने जाएंगे.
बैक्टीरिया और वायरस समय के साथ होता है म्यूटेट, लेकिन विज्ञान की होती है हमेशा जीत
वायरस के अलग-अलग वेरिएंट होते हैं. यह एक वैज्ञानिक तथ्य है. इंसान या मानव किसी वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ता है. वैक्सीन से या अलग-अलग प्रकार की दवाइयां से तो बैक्टीरिया और वायरस सरवाइव करने के लिए म्यूटेट होता जाता है. ताकि वह जीवित रहे. ओमिक्रोन भी लगभग ऐसा ही है. लेकिन यह डाटा प्लस जितना कारगर नहीं है. इसके और म्यूटेशंस हो सकते हैं. इसी तरह वैक्सीन भी विकसित किया जाएगा. जैसे-जैसे इस के वंशज आते जाएंगे यह तथ्य है कि विज्ञान की हमेशा जीत हुई है. वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ तो विज्ञान जितनी तरक्की करेगा. कोरोना वैक्सीन के माध्यम से हम उस पर विजय प्राप्त करते जाएंगे.