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सही प्रशिक्षण और जरूरी सुविधाओं के बगैर कैसे मेडल जीतेंगे हमारे खिलाड़ी?

एक ओर टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है तो वहीं दूसरी ओर देश के होनहार खिलाड़ी आज भी सही प्रशिक्षण और फैसिलिटी के लिए मोहताज हैं. जिसके कारण खिलाड़ियों को उस स्तर का प्रशिक्षण और फैसिलिटी नहीं मिल पा रही है.

Players expect proper training and facilities
खिलाड़ियों को सही प्रशिक्षण और फैसिलिटी की आस
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Published : Jul 29, 2021, 3:11 PM IST

Updated : Jul 29, 2021, 4:10 PM IST

रायपुर: जापान के टोक्यो में खेलों का महाकुंभ ओलंपिक (olympics) शुरू हो चुका है. खेल के इस महाकुंभ में दुनिया भर के खिलाड़ी अपना जौहर दिखा रहे हैं. वहीं भारत की वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी मीराबाई चानू (Weightlifting player Mirabai Chanu) ने वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक में सिल्वर मेडल (silver medal) जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया है.

सिल्वर मेडल जीतने के बाद पूरा देश मीराबाई चानू की प्रशंसा कर रहा है. वहीं देश में ऐसे भी कई खिलाड़ी हैं. जिनमें प्रतिभा होने के बावजूद उन्हें प्रशिक्षण और फैसिलिटी नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल मैच (National and International matches) नहीं खेल पा रहे हैं. ईटीवी भारत ने इसकी वजह जानने के लिए कोच और कुछ खिलाड़ियों से चर्चा की.

खिलाड़ियों को सही प्रशिक्षण और फैसिलिटी की आस

स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एकेडमी की कमी

वेटलिफ्टिंग कोच मानिक ताम्रकार ने बताया कि प्रदेश में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एकेडमी की कमी है. इसी वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने की जगह नहीं मिल पा रही है. मुख्यमंत्री चाहे तो हर जिले में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बना सकता है. जिससे खिलाड़ी वहां प्रैक्टिस कर सकें लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. प्रदेश में टैलेंटेड खिलाड़ियों की भरमार है, लेकिन खिलाड़ियों का गरीब परिवार से नाता होने की वजह से उन्हें सही तरीके से फैसिलिटी नहीं मिल पाती है. सरकार द्वारा भी जितनी सहायता एक खिलाड़ी को उभारने के लिए करना चाहिए, सरकार नहीं कर रही है. इसी वजह से खिलाड़ी चाहते हुए भी खेल पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं और आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.

मैदान से दूर हुए खिलाड़ी, 2 साल से समर कैंप भी बंद

नेशनल खिलाड़ी कुमकुम ने बताया कि दूसरे देशों की तुलना छोड़िए पंजाब, हरियाणा और पड़ोसी राज्य जैसे बराबर सपोर्ट भी अगर सरकार से मिल जाए, तो वह काफी आगे निकल सकते हैं. लेकिन ना तो प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने का काम हो रहा है और ना ही राष्ट्रीय स्तर के आयोजन को बढ़ावा दिया जा रहा है.

'सरकार' नहीं करती खिलाड़ियों का सपोर्ट

फिटनेस को लेकर खिलाड़ियों का कहना है कि खिलाड़ियों को फिट रहने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट लेनी पड़ती है. जिसके लिए काफी पैसे खर्च होते हैं. खिलाड़ियों को खुद से डाइट लेनी पड़ रही है और खिलाड़ियों की फाइनेंसियल कंडीशन ठीक नहीं हो पाने की वजह से, वह प्रॉपर डाइट नहीं ले पा रहे हैं. यह भी एक बहुत महत्वपूर्ण वजह है कि खिलाड़ी खेल में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.

खिलाड़ी मंजू पटेल ने बताया कि प्रदेश में खिलाड़ियों को सरकार का सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है. ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो काफी गरीब हैं. वे स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाना चाहते हैं. कई कोचेस अपने पास रखकर उन्हें ट्रेनिंग देते हैं. लेकिन एक कोच कितने खिलाड़ियों के लिए क्या-क्या करे? सरकार को भी खिलाड़ियों की तरफ ध्यान देना चाहिए. खिलाड़ियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अगर सरकार खिलाड़ियों को सपोर्ट करने लगे और प्रॉपर फैसिलिटी और ट्रेनिंग दी जाए तो प्रदेश के खिलाड़ी भी ओलंपिक में मेडल ला सकते हैं.

रायपुर: जापान के टोक्यो में खेलों का महाकुंभ ओलंपिक (olympics) शुरू हो चुका है. खेल के इस महाकुंभ में दुनिया भर के खिलाड़ी अपना जौहर दिखा रहे हैं. वहीं भारत की वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी मीराबाई चानू (Weightlifting player Mirabai Chanu) ने वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक में सिल्वर मेडल (silver medal) जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया है.

सिल्वर मेडल जीतने के बाद पूरा देश मीराबाई चानू की प्रशंसा कर रहा है. वहीं देश में ऐसे भी कई खिलाड़ी हैं. जिनमें प्रतिभा होने के बावजूद उन्हें प्रशिक्षण और फैसिलिटी नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल मैच (National and International matches) नहीं खेल पा रहे हैं. ईटीवी भारत ने इसकी वजह जानने के लिए कोच और कुछ खिलाड़ियों से चर्चा की.

खिलाड़ियों को सही प्रशिक्षण और फैसिलिटी की आस

स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एकेडमी की कमी

वेटलिफ्टिंग कोच मानिक ताम्रकार ने बताया कि प्रदेश में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एकेडमी की कमी है. इसी वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने की जगह नहीं मिल पा रही है. मुख्यमंत्री चाहे तो हर जिले में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बना सकता है. जिससे खिलाड़ी वहां प्रैक्टिस कर सकें लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. प्रदेश में टैलेंटेड खिलाड़ियों की भरमार है, लेकिन खिलाड़ियों का गरीब परिवार से नाता होने की वजह से उन्हें सही तरीके से फैसिलिटी नहीं मिल पाती है. सरकार द्वारा भी जितनी सहायता एक खिलाड़ी को उभारने के लिए करना चाहिए, सरकार नहीं कर रही है. इसी वजह से खिलाड़ी चाहते हुए भी खेल पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं और आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.

मैदान से दूर हुए खिलाड़ी, 2 साल से समर कैंप भी बंद

नेशनल खिलाड़ी कुमकुम ने बताया कि दूसरे देशों की तुलना छोड़िए पंजाब, हरियाणा और पड़ोसी राज्य जैसे बराबर सपोर्ट भी अगर सरकार से मिल जाए, तो वह काफी आगे निकल सकते हैं. लेकिन ना तो प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने का काम हो रहा है और ना ही राष्ट्रीय स्तर के आयोजन को बढ़ावा दिया जा रहा है.

'सरकार' नहीं करती खिलाड़ियों का सपोर्ट

फिटनेस को लेकर खिलाड़ियों का कहना है कि खिलाड़ियों को फिट रहने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट लेनी पड़ती है. जिसके लिए काफी पैसे खर्च होते हैं. खिलाड़ियों को खुद से डाइट लेनी पड़ रही है और खिलाड़ियों की फाइनेंसियल कंडीशन ठीक नहीं हो पाने की वजह से, वह प्रॉपर डाइट नहीं ले पा रहे हैं. यह भी एक बहुत महत्वपूर्ण वजह है कि खिलाड़ी खेल में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.

खिलाड़ी मंजू पटेल ने बताया कि प्रदेश में खिलाड़ियों को सरकार का सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है. ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो काफी गरीब हैं. वे स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाना चाहते हैं. कई कोचेस अपने पास रखकर उन्हें ट्रेनिंग देते हैं. लेकिन एक कोच कितने खिलाड़ियों के लिए क्या-क्या करे? सरकार को भी खिलाड़ियों की तरफ ध्यान देना चाहिए. खिलाड़ियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अगर सरकार खिलाड़ियों को सपोर्ट करने लगे और प्रॉपर फैसिलिटी और ट्रेनिंग दी जाए तो प्रदेश के खिलाड़ी भी ओलंपिक में मेडल ला सकते हैं.

Last Updated : Jul 29, 2021, 4:10 PM IST
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