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Raipur : यूनीपोल घोटाले पर बीजेपी का हल्लाबोल, 10 मई को निगम घेराव - Raipur corporation

रायपुर नगर निगम में महापौर ने अफसरों और कर्मचारियों पर बिना जानकारी के कार्यों के कराए जाने के आरोप लगाए थे. एजाज ढेबर ने इस मामले में 27 करोड़ रुपए के घोटाले की बात कही थी. लेकिन अब महापौर एजाज ढेबर को बीजेपी कटघरे में खड़ी कर रही है.

BJP will protest on Unipol scam
यूनीपोल घोटाले पर बीजेपी करेगी प्रदर्शन
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Published : May 9, 2023, 2:14 PM IST

रायपुर : नगर निगम में 27 करोड़ का कथित घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में अफसरों और विज्ञापन एजेंसी पर मिलीभगत कर पैसों के बंदरबाट करने का आरोप है. इस घोटाले के खिलाफ अब निगम में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी 10 मई को बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है. जिसके तहत निगम कार्यालय का बीजेपी कार्यकर्ता घेराव करेंगे. बीजेपी के अलग-अलग प्रकोष्ठ और पार्षद अपने वार्डों से कार्यकर्ताओं को लेकर निगम दफ्तर में हल्ला बोलेंगे. इस पूरे मामले का खुलासा महापौर एजाज ढेबर ने किया था. लेकिन अब बीजेपी महापौर पर ही सवाल खड़े कर रही है.

महपौर से बीजेपी के सवाल : भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूनीपोल का टेंडर 2019 में हुआ था. टेंडर के नियम और शर्तें किसने बदले सब की जानकारी महापौर को है. शहर के डिवाइडर में जब यूनीपोल लगाए जा रहे थे, उस दौरान पार्षदों ने इसकी शिकायत की थी.उस समय अधिकारी और महापौर ने सारी चीजें नियमों से होने की बात कही थी. सामान्य सभा में भी यह मामला उठाया गया था. उस समय महापौर एजाज ढेबर ने चुप्पी साध रखी थी."

महापौर पर लीपापोती करने का आरोप : मृत्युंजय दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि " सारी चीजें महापौर के संज्ञान में है. बावजूद इसके अब तक महापौर एजाज ढेबर ने पूर्व नगर निगम आयुक्त और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोटिस क्यों नहीं चलाया है. छत्तीसगढ़ में जबसे शराब घोटाले में महापौर के भाई का नाम सामने आया है.एजाज ढेबर अपनी छवि साफ सुथरी दिखाने की कोशिश में लगे हैं.इसलिए 27 करोड़ के घोटाले का खुलासा किया है. उनके पास सारे दस्तावेज हैं. किस अधिकारी ने नियम और शर्तों को बदला है. इसके बाद अब तक अधिकारी के खिलाफ नोटशीट क्यों नहीं चला रहे हैं. महापौर जांच समिति का दिखावा करके इस मामले में लीपापोती करना चाहते हैं.''

ये भी पढ़ें- शराब घोटाले पर बीजेपी ने मांगा सीएम का इस्तीफा



क्या है यूनीपोल घोटाला : रायपुर शहर के कई जगहों में यूनीपोल लगाए गए थे. इन यूनीपोल को लगाने के लिए जो नियम और कायदे बनाए गए हैं, उसकी अनदेखी की गई है. यूनीपोल के लिए एड एजेंसी को जो पैसे भुगतान किए गए, वो अलग-अलग यूनीपोल के लिए अलग-अलग राशि थी. जबकि सभी यूनिपोल का काम एक ही था. जबकि टेंडर में स्पष्ट लिखा है कि किसी भी यूनीपोल का साइज नहीं बदल सकते. लेकिन यूनीपोल का साइज बदलकर साइज के हिसाब से एड एजेंसियों ने भुगतान लिया. 18 टॉयलेट के साथ प्रत्येक टॉयलेट के दोनों ओर दो दो यूनिपोल की शर्त थी. इस हिसाब से 36 यूनीपोल लगने थे. लेकिन शहर में 51 यूनीपोल लगा दिए गए.

रायपुर : नगर निगम में 27 करोड़ का कथित घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में अफसरों और विज्ञापन एजेंसी पर मिलीभगत कर पैसों के बंदरबाट करने का आरोप है. इस घोटाले के खिलाफ अब निगम में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी 10 मई को बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है. जिसके तहत निगम कार्यालय का बीजेपी कार्यकर्ता घेराव करेंगे. बीजेपी के अलग-अलग प्रकोष्ठ और पार्षद अपने वार्डों से कार्यकर्ताओं को लेकर निगम दफ्तर में हल्ला बोलेंगे. इस पूरे मामले का खुलासा महापौर एजाज ढेबर ने किया था. लेकिन अब बीजेपी महापौर पर ही सवाल खड़े कर रही है.

महपौर से बीजेपी के सवाल : भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूनीपोल का टेंडर 2019 में हुआ था. टेंडर के नियम और शर्तें किसने बदले सब की जानकारी महापौर को है. शहर के डिवाइडर में जब यूनीपोल लगाए जा रहे थे, उस दौरान पार्षदों ने इसकी शिकायत की थी.उस समय अधिकारी और महापौर ने सारी चीजें नियमों से होने की बात कही थी. सामान्य सभा में भी यह मामला उठाया गया था. उस समय महापौर एजाज ढेबर ने चुप्पी साध रखी थी."

महापौर पर लीपापोती करने का आरोप : मृत्युंजय दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि " सारी चीजें महापौर के संज्ञान में है. बावजूद इसके अब तक महापौर एजाज ढेबर ने पूर्व नगर निगम आयुक्त और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोटिस क्यों नहीं चलाया है. छत्तीसगढ़ में जबसे शराब घोटाले में महापौर के भाई का नाम सामने आया है.एजाज ढेबर अपनी छवि साफ सुथरी दिखाने की कोशिश में लगे हैं.इसलिए 27 करोड़ के घोटाले का खुलासा किया है. उनके पास सारे दस्तावेज हैं. किस अधिकारी ने नियम और शर्तों को बदला है. इसके बाद अब तक अधिकारी के खिलाफ नोटशीट क्यों नहीं चला रहे हैं. महापौर जांच समिति का दिखावा करके इस मामले में लीपापोती करना चाहते हैं.''

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क्या है यूनीपोल घोटाला : रायपुर शहर के कई जगहों में यूनीपोल लगाए गए थे. इन यूनीपोल को लगाने के लिए जो नियम और कायदे बनाए गए हैं, उसकी अनदेखी की गई है. यूनीपोल के लिए एड एजेंसी को जो पैसे भुगतान किए गए, वो अलग-अलग यूनीपोल के लिए अलग-अलग राशि थी. जबकि सभी यूनिपोल का काम एक ही था. जबकि टेंडर में स्पष्ट लिखा है कि किसी भी यूनीपोल का साइज नहीं बदल सकते. लेकिन यूनीपोल का साइज बदलकर साइज के हिसाब से एड एजेंसियों ने भुगतान लिया. 18 टॉयलेट के साथ प्रत्येक टॉयलेट के दोनों ओर दो दो यूनिपोल की शर्त थी. इस हिसाब से 36 यूनीपोल लगने थे. लेकिन शहर में 51 यूनीपोल लगा दिए गए.

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