रायपुर: पहली बार साल 2005 में नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया (International tea day 2022)गया था. साल 2015 में भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) को दुनिया भर में समारोहों का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया. इस दिन का उद्देश्य चाय के स्थायी उत्पादन, व्यापार और खपत को बढ़ावा देना था.
बता दें कि हर साल 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. यह दिन चाय श्रमिकों के लिए सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों, निष्पक्ष व्यापार और चाय के उत्पादन में सुधार के लिए एक स्थायी वातावरण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जाना जाता है.
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास: अक्टूबर 2015 में चाय पर एफएओ इंटरगवर्नमेंटल ग्रुप में भारत ने एक प्रस्ताव पेश किया. जिसके आधार पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में नामित किया गया. साल 2019 से पहले, 15 दिसंबर को चाय उत्पादक देशों जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, केन्या, मलावी, मलेशिया, युगांडा, भारत और तंजानिया में अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाया जाता है. सबसे पहले दिल्ली में साल 2005 में ये दिन सेलिब्रेट किया गया था.
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चाय को लेकर किए गए अध्ययन: चाय से सेहत पर होने वाले प्रभाव को जानने के लिए कई अध्ययन किए गए. ज्यादातर शोध के परिणाम यह बताते हैं कि चाय का संयमित सेवन करना वास्तव में स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है.
इन जोखिमों को कम करता है चाय: यरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में चीन में एक लाख से अधिक वयस्कों को शामिल किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग नियमित रूप से चाय पीते थे, उनमें एथेरोस्क्लेरोटिक कार्डियोवैस्कुलर बीमारी विकसित होने या इसके कारण होने वाली मौत का जोखिम कम पाया गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि चाय में मौजूद यौगिक, रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं, जो व्यक्ति में स्ट्रोक से मरने के जोखिम को कम कर सकती है.