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Dhanteras 2022 : क्या है धनतेरस का धार्मिक महत्व - कब मनाया जाता है धनतेरस

Dhanteras 2022 धनतेरस भारत का त्योहार है. धनतेरस का त्योहार हिन्दू धर्म में मनाया जाता है. हिन्दू धर्म के लोग इस त्योहार को अच्छे से मनाते हैं. धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास की श्रीकृष्ण त्रयोदशी के दिन आता है. धनतेरस का महत्व भारत के सभी लोग अच्छी तरह जनते हैं . जो लोग नहीं जानते हैं वो निराश ना हो क्योंकि हमारा ये लेख आपको धनतेरस से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात बताएगा.

importance of Dhanteras
Dhanteras 2022 : क्या है धनतेरस का धार्मिक महत्व
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Published : Oct 12, 2022, 2:11 PM IST

Updated : Nov 10, 2023, 3:47 PM IST

Dhanteras 2022 : हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन अर्थात दीपावाली से दो दिन पहले मनाया जाता है. धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है. धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुणा बढ़ाने और उसमें वृद्धि करने का द‌िन माना गया (Culture of Dhanteras ) है. कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि '' इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है. साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है.''

कब मनाया जाता है धनतेरस : धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता (Religious of Dhanteras ) है. हिन्दू धर्म के हिसाब से धनतेरस वाले दिन घर के द्वार पर 13 दीपक जलाए जाते हैं. धनतेरस का त्योहार छोटी दीपावली से पहले आता है. धनतेरस वाले दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना गया है. धनतेरस के दिन भगवान यमराज और भगवान धनवंतरि की पूजा अर्चना होती (History of Dhanteras ) है.

क्या है धनतेरस का धार्मिक महत्व (importance of Dhanteras) : भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता है. यह कहावत आज भी प्रचलित है कि “पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया” इसीलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है. जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है. शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. मान्यता है कि '' भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं. संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरि का अवतार लिया था.''

भगवान धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का उच्चारण करें.

देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान,

दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो,

धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः,

ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि

Dhanteras 2022 : हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन अर्थात दीपावाली से दो दिन पहले मनाया जाता है. धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है. धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुणा बढ़ाने और उसमें वृद्धि करने का द‌िन माना गया (Culture of Dhanteras ) है. कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि '' इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है. साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है.''

कब मनाया जाता है धनतेरस : धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता (Religious of Dhanteras ) है. हिन्दू धर्म के हिसाब से धनतेरस वाले दिन घर के द्वार पर 13 दीपक जलाए जाते हैं. धनतेरस का त्योहार छोटी दीपावली से पहले आता है. धनतेरस वाले दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना गया है. धनतेरस के दिन भगवान यमराज और भगवान धनवंतरि की पूजा अर्चना होती (History of Dhanteras ) है.

क्या है धनतेरस का धार्मिक महत्व (importance of Dhanteras) : भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता है. यह कहावत आज भी प्रचलित है कि “पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया” इसीलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है. जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है. शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. मान्यता है कि '' भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं. संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरि का अवतार लिया था.''

भगवान धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का उच्चारण करें.

देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान,

दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो,

धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः,

ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि

Last Updated : Nov 10, 2023, 3:47 PM IST
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