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राज्य सरकार को झटका, सहकारी सेवा समितियों को भंग होने के आदेश पर रोक - chhattisgarh

सहकारी सेवा समितियों को भंग करने के मामले हाईकोर्ट ने याचिकार्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए आगामी सुनवाई तक आदेश पर रोक लगा दी है.

जश्न मनाते बीजेपी कार्यकर्ता.
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Published : Sep 7, 2019, 7:42 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की सहकारी सेवा समितियों को भंग करने के मामले में राज्य सरकार को हाईकार्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने याचिकार्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए आगामी सुनवाई तक आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने मामले को लेकर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी.

जश्न मनाते बीजेपी कार्यकर्ता.

बता दें कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की सभी सहकारी सेवा समितियों के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी कर 30 जुलाई 2019 तक दावा-आपत्ति आमंत्रित किया था. इसके बाद सरकार ने बिना दावा-आपत्ति का निराकरण किए 30 अगस्त 2019 को प्रदेश की 1 हजार से अधिक सेवा सहकारी समितियों को भंग कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ सेवा सहकारी समिति भैसमा के सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

सुनवाई के बाद बुधवार को चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डीबी ने फैसला सुरक्षित रखा था. सहकारी समितियों को राज्य सरकार द्वारा भंग किये पर HC ने स्टे लगाने पर भाजपा ने रायपुर कार्यालय में जश्न मनाया. भाजपा सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों ने कहा कि ये लोकतंत्र की जीत है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की सहकारी सेवा समितियों को भंग करने के मामले में राज्य सरकार को हाईकार्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने याचिकार्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए आगामी सुनवाई तक आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने मामले को लेकर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी.

जश्न मनाते बीजेपी कार्यकर्ता.

बता दें कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की सभी सहकारी सेवा समितियों के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी कर 30 जुलाई 2019 तक दावा-आपत्ति आमंत्रित किया था. इसके बाद सरकार ने बिना दावा-आपत्ति का निराकरण किए 30 अगस्त 2019 को प्रदेश की 1 हजार से अधिक सेवा सहकारी समितियों को भंग कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ सेवा सहकारी समिति भैसमा के सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

सुनवाई के बाद बुधवार को चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डीबी ने फैसला सुरक्षित रखा था. सहकारी समितियों को राज्य सरकार द्वारा भंग किये पर HC ने स्टे लगाने पर भाजपा ने रायपुर कार्यालय में जश्न मनाया. भाजपा सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों ने कहा कि ये लोकतंत्र की जीत है.

Intro:प्रदेश की सेवा सहकारी समितियों को भंग करने के मामले में राज्य सरकार को हाईकार्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने याचिकार्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए आगामी सुनवाई तक आदेश पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने मामले को लेकर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। अब मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी। बता दें कि राज्य शासन ने प्रदेशभर की सेवा सहकारी समितियों के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी कर 30 जुलाई 2019 तक दावा-आपत्ति आमंत्रित किया था।Body:

इसके बाद सरकार ने बिना दावा-आपत्ति का निराकरण किए 30 अगस्त 2019 को प्रदेश की 1 हज़ार से अधिक सेवा सहकारी समितियों को भंग कर दिया था। जिसके बाद आदेश के खिलाफ सेवा सहकारी समिति भैसमा के सदस्य लक्ष्मण उरांव, बरपाली समिति के मोहनलाल कंवर, जीवन लाल कंवर समेत अन्य समितियों के सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के बाद बुधवार को चीफ जस्टिस पीआर रामचंंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डीबी ने फैसला सुरक्षित रखा था।सहकारी समितियों को राज्य सरकार द्वारा भंग किये पर HC ने स्टे लगाने पर भाजपा ने रायपुर के भाजपा कार्यालय में जश्न मनाया। भाजपा सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों ने कहा कि ये लोकतंत्र की जीत है।


Byte- अशोक बजाज , BJP सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
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