रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले 10 दिनों से कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं. यह महामारी ने अब तक प्रदेश के 23 जिलों को अपने गिरफ्त में ले चुकी है. कोरोना ने ज्यादातर दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को अपना शिकार बनाया है. एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में तीन लाख से ज्यादा मजदूर और वापस आ सकते हैं. ऐसे में इसका संक्रमण और तेजी से बढ़ने की आशंका है क्योंकि ज्यादातर शहरों का बाजार और कारोबार को रिओपेन कर दिया गया है.
छत्तीसगढ़ सरकार के मुताबिक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कोविड-19 अस्पताल बनाए गए हैं. प्रदेश का आंकड़ा मिलाकर राज्य में फिलहाल 18 सौ बिस्तर का कोविड-19 अस्पताल है. इसके अलावा सरकार ने 115 आइसोलेशन सेंटर बनाये हैं. इसके अलावा 19 हजार 535 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इस तरह प्रदेश में क्वारेंटाइन सेंटरों में 1073 लोग हैं. वहीं 52 हजार 352 लोग होम क्वारेंटाइन किए गए हैं. सात ही प्रदेश में कोविड-19 के लिए 922 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं.
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कोविड-19 के लिए मास्क बेहद जरूरी है
प्रदेश में फिलहाल 4 हजार 403 N95 मास्क उपलब्ध है. वहीं ट्रिपल लेयर मास्क 5 लाख 70 हजार 446 हैं. इसके अलावा सर्जिकल मास्क भी 51 हजार 525 स्टॉक में हैं. खासतौर पर डेटिकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स में तैनात मेडिकल स्टाफ के लिए एन 95 मास्क बेहद जरूरी है.
पीपीई किट भी बेहद जरूरी
कोविड-19 अस्पतालों में तैनात स्वास्थ कर्मी के लिए पीपीई किट भी बहुत जरूरी है. इसके लिए प्रदेश में 57 हजार 288 पीपीई किट्स उपलब्ध हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के पास 23 हजार 420 सेफ डिलीवरी किट्स भी उपलब्ध हैं. इसे भी पीपीई किट्स की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
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अब तक महज 0.32 प्रतिशत लोगों का लिया गया सैंपल
छत्तीसगढ़ की आबादी के अनुपात में अभी भी जो सैंपल लिए जा रहे हैं, वह बेहद कम हैं. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि प्रदेशभर में अभी तक 1 फीसदी लोगों का भी सैंपल कलेक्ट नहीं किया जा सका है. स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक अब तक प्रदेश में 81 हजार 773 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी जो मामले सामने आए हैं, वह कितने कम सैंपल्स के बीच से हैं.
रोकथाम से जीत सकते हैं जंग
कुछ लोगों का मानना है कि अगर टेस्ट ज्यादा करवाए गए, तो कोरोना के मामलों में और अधिक बढ़ोतरी हो सकती है. इन आंकड़ों के आधार पर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए हम कितने तैयार हैं. स्वास्थ्य के मामले में एक बहुत पुरानी कहावत है 'प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर', शब्द का पालन कर ही हम इस वायरस का मुकाबला कर सकते हैं.