रायपुर: रेमडेसिवीर दवा की कमी की अफवाहों पर स्वास्थ्य विभाग ने विराम लगा दिया है. पिछले दिनों प्रदेश में इस बात की चर्चा तेज थी कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के पास रेमडेसिवीर दवा की शॉर्टेज है. दरअसल प्रदेश में आए दिन सैकड़ों नए कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है. हाल के दिनों में देखा गया है कि कई मरीजों में संक्रमण की पुष्टि गंभीर हालातों में हो रहे हैं. ऐसे में विचार किया जा रहा था कि अमेरिका की दवा रेमडेसिवीर का इस्तेमाल गंभीर मरीजों पर किया जाएगा.
जानकारी मिल रही थी कि इन दवाइयों की शॉर्टेज है, लेकिन मेकाहारा के डॉक्टरों ने बताया कि प्रदेश में इस दवा की कोई कमी नहीं है. डॉक्टर ओपी सुंदरानी ने बताया कि सबसे ज्यादा रेमडेसिवीर का इंजेक्शन उनके पास हैं. इसके मुकाबले गंभीर मरीजों की संख्या प्रदेश में कम है. उन्होने बताया कि अब तक सिर्फ 1 गंभीर मरीज पर दवा का इस्तेमाल किया गया है. मरीज की स्थिति में सुधार भी हो रहा है.
बता दें कि अमेरिका के अलावा ब्रिटेन में भी दवाइयों का इस्तेमाल मरीजों पर किया गया था. डॉक्टर का कहना है कि जिन देशों में रेमडेसिवीर का इस्तेमाल मरीजों पर किया गया है, उनमें अच्छा असर देखने को मिला है. अब तक प्रदेश में जिन मरीजों का इलाज चल रहा था, उन्हें HQC (हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन) दवा ही दी जा रही थी.
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पहली खेप में 100 इंजेक्शन
जुलाई के अंतिम दिनों में ETV भारत ने जब अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों से बात की थी तो उन्होंने बताया था कि संक्रमितों के इलाज के लिए अमेरिका में बनी दवाईयों का प्रयोग किया जाएगा. ICMR की गाइडलाइन के मुताबिक, एंटीवायरस इंजेक्शन 'रेमडेसिवीर' (Remdesivir) का प्रयोग किया जाएगा. पहली खेप में लगभग 100 इंजेक्शन सप्ताहभर में मुंबई पहुंचेंगे. तब छत्तीसगढ़ में मामले लगभग 5500 थे, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले 11हजार के पार जा चुके हैं. वहीं संक्रमण से प्रभावित 77 मरीज जिंदगी की जंग हार गए हैं.