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सावन का आखिरी सोमवार, कोरोना के कारण बंद रहे हटकेश्वर नाथ मंदिर के पट - बम बम भोले

राजधानी रायपुर में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए लॉकडाउन किया गया है, जिसकी वजह से सावन के आखरी सोमवार को भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन नहीं कर पाए हैं.

hatkeshwar temple
बंद रहे हटकेश्वर नाथ मंदिर के पट
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Published : Aug 3, 2020, 3:52 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 9:44 PM IST

रायपुर: आज सावन का अंतिम सोमवार है, साथ ही श्रावणी पूर्णिमा होने की वजह से आज के दिन का महत्व दोगुना हो गया है, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार हटकेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम रही. आज सावन के आखरी सोमवार भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन नहीं कर पाए हैं. भक्तों ने बाहर से ही भगवान को जल, पुष्प और नारियल अर्पण किया. जिससे भक्तों में निराशा है.

बंद रहे हटकेश्वर नाथ मंदिर के पट

राजधानी रायपुर लगातार कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है. ऐसे में प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. वहीं सावन के अंतिम सोमवार को श्रद्धालु महादेव घाट स्थित हटकेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे हुए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने भक्तों को मंदिर के अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया.

मंदिर के बाहर से श्रद्धालुओं ने की पूजा

हाटकेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. भक्तों ने मंदिर के बाहर से ही भगवान पर जल, पुष्प और नारियल अर्पण किया.

पढ़ें: कोरिया का जटाशंकर धाम, जहां दुर्गम रास्तों से जाकर भक्त करते हैं भोलेनाथ के दर्शन

कोरोना की वजह से नहीं कर पाए दर्शन

मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से वे सावन के अखिरी दिन बगवान के दर्शन नहीं कर पाए जिसकी वजह से वो मायूस हैं. श्रद्धालु बताते हैं कि सावन के समय मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता था, लेकिन कोरोना की वजह से कई पाबंदियां लग गई हैं.

भगवान शिव का प्रिय महीना

सावन का पूरा महीना ही भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. कहते हैं अगर भगवान भोलेनाथ को पूरी श्रद्धा से याद किया जाए तो भोलेनाथ भक्तों की हर मनोकामनां पूरी करते हैं. लोक कथाओं के मुताबिक सावन महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर सोमवार को विशेष रत्नों की प्राप्ति हुई थी.

रायपुर: आज सावन का अंतिम सोमवार है, साथ ही श्रावणी पूर्णिमा होने की वजह से आज के दिन का महत्व दोगुना हो गया है, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार हटकेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम रही. आज सावन के आखरी सोमवार भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन नहीं कर पाए हैं. भक्तों ने बाहर से ही भगवान को जल, पुष्प और नारियल अर्पण किया. जिससे भक्तों में निराशा है.

बंद रहे हटकेश्वर नाथ मंदिर के पट

राजधानी रायपुर लगातार कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है. ऐसे में प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. वहीं सावन के अंतिम सोमवार को श्रद्धालु महादेव घाट स्थित हटकेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे हुए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने भक्तों को मंदिर के अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया.

मंदिर के बाहर से श्रद्धालुओं ने की पूजा

हाटकेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. भक्तों ने मंदिर के बाहर से ही भगवान पर जल, पुष्प और नारियल अर्पण किया.

पढ़ें: कोरिया का जटाशंकर धाम, जहां दुर्गम रास्तों से जाकर भक्त करते हैं भोलेनाथ के दर्शन

कोरोना की वजह से नहीं कर पाए दर्शन

मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से वे सावन के अखिरी दिन बगवान के दर्शन नहीं कर पाए जिसकी वजह से वो मायूस हैं. श्रद्धालु बताते हैं कि सावन के समय मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता था, लेकिन कोरोना की वजह से कई पाबंदियां लग गई हैं.

भगवान शिव का प्रिय महीना

सावन का पूरा महीना ही भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. कहते हैं अगर भगवान भोलेनाथ को पूरी श्रद्धा से याद किया जाए तो भोलेनाथ भक्तों की हर मनोकामनां पूरी करते हैं. लोक कथाओं के मुताबिक सावन महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर सोमवार को विशेष रत्नों की प्राप्ति हुई थी.

Last Updated : Aug 3, 2020, 9:44 PM IST
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