रायपुर: नए साल की दस्तक के साथ ही लोग इस वर्ष के आगमन का स्वागत कर रहे हैं New Year 2023 celebration in chhattisgarh. छत्तीसगढ़ में भी नए साल का स्वागत किया जा रहा है. ऐसे में जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के लिए इस वर्ष सबसे ज्यादा क्या जरूरी Important things for Chhattisgarh on New Year 2023 है.
- कोरोना से मिले मुक्ति: एक बार फिर कोरोना की सुगबुगाहट शुरू हो गई New Year 2023 celebration in chhattisgarh है. कोरोना की इस पांचवी लहर को लेकर देश सहित प्रदेश में अलर्ट कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां पर भी बीते दो सालों में कोरोना की लहर के दौरान लोगों का जन जीवन काफी प्रभावित किया था. कितने लोगों ने अपनो को खोया, तो कितने ही लोग इस बीमारी से जूझे. अभी उन में इस बीमारी की वजह से काई लोगो में साइड इफेक्ट भी देखे जा रहे हैं. ऐसे में कोरोना कि पांचवीं लहर की सुगबुगाहट ने सभी को चिंता में डाल दिया है. हालाकि शासन प्रशासन के द्वार इससे निपटने के व्यापाक इंतजाम किए जाने के दावे किए जा रहे हैं. लोगों से भी कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतने की भी अपील की गई है.बवजूद इसके कोरोना की पांचवी लहर का क्या असर होगा, यह किसी को पता नहीं है. ऐसे में यह जरूरी है इस साल में लोगों को कोरोना से मुक्ति मिल chhattisgarh latest news जाए.
- नक्सल समस्या का समाधान : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद एक बहुत बड़ी समस्या है. यह नक्सल समस्या प्रदेश में नासूर बन गया है. इस समस्या से निजात मिलता नहीं दिख रहा है. भले ही हाल फिलहाल में नक्सली घटनाओं में काफी कमी आई है. बावजूद इसके अब तक छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त नहीं हो सका है. ऐसे में सभी को उम्मीद है कि साल 2023 में कुछ ऐसा हो जिससे प्रदेश नक्सल समस्या से मुक्त हो जाए और सभी ओर शांति हो.
- भ्रष्टाचार की समस्या का हो समाधान : भ्रष्टाचार आज कहां नहीं है यदि कोई भी काम कराना है तो बिना लेनदेन के काम संभव नहीं है. कुछ मामले छोड़ दिए जाएं तो ज्यादातर जगहों पर काम कराने के लिए पैसे देने ही पड़ते हैं. जिस वजह से आज के समय में भ्रष्टाचार ने शिष्टाचार का रूप ले लिया है और यह एक सामान्य प्रक्रिया हो गई है. हालांकि इन भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए कानून भी सख्त हैं और विभाग भी बनाए गए हैं बावजूद इन पर न तो कोई सख्त कार्रवाई की जाती है और ना ही इन पर इसी तरह की बंदिशें लगाई गई है. जिस वजह से यह भ्रष्टाचार का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. ऐसे में आने वाले साल 2023 में उम्मीद करते हैं कि इस पर नकेल कसी जाएगी और छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार से मुक्त होगा.
- धर्म के कारोबार पर लगे लगाम : छत्तीसगढ़ में सभी जाति धर्म और समुदाय के लोग निवास करते हैं बावजूद इसके यहां पर लगातार धर्मांतरण को लेकर चर्चा बनी रहती है कई बार तो मामला मारपीट तक आ जाता है. इतना ही नहीं समय-समय पर शासन प्रशासन की ओर से भी धर्मांतरण को रोकने के लिए पत्राचार किया गया है. सुकमा की बात की जाए तो वहां के एसपी ने जिले में कई गांव में ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण कराए जाने और इसके चलते स्थानीय स्तर पर टकराव स्थिति निर्मित होने को लेकर आशंका भी जताई थी. ऐसे में साल 2023 में प्रदेश में धर्मांतरण और किसी तरह का धार्मिक उन्माद ना हो यह बहुत जरूरी है जिसे प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी रहे.
- नशे से मिले मुक्ति : नशे से ना सिर्फ छत्तीसगढ़ भारत बल्कि पूरी दुनिया जूझ रही है छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां पर भी नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है शराब अफीम गांजा स्मैक हीरोइन ऐसा कौन सा नशा नहीं है जो छत्तीसगढ़ में नहीं मिलता. आज इस नशे की गिरफ्त में प्रदेश के युवा आ रहे हैं. यहां तक कि अब लड़कियां और महिलाएं भी इस नशे की गिरफ्त से दूर नहीं हैं. कई परिवार इस नशे की वजह से बर्बाद गए हैं. वहीं अधिकतर अपराधों में नशाखोरी भी प्रमुख वजह रही है. हालांकि नशे के इस कारोबार को रोकने के लिए शासन प्रशासन स्तर पर व्यापक तैयारियां की गई हैं. विभाग बनाए गए हैं टीमें गठित की गई हैं बावजूद इस पर अब तक नकेल नहीं कसा जा सका है. ऐसे में यह जरूरी है कि साल 2023 में छत्तीसगढ़ से यह नशा का कारोबार समाप्त हो और लोग सुख शांति से जीवन यापन कर सके.
- महिला प्रताड़ना की घटनाएं खत्म हो : पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में महिला प्रताड़ना के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है जिसमें महिलाओं के साथ छेड़छाड़ दुष्कर्म या अनाचार के मामले में शामिल हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट 2021 अनुसार छत्तीसगढ़ दुष्कर्म के मामले में देश में 12 नंबर पर है. छत्तीसगढ़ में 2021 में 1093 दुष्कर्म के मामले पंजीबद्ध किया गया है. इस अनुसार अंदाजा लगाया जाए तो हर दिन प्रदेश में 3 महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले घटित होते हैं. 18 से 30 आयु वर्ग की महिलाओं के साथ प्रदेश में सर्वाधिक दुष्कर्म के मामले रिपोर्ट किए गए हैं. यह तो वे मामले हैं जो थानों में दर्ज है महिला प्रताड़ना के ऐसे अनगिनत कई मामले होंगे जो थानों तक पहुंचे भी नहीं हैं. ऐसे में साल 2023 में यह जरूरी है कि महिलाएं सुरक्षित हो और उनकी प्रताड़ना पर रोक लग सके.
- नाबालिक अपराध से हो मुक्त : आधुनिकता के दौर में नाबालिगों मैं अपराध की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है एक समय था जब लोग पढ़ लिखकर आईएएस आईपीएस सहित उच्च पदों पर जाना चाहते थे. लेकिन बदलते समय के बाद और हाई-फाई लाइफस्टाइल के चलते अब लोग कम उम्र में ही ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं और उन सुख-सुविधाओं को हासिल करना चाहते हैं. इसके लिए भले ही उन्हें अपराध का ही सहारा क्यों ना लेना पड़े. रायपुर की बात करें तो आज के समय में आए दिन चाकूबाजी , हत्या , चोरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इन मामलों में ज्यादातर नाबालिगों का हाथ रहता है. पुलिस द्वारा लगातार इसको कम करने की कोशिश की जाती है. लेकिन नाबालिगों ने 1 तरीके से इसे ट्रेंड बना लिया है. ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट की वजह से भी एक तरीके से नाबालिग अपराध की गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं. ऑनलाइन वेबसाइट से नाबालिग चाकू या धारदार हथियार आसानी से ऑर्डर कर लेते हैं. यही वजह है कि प्रदेश में तेजी से अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. ऐसे में साल 2023 में यह बहुत जरूरी है कि तेजी से बढ़ रहे नाबालिक अपराध को रोका जा सके जिससे युवा गलत रास्ते पर ना चले और सही रास्ते को अपनाते हुए ना सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ाये बल्कि प्रदेश देश को भी ऊंचाइयों पर ले जाएं.
- शिक्षा के स्तर में हो सुधार : मानव जीवन को आगे बढ़ाने में शिक्षा का एक अहम रोल रहता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के शिक्षा की बात की जाए तो "साल 2021 में नेशनल अचीवमेंट सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में देश में 30वे स्थान पर है." शिक्षा के गिरते हुए स्तर का एक और बड़ी वजह कोरोना भी है. कोरोना की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की शिक्षा पर काफी असर पड़ा है. ऑनलाइन पढ़ाई ने जहां कोरोना के दौरान बच्चों की शिक्षा रुकने नहीं दी. वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चों को कई तरह की शारीरिक बीमारी के साथ साथ मोबाइल की आदतें भी हो गई. जिससे उभरने में अब बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं बहुत सारे बच्चों में ऑनलाइन पढ़ने की वजह से लिखने की आदत भी कम हो गई है. जिससे बच्चों को स्कूलों में अब परेशानी होने लगी है.
- वृक्षों की कटाई : प्रदेश में तेजी से वृक्षों की कटाई हो रही खासकर जंगलों में पेड़ काटे जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में 40 परसेंट से ज्यादा क्षेत्र में जंगल हैं. लेकिन लगातार कंक्रीट के जंगल बिछने की वजह से पेड़ों की कटाई हो रही है. डिफॉरेस्टेशन की वजह से वातावरण में लगातार कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है. वहीं पेड़ों की कटाई से ऑक्सीजन का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है. छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य बहुत बड़ा जंगल का इलाका है. जहां वर्षों से रह रहे आदिवासी का गुजर-बसर उसी क्षेत्र से चलता है. हाल ही में सरकार द्वारा कोल माइंस की वजह से पेड़ों के काटने के आदेश जारी किए गए थे. जिस वजह से आज भी उस क्षेत्र के आदिवासी पेड़ कटाई को रोकने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में साल 2023 में यह बहुत जरूरी है कि प्रदेश में हो रहे वृक्षों की कटाई को रोका जा सके जिससे जंगल बचे रहे और प्रदेश का वातावरण शुद्ध रहे.
- साइबर अपराध पर लगे नकेल : आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां सोशल मीडिया का हस्तक्षेप ना हो, इस सोशल मीडिया के जहां एक और कई फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं. आज हर एक व्यक्ति के हाथ में स्मार्ट फोन है. उसमे इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है. आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करता है. सोशल मीडिया का हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान है. लेकिन सोशल मीडिया एंटरटेनमेंट का जितना अच्छा साधन है उतना ही खतरनाक की लापरवाही पर बरतने पर साबित हो सकता है. अपने चोरी लूट डकैती जैसे मामलों के बारे में सुना होगा वही अब ये सारी चीजें सोशल मीडिया पर हो रही है. आए दिन सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी के मामले पूरे प्रदेश में देखने को मिलते हैं. इसमें ब्लैक मेलिंग , फर्जी अकाउंट बनाकर अपराध , पोर्नोग्राफी , फर्जी लिंक भेज कर ठगी करना जैसे तमाम अपराध है. छोटे बच्चे जो हाल ही में मोबाइल और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं. वह और महिलाएं ज्यादातर सोशल मीडिया पर ठगी का शिकार होती हैं.
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