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Happy Birthday Bhupesh Baghel: किसान पुत्र से छत्तीसगढ़ के सीएम तक का सियासी सफर

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Published : Aug 23, 2021, 9:38 AM IST

Happy Birthday Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज जन्मदिन हैं. 23 अगस्त 1961 को पाटन के बेलौदी गांव में जन्मे भूपेश संगठन के साथ मिलकर आक्रमक राजनीति के लिए जाने जाते हैं. वे महज 32 साल की उम्र में 1993 में विधायक बन गए थे.

Happy Birthday Bhupesh Baghel
किसान पुत्र से छत्तीसगढ़ के सीएम तक का सियासी सफर

रायपुर: Happy Birthday Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज जन्मदिन हैं. 23 अगस्त 1961 को पाटन के बेलौदी गांव में जन्मे भूपेश संगठन के साथ मिलकर आक्रमक राजनीति के लिए जाने जाते हैं. वे महज 32 साल की उम्र में 1993 में विधायक बन गए थे. जिसके बाद 1998 में दोबारा चुनाव जीतने पर दिग्विजय सिंह की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था. कुछ वर्षों बाद छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बन गया, जहां वह प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख चेहरे के तौर पर उभर कर सामने आए.

किसान पुत्र से छत्तीसगढ़ के सीएम तक का सियासी सफर

झीरम घाटी हमले में प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के मारे जाने के बाद पार्टी पूरी तरह बिखर गई थी. ऐसी विपरीत स्थिति में उन्होंने पीसीसी की कमान संभाली और उसके बाद पार्टी को नए सिरे से एकजुट करने का काम किया. उनमें अपने कार्यकताओं में जोश भरने का हुनर बखूबा है, जिसका फायदा छत्तीसगढ़ कांग्रेस को मिला और राज्य में कांग्रेस की सरकार 15 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद लौट आई.

सत्ता में आते ही जुटे नया छत्तीसगढ़ गढ़ने में

भूपेश सरकार ने अपने 2 साल 8 माह के कार्यकाल में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' की थीम पर काम किया है. अपने वादे के मुताबिक 2500 की दर पर धान की खरीदी हो या फिर अपनी अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचाने के प्रयास, उनका हर कदम सराहनीय रहा है. वहीं, नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी को छत्तीसगढ़ की
पहचान से जोड़ते हुए इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के उनके अनूठे प्रयास की प्रशंसा देशभर मे हुई है. इसके तहत गौधन न्याय योजना की चर्चा और सराहना खासतौर पर हुई है.

कोरोना काल में भी बेरोजगारी को नहीं होने दिया हावी

कोरोना के चलते जहां विश्व स्तर पर तक अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा था. खासतौर पर इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा, लेकिन छत्तीसगढ़ में रोजगार के मामले में हालात नहीं बिगड़े. आंकड़े बताते हैं कि बेरोजगारी इस दौरान भी काबू में ही रही. इस दौरान शिक्षकों की भर्ती, बड़े पैमाने पर बिजली विभाग और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश भर में बड़ी तादाद में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए. इन स्कूलों में बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं. जहां हजारों छात्रों को लाभ होगा. वहीं, बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में औसत के कम बारिश, बर्बादी की ओर धान की फसल

नए जिलों और तहसीलों का निर्माण

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद से 5 नए जिलों का निर्माण हो चुका है. 15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने 4 नए जिले और 18 नई तहसीलों की घोषणा की. वे लगातार प्रशासन को ग्रामीण जनता के करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं. एक किसान परिवार से संबंध रखने के चलते उन्हें किसानों की परेशानी भलीभांती पता है. इसके चलते ही वे लगातार कोशिश कर रहे हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे सीधे अन्नदाता को मिल सके.

संगठन में काम करने का जबर्दस्त माद्दा

भूपेश बघेल की बड़ी ताकत संगठन को साथ लेकर चलने और उसमें नई जान फूंकने की रही है. उनकी इसी खासियत के चलते आज कांग्रेस उन्हें छत्तीसगढ़ के साथ ही कई राज्यों के चुनावों में स्टार प्रचारक और चुनाव संचालक की अहम भूमिका दे रही है. उनका इस तरह लगातार बढ़ता कद बताता है कि प्रदेश की जनता के साथ ही भूपेश देश में भी एक भरोसे के रूप में उभर रहे हैं.

रायपुर: Happy Birthday Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज जन्मदिन हैं. 23 अगस्त 1961 को पाटन के बेलौदी गांव में जन्मे भूपेश संगठन के साथ मिलकर आक्रमक राजनीति के लिए जाने जाते हैं. वे महज 32 साल की उम्र में 1993 में विधायक बन गए थे. जिसके बाद 1998 में दोबारा चुनाव जीतने पर दिग्विजय सिंह की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था. कुछ वर्षों बाद छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बन गया, जहां वह प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख चेहरे के तौर पर उभर कर सामने आए.

किसान पुत्र से छत्तीसगढ़ के सीएम तक का सियासी सफर

झीरम घाटी हमले में प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के मारे जाने के बाद पार्टी पूरी तरह बिखर गई थी. ऐसी विपरीत स्थिति में उन्होंने पीसीसी की कमान संभाली और उसके बाद पार्टी को नए सिरे से एकजुट करने का काम किया. उनमें अपने कार्यकताओं में जोश भरने का हुनर बखूबा है, जिसका फायदा छत्तीसगढ़ कांग्रेस को मिला और राज्य में कांग्रेस की सरकार 15 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद लौट आई.

सत्ता में आते ही जुटे नया छत्तीसगढ़ गढ़ने में

भूपेश सरकार ने अपने 2 साल 8 माह के कार्यकाल में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' की थीम पर काम किया है. अपने वादे के मुताबिक 2500 की दर पर धान की खरीदी हो या फिर अपनी अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचाने के प्रयास, उनका हर कदम सराहनीय रहा है. वहीं, नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी को छत्तीसगढ़ की
पहचान से जोड़ते हुए इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के उनके अनूठे प्रयास की प्रशंसा देशभर मे हुई है. इसके तहत गौधन न्याय योजना की चर्चा और सराहना खासतौर पर हुई है.

कोरोना काल में भी बेरोजगारी को नहीं होने दिया हावी

कोरोना के चलते जहां विश्व स्तर पर तक अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा था. खासतौर पर इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा, लेकिन छत्तीसगढ़ में रोजगार के मामले में हालात नहीं बिगड़े. आंकड़े बताते हैं कि बेरोजगारी इस दौरान भी काबू में ही रही. इस दौरान शिक्षकों की भर्ती, बड़े पैमाने पर बिजली विभाग और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश भर में बड़ी तादाद में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए. इन स्कूलों में बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं. जहां हजारों छात्रों को लाभ होगा. वहीं, बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में औसत के कम बारिश, बर्बादी की ओर धान की फसल

नए जिलों और तहसीलों का निर्माण

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद से 5 नए जिलों का निर्माण हो चुका है. 15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने 4 नए जिले और 18 नई तहसीलों की घोषणा की. वे लगातार प्रशासन को ग्रामीण जनता के करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं. एक किसान परिवार से संबंध रखने के चलते उन्हें किसानों की परेशानी भलीभांती पता है. इसके चलते ही वे लगातार कोशिश कर रहे हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे सीधे अन्नदाता को मिल सके.

संगठन में काम करने का जबर्दस्त माद्दा

भूपेश बघेल की बड़ी ताकत संगठन को साथ लेकर चलने और उसमें नई जान फूंकने की रही है. उनकी इसी खासियत के चलते आज कांग्रेस उन्हें छत्तीसगढ़ के साथ ही कई राज्यों के चुनावों में स्टार प्रचारक और चुनाव संचालक की अहम भूमिका दे रही है. उनका इस तरह लगातार बढ़ता कद बताता है कि प्रदेश की जनता के साथ ही भूपेश देश में भी एक भरोसे के रूप में उभर रहे हैं.

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