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संकट में सरोवर : जिससे थी पहचान, अब उसी को मोहताज हांडीपारा तालाब

रायपुर शहर के प्राचीन तालाबों में से एक हांडीपारा तालाब आज गंदगी का अंबार बन गया है. कूड़ा-कचरा और जलकुंभी पूरे तालाब पर पटा पड़ा है. रहवासियों के बीच ये तालाब अपनी बदहाली की वजह से लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.

Handipara pond became a cause for trouble in raipur
खतरे में हांडीपारा तालाब का अस्तित्व
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Published : Jan 20, 2020, 9:53 PM IST

Updated : Jan 20, 2020, 10:11 PM IST

रायपुर: शहर के पुराने तालाबों में से एक हांडी तालाब अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. एक समय में यह तालाब अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता था, लेकिन आज तालाब की हालत ऐसी हो गई कि आस-पास के रहने वाले लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है.

हांडीपारा तालाब की बदहाली देखिए

सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाब का पानी निकाल लिया गया, लेकिन काम नहीं हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से हर बार शासन-प्रशासान सौंदर्यीकरण की बात कहता है, लेकिन काम आज तक नहीं हुआ.

गंदगी का अंबार बना हांडीपारा तालाब

स्थानीय लोगों ने बताया कि 'पहले तालाब काफी स्वच्छ था और लोग इसके पानी का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब ये तालाब गंदगी का अंबार बन चुका है. निगम ने तालाब के सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया, लेकिन उसे अधूरा ही छोड़ दिया.' वहीं लोगों का कहना है कि 'प्रशासन और जनप्रतिनिधि सिर्फ वादे करते हैं, लेकिन काम अब तक नहीं हुआ. शिकायत करने के बावजूद भी सिर्फ आश्वासन दिया जाता है.'

Handipara pond became a cause for trouble in raipur
बीमारियों का गढ़ बना तालाब

सौंदर्यीकरण के नाम पर बंदरबांट !

इधर, स्थानीय डॉ. राकेश नायक ने बताया कि 'हांडी तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है. काम शुरू करने के बाद उसे अधूरा छोड़ दिया गया, जिसकी वजह से तालाब में गंदगी बढ़ी और मच्छर पनपने से लोग बीमार हो रहे हैं.' उन्होंने बताया कि 'आए दिन इस वार्ड के लोग टाइफाइड और कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इतना ही नहीं तालाब सूखने की वजह से इस क्षेत्र में जलस्तर भी नीचे चला गया है.'

अधूरे काम की वजह में खतरे में अस्तित्व

इतिहासकार रमेंद्रनाथ मिश्र बताते हैं कि 'हांडीपारा तालाब रायपुर के उत्तर कलचुरी के अंतर्गत मराठों के आगमन के समय का है. तालाब को किसी व्यापारी ने लोककल्याण के लिए बनवाया था.' उन्होंने बताया कि 'तालाब का स्वरूप बहुत बड़ा था, लेकिन कई लोगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया है और अब सौंदर्यीकरण के नाम पर प्रशासन भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है.' साथ ही उन्होंने कहा कि 'शहर के तेलीबांधा तालाब और कटोरा तालाब की तरह इसे भी अच्छा स्वरूप दिया जा सकता है और धरोहर को बचाया जा सकता है.

Handipara pond became a cause for trouble in raipur
कब बदलेगी तालाब की सूरत ?

जरा सोचिए

हम सभी अपना घर-आंगन तो साफ रखना चाहते हैं पर आस-पास के क्षेत्रों को बेगाना समझकर वहां पर कचरा फेंक देते हैं. हांडीपारा तालाब की दुर्दशा में कहीं न कहीं स्थानीय रहवासी भी जिम्मेदार हैं. शासन-प्रशासन इस पर ध्यान न देकर इस तालाब का अस्तित्व तो खत्म कर ही रहा है पर इसके लिए हम सब भी भागीदार हैं. स्वच्छता का स्वास्थ्य से और स्वास्थ्य का जीवन से गहरा संबंध है, इसलिए सरोवर को स्वच्छ बनाने की कवायद में आगे आएं.

रायपुर: शहर के पुराने तालाबों में से एक हांडी तालाब अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. एक समय में यह तालाब अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता था, लेकिन आज तालाब की हालत ऐसी हो गई कि आस-पास के रहने वाले लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है.

हांडीपारा तालाब की बदहाली देखिए

सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाब का पानी निकाल लिया गया, लेकिन काम नहीं हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से हर बार शासन-प्रशासान सौंदर्यीकरण की बात कहता है, लेकिन काम आज तक नहीं हुआ.

गंदगी का अंबार बना हांडीपारा तालाब

स्थानीय लोगों ने बताया कि 'पहले तालाब काफी स्वच्छ था और लोग इसके पानी का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब ये तालाब गंदगी का अंबार बन चुका है. निगम ने तालाब के सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया, लेकिन उसे अधूरा ही छोड़ दिया.' वहीं लोगों का कहना है कि 'प्रशासन और जनप्रतिनिधि सिर्फ वादे करते हैं, लेकिन काम अब तक नहीं हुआ. शिकायत करने के बावजूद भी सिर्फ आश्वासन दिया जाता है.'

Handipara pond became a cause for trouble in raipur
बीमारियों का गढ़ बना तालाब

सौंदर्यीकरण के नाम पर बंदरबांट !

इधर, स्थानीय डॉ. राकेश नायक ने बताया कि 'हांडी तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है. काम शुरू करने के बाद उसे अधूरा छोड़ दिया गया, जिसकी वजह से तालाब में गंदगी बढ़ी और मच्छर पनपने से लोग बीमार हो रहे हैं.' उन्होंने बताया कि 'आए दिन इस वार्ड के लोग टाइफाइड और कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इतना ही नहीं तालाब सूखने की वजह से इस क्षेत्र में जलस्तर भी नीचे चला गया है.'

अधूरे काम की वजह में खतरे में अस्तित्व

इतिहासकार रमेंद्रनाथ मिश्र बताते हैं कि 'हांडीपारा तालाब रायपुर के उत्तर कलचुरी के अंतर्गत मराठों के आगमन के समय का है. तालाब को किसी व्यापारी ने लोककल्याण के लिए बनवाया था.' उन्होंने बताया कि 'तालाब का स्वरूप बहुत बड़ा था, लेकिन कई लोगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया है और अब सौंदर्यीकरण के नाम पर प्रशासन भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है.' साथ ही उन्होंने कहा कि 'शहर के तेलीबांधा तालाब और कटोरा तालाब की तरह इसे भी अच्छा स्वरूप दिया जा सकता है और धरोहर को बचाया जा सकता है.

Handipara pond became a cause for trouble in raipur
कब बदलेगी तालाब की सूरत ?

जरा सोचिए

हम सभी अपना घर-आंगन तो साफ रखना चाहते हैं पर आस-पास के क्षेत्रों को बेगाना समझकर वहां पर कचरा फेंक देते हैं. हांडीपारा तालाब की दुर्दशा में कहीं न कहीं स्थानीय रहवासी भी जिम्मेदार हैं. शासन-प्रशासन इस पर ध्यान न देकर इस तालाब का अस्तित्व तो खत्म कर ही रहा है पर इसके लिए हम सब भी भागीदार हैं. स्वच्छता का स्वास्थ्य से और स्वास्थ्य का जीवन से गहरा संबंध है, इसलिए सरोवर को स्वच्छ बनाने की कवायद में आगे आएं.

Intro:शहर के प्राचीनतम तालाबों में से एक हांडी तलाब का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो गया है एक समय यह तालाब लोगो के निस्तारी और सुंदरता के लिए जाना जाता था। वही आज यह तालाब अपने अस्तित्व के लिए बदहाली के आंसू बहा रहा है.... तालाब का पानी पूरी तरीके से सूख चुका है वहीं सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाब का पानी निकाला गया उसके बाद काम नहीं हुआ।। तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाब के ही अस्तित्व को मिटा दिया गया है।।


Body:स्थानीय लोगों ने बताया कि तलाब पहले स्वच्छता और आसपास के लोग निस्तारी के लिए इसका उपयोग करते थे , निगम द्वारा तालाब का सुंदरीकरण कराने के नाम पर काम तो शुरू हुआ लेकिन बाद में काम छोड़ दिया गया उसके बाद तालाब खराब हो गई है। एक काम नहीं होने के चलते कंदगी बढ़ते जा रही है, प्रशासन और जनप्रतिनिधि सिर्फ वादे करते हैं लेकिन किसी प्रकार के काम नहीं होने के चलते आज यह तलाब अपना ही अस्तित्व खो चुका है।। निस्तारी की समस्या के साथ गंदगी से आमजन परेशान पहले तालाब साफ हुआ करता था वह सुंदरीकरण का काम शुरू होता है फिर बंद हो जाता है ऐसा पिछली चार बार से भी ज्यादा हो चुका है, शिकायत करने के बावजूद भी सिर्फ आश्वासन दिया जाता है पार्षद ,अधिकारी, भी कुछ काम नहीं करते। गंदगी से आसपास के लोग परेशान। वहीं स्थानीय डॉक्टर राकेश नायक बताते हैं हांड़ी तालाब का सौंदर्यीकरण के नाम पर पहले पानी खाली किया गया था , वही काम हुआ नही उसे वैसे ही छोड़ दिया गया है, तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। तालाब को व्यवस्थित करके वहां पानी एकत्र करना बेहद जरूरी है, तालाब में जो गंदगी पड़ी हुई है उसके कारण मच्छर से लोग बीमार हो रहे हैं और आसपास के घरों में जल संकट हो रहा है। उन्होंने बताया कि तालाब में गंदगी और मच्छर पनपने के कारण महीनों में टाइफाईड के मरीज इलाज कराने पहुचते है।।


Conclusion:इतिहासकार रमेंद्र नाथ मिश्र बताते हैं हांडीपारा तलाब रायपुर के उत्तर कलचुरी के अंतर्गत जब मराठों का आगमन हुआ उस समय का कह सकते हैं, मैं किसी परोपकार करने वाले व्यक्ति ने उसका निर्माण करवाया था, वही रनडि पारा तालाब में आपस में सभी तालाब जुड़े हुए हैं। तालाब का स्वरूप बहुत बड़ा हुआ करता था पहले दूर से यह तालाब दिखाई देता था लेकिन तालाब के पार में लोगों ने अपने घर बनवा लिए है, पहले चारो ओर हरियाली हुआ करती थी।।वही समय के साथ लोगों ने जमीन पर कब्जा कर अपना घर बना लिया वहीं अब सौंदर्यीकरण के नाम पर प्रशासन भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है, शहर के तेलीबांधा तालाब और कटोरा तालाब की तरह भी इसे भी अच्छा स्वरूप में दिया जा सकता है और हमारी धरोहर को बचाया जा सकता है
Last Updated : Jan 20, 2020, 10:11 PM IST
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