ETV Bharat / state

'गुरू तुझे सलाम' अभियान का शुभारंभ, मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने साझा की स्कूल लाइफ की यादें

'गुरू तुझे सलाम' ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने भाग लिया. उन्होंने इस दौरान अपने स्कूल के दिनों को याद किया. इस कार्यक्रम में मंत्री ने लोगों को अपने स्कूल के समय की एक कहानी भी सुनाई.

Guru Tujhe Salaam online audio-video program organized in raipur
'गुरु तुझे सलाम' ऑनलाइन आडियो-वीडियो कार्यक्रम
author img

By

Published : Jun 19, 2020, 10:50 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 11:14 AM IST

रायपुर: गुरुओं के सम्मान के लिए राज्य सरकार ने 'गुरू तुझे सलाम' ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो के जरिए अपनी यादों को साझा किया है. इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने अपनी स्कूल की यादें लोगों से साझा कीं. इस कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षकों, विद्यार्थियों और पालकों ने भी भाग लिया. सभी ने दो मिनट के इस ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम में अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया.

मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने साझा की स्कूल का यादें

यूट्यूब पर लाइव प्रसारण के दौरान मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने बताया कि बचपन में ग्राम सिलौटा प्राथमिक शाला के शिक्षक नारायण सिंह ने अचानक एक दिन स्कूल की चाबी उनके हाथ में देकर पूरी जिम्मेदारी सौंप दी थी. तब किसे मालूम था कि प्रतापपुर के ग्राम सिलौटा का यह बच्चा बड़ा होकर छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्कूलों की जिम्मेदारी संभालेगा.

पढ़े: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी हो सकते हैं CGBSE के नतीजे, माशिमं के सचिव का बयान

शिक्षा मंत्री के गांव में नहीं था स्कूल

मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने बताया कि जब वे छोटे थे, तो उनके गांव में स्कूल नहीं था. वे अपने दोस्तों के साथ साइकिल चलाकर 7 किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए स्कूल जाया करते थे और अक्सर देरी से कक्षा में पहुंचते थे. वे बताते हैं कि एक बार मेरे टीचर ने मुझसे देर से आने का कारण पूछा, तो मैंने कह दिया कि साइकिल पंक्चर हो गई थी. इसके बाद गुरूजी ने मुझे और मेरे दोस्त को अलग-अलग ले जाकर एक ही सवाल पूछा कि कौन सा टायर पंक्चर हुआ था. हम दोनों ने अलग-अलग जवाब दिया और झूठ बोलने पर हमें खूब डांट पड़ी थी.

guru tujhe salam program
'गुरु तुझे सलाम'अभियान

टीचर ने सौंपी स्कूल की चाबी

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि झूठ बोलने की सजा और रोज देर से आने से रोकने के लिए मेरे मास्टर जी ने मुझे स्कूल की चाबी सौंप दी, ताकि मुझे सबसे पहले आकर स्कूल खोलना पड़े. इस जिम्मेदारी के बाद मुझे रोज समय पर स्कूल जाने की आदत हो गई और विद्यालय अपना सा लगने लगा.

पढ़े: SPECIAL: लॉकडाउन से शिक्षा जगत भी प्रभावित, अधर में छात्रों का भविष्य

मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने कहा कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर स्कूल में श्रमदान कर नई कक्षा तैयार कर दी और स्कूल के विकास के लिए कुछ न कुछ करने लगे. उन्होंने बताया कि वे आसपास के स्कूलों में जाकर कुछ न कुछ अच्छा और नया सीखकर आते थे और फिर उसे अपने स्कूल में कराने की कोशिश करते थे.

रायपुर: गुरुओं के सम्मान के लिए राज्य सरकार ने 'गुरू तुझे सलाम' ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो के जरिए अपनी यादों को साझा किया है. इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने अपनी स्कूल की यादें लोगों से साझा कीं. इस कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षकों, विद्यार्थियों और पालकों ने भी भाग लिया. सभी ने दो मिनट के इस ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम में अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया.

मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने साझा की स्कूल का यादें

यूट्यूब पर लाइव प्रसारण के दौरान मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने बताया कि बचपन में ग्राम सिलौटा प्राथमिक शाला के शिक्षक नारायण सिंह ने अचानक एक दिन स्कूल की चाबी उनके हाथ में देकर पूरी जिम्मेदारी सौंप दी थी. तब किसे मालूम था कि प्रतापपुर के ग्राम सिलौटा का यह बच्चा बड़ा होकर छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्कूलों की जिम्मेदारी संभालेगा.

पढ़े: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी हो सकते हैं CGBSE के नतीजे, माशिमं के सचिव का बयान

शिक्षा मंत्री के गांव में नहीं था स्कूल

मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने बताया कि जब वे छोटे थे, तो उनके गांव में स्कूल नहीं था. वे अपने दोस्तों के साथ साइकिल चलाकर 7 किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए स्कूल जाया करते थे और अक्सर देरी से कक्षा में पहुंचते थे. वे बताते हैं कि एक बार मेरे टीचर ने मुझसे देर से आने का कारण पूछा, तो मैंने कह दिया कि साइकिल पंक्चर हो गई थी. इसके बाद गुरूजी ने मुझे और मेरे दोस्त को अलग-अलग ले जाकर एक ही सवाल पूछा कि कौन सा टायर पंक्चर हुआ था. हम दोनों ने अलग-अलग जवाब दिया और झूठ बोलने पर हमें खूब डांट पड़ी थी.

guru tujhe salam program
'गुरु तुझे सलाम'अभियान

टीचर ने सौंपी स्कूल की चाबी

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि झूठ बोलने की सजा और रोज देर से आने से रोकने के लिए मेरे मास्टर जी ने मुझे स्कूल की चाबी सौंप दी, ताकि मुझे सबसे पहले आकर स्कूल खोलना पड़े. इस जिम्मेदारी के बाद मुझे रोज समय पर स्कूल जाने की आदत हो गई और विद्यालय अपना सा लगने लगा.

पढ़े: SPECIAL: लॉकडाउन से शिक्षा जगत भी प्रभावित, अधर में छात्रों का भविष्य

मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने कहा कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर स्कूल में श्रमदान कर नई कक्षा तैयार कर दी और स्कूल के विकास के लिए कुछ न कुछ करने लगे. उन्होंने बताया कि वे आसपास के स्कूलों में जाकर कुछ न कुछ अच्छा और नया सीखकर आते थे और फिर उसे अपने स्कूल में कराने की कोशिश करते थे.

Last Updated : Jun 19, 2020, 11:14 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.