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छत्तीसगढ़ GST विभाग की बड़ी कार्रवाई, 118 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा - 118 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी

छत्तीसगढ़ में करोड़ों की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है. 118 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है. लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम के दौरान फर्जी ट्रेडिंग व्यवसायियों ने की है. बोगस विक्रय दिखाकर करोड़ों के हेरफेर के मामले में कार्रवाई की जा रही है.

chhattisgarh gst crime news
118 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा
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Published : Apr 28, 2020, 12:09 AM IST

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम से 745.58 करोड़ रुपए का सर्कुलर ट्रेडिंग और बोगस विक्रय दर्शाकर 118.47 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी गई है. जानकारी के मुताबिक आयुक्त, राज्य कर, माल एवं सेवा कर विभाग के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त गोपाल वर्मा के नेतृत्व में प्रवर्तन शाखा ने कार्रवाई की.

विभागीय टीम ने जांच में पाया कि राज्य के कुल जो आयरन एंड स्टील और प्लाइवुड के व्यवसाय से जुड़े 14 अस्तित्वहीन और अकार्यशील व्यवसायी संलिप्त हैं. इन व्यवसायियों ने बोगस बिल जारी कर छत्तीसगढ़, दिल्ली, केरल, ओडिशा सहित 13 अन्य राज्यों के व्यवसायियों को 118.47 करोड़ रुपए का गलत आगत कर पास ऑन किया जा रहा था.

प्रवर्तन शाखा ने व्यवसायियों के पंजीयन के दौरान जमा किए गए दस्तावेजों से मोबाइल नम्बर, पैन नम्बर और ई-मेल आईडी के आधार पर जीएसटी और ई-वे बिल माड्यूल्स में उपलब्ध टूल्स से ट्रैकिंग की, जिसमें पता चला कि 14 राज्यों में 19 पैन नम्बर का उपयोग करके अलग-अलग राज्यों में 58 पंजीयन हासिल किए गए, जिनमें 21 मोबाइल नम्बरों का उपयोग किया गया है.

बोगस फर्म कर रहे थे संचालित

जांच में पता चला कि कुछ ही लोग सभी बोगस फर्म संचालित कर रहे हैं. व्यवसायियों के पेश विवरण में क्रय-विक्रय को देखनेे पर पाया गया कि ये व्यवसायी आपस में एक-दूसरे को क्रय-विक्रय दिखाकर सर्कुलर ट्रेडिंग कर रहे हैं. बोगस आगत कर लेने वाले व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. यह जानकारी स्टेट जीएसटी विभाग के ज्वॉइंट कमिश्नर गोपाल वर्मा ने दी है.

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम से 745.58 करोड़ रुपए का सर्कुलर ट्रेडिंग और बोगस विक्रय दर्शाकर 118.47 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी गई है. जानकारी के मुताबिक आयुक्त, राज्य कर, माल एवं सेवा कर विभाग के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त गोपाल वर्मा के नेतृत्व में प्रवर्तन शाखा ने कार्रवाई की.

विभागीय टीम ने जांच में पाया कि राज्य के कुल जो आयरन एंड स्टील और प्लाइवुड के व्यवसाय से जुड़े 14 अस्तित्वहीन और अकार्यशील व्यवसायी संलिप्त हैं. इन व्यवसायियों ने बोगस बिल जारी कर छत्तीसगढ़, दिल्ली, केरल, ओडिशा सहित 13 अन्य राज्यों के व्यवसायियों को 118.47 करोड़ रुपए का गलत आगत कर पास ऑन किया जा रहा था.

प्रवर्तन शाखा ने व्यवसायियों के पंजीयन के दौरान जमा किए गए दस्तावेजों से मोबाइल नम्बर, पैन नम्बर और ई-मेल आईडी के आधार पर जीएसटी और ई-वे बिल माड्यूल्स में उपलब्ध टूल्स से ट्रैकिंग की, जिसमें पता चला कि 14 राज्यों में 19 पैन नम्बर का उपयोग करके अलग-अलग राज्यों में 58 पंजीयन हासिल किए गए, जिनमें 21 मोबाइल नम्बरों का उपयोग किया गया है.

बोगस फर्म कर रहे थे संचालित

जांच में पता चला कि कुछ ही लोग सभी बोगस फर्म संचालित कर रहे हैं. व्यवसायियों के पेश विवरण में क्रय-विक्रय को देखनेे पर पाया गया कि ये व्यवसायी आपस में एक-दूसरे को क्रय-विक्रय दिखाकर सर्कुलर ट्रेडिंग कर रहे हैं. बोगस आगत कर लेने वाले व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. यह जानकारी स्टेट जीएसटी विभाग के ज्वॉइंट कमिश्नर गोपाल वर्मा ने दी है.

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