रायपुर: पिछले साल की तरह इस साल भी हरेली त्योहार पर छत्तीसगढ़ सरकार ने छुट्टी का ऐलान किया है. 8 अगस्त को हरेली (Hareli ) पर्व के दिन शासन की तरफ से भव्य कार्यक्रम की तैयारी की गई है. कांग्रेस इस साल हरेली त्योहार पर गौठानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन (programs in Gauthans on Hareli) करेगी. जिसमें पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल होंगे.
![Grand programs will be held in Gauthans on Hareli festival in chhattisgarh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-02-congresshareli-avb-7204363_06082021140818_0608f_1628239098_412.jpg)
हरेली त्योहार मनाने के लिए गौठानों में विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. साथ ही खेलकूद के भी आयोजन किए जाएंगे. इन आयोजनों में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. इसके लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने निर्देश जारी किए हैं. इस बात की जानकारी कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दी.
![Grand programs will be held in Gauthans on Hareli festival in chhattisgarh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-02-congresshareli-avb-7204363_06082021140818_0608f_1628239098_469.jpg)
हरेली छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार है. प्रदेश के प्रथम तिहार हरेली के अवसर पर खेती के औजारों, गाय गुरुवा की पूजा होती है. ग्रामीण परिवेश में हरेली त्योहार का बहुत ज्यादा महत्व है. हरेली त्योहार छत्तीसगढ़ में धार्मिक महत्व के साथ सांस्कृतिक महत्व भी रखता है. छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. इसलिए किसानों, मजदूरों ओर मवेशी पालने वालों के लिए हरेली के त्योहार का बहुत ज्यादा महत्व है. यह त्योहार बच्चों के लिए भी बहुत आनंद और उत्सव लेकर आता है.. इस दिन बच्चे बांस की बनी हुई गेड़ी का आनंद लेते हैं. गेड़ी का चालन सावधानीपूर्वक करना उचित रहता है. बच्चे बूढ़े जवान सभी इस गेड़ी का उत्साह के साथ आनंद लेते हैं.
8 अगस्त को 'हरेली' के साथ शुरू होगा त्योहारों का सिलसिला
हरेली पर्व के दिन सुराजी गांव योजना के अंतर्गत निर्मित गौठानों में कृषि यंत्रों और गोधन की पूजा अर्चना के साथ ही पारंपरिक खेल-कूद और व्यंजन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने सभी मंत्री, संसदीय सचिव, निगमों-मंडलों, आयोगों के पदाधिकारियों को गौठानों में आयोजित होने वाले हरेली पर्व के कार्यक्रम में शामिल होने और लोगों से बातचीत कर गौठान और गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की स्थिति को बेहतर बनाने की पहल के निर्देश दिए हैं.