रायपुर: छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर राजधानी में मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी संस्था की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पिछले 40 साल से छत्तीसगढ़ी में पत्रकारिता करने वाले जागेश्वर प्रसाद का सम्मान किया गया.
जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि 1963 में छत्तीसगढ़ी भाषा में छत्तीसगढ़ी सेवक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया गया. उस समय सीमित साधनों में छत्तीसगढ़ी भाषा में ये पत्रिका छपती थी. इस पत्रिका को देश के अलग-अलग कोनों में भेजा जाता था. जागेश्वर ने बताया कि जहां भी छत्तीसगढ़ के निवासी रहते थे, उन तक ये पत्रिका जाती थी. असम से लेकर दिल्ली, मुंबई सभी जगह इस पत्रिका के जरिए छत्तीसगढ़ की संस्कृति, छत्तीसगढ़ की लोक कला का संदेश बाहर रहने वाले छत्तीसगढ़ी लोगों को मिलता था. जागेश्वर ने आगे बताया कि साल 2003 में स्वास्थ्य खराब होने के बाद पत्रिका का प्रकाशन बंद कर दिया गया.
ये छत्तीसगढ़ के स्वप्नदृष्टाओं का सम्मान है : जागेश्वर
राज्यपाल से सम्मान मिलने पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल की ओर से उन्हें जो सम्मान मिला है. यह सम्मान मेरा सम्मान नहीं है, यह सम्मान छत्तीसगढ़ी राज्य निर्माण के आंदोलनकारी, छत्तीसगढ़ी निर्माण के स्वपनदृष्टा, छत्तीसगढ़ के लोगों का सम्मान है.