छिंदवाड़ा। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके गुरूवार को दिवाली मनाने के लिए अपने गृह नगर छिंदवाड़ा पहुंचीं. यहां वे 4 दिनों तक रहेंगी. इस दौरान उन्होंने जिलेवासियों को बधाइयां देते हुए त्योहार को सादगी पूर्वक मनाने की अपील की.
सादगी से मनाएं त्योहार
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस का संकट अभी पूरी तरह टला नहीं है. इसलिए त्योहार में लोग सजग रहें. सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए त्योहार मनाएं. ताकि त्योहार की खुशियों के दौरान किसी प्रकार का संकट उत्पन्न ना हो.
15 को दिवाली मिलन समारोह
राज्यपाल ने बताया कि वे दिवाली के बाद 15 नवंबर को स्थानीय सर्किट हाउस में लोगों के साथ दिवाली मिलन समारोह करेंगी और त्योहार को सादगी से मनाएंगीं.
1985 में राजनीतिक शुरुआत
अपने तीन दशक से भी अधिक लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने मध्यप्रदेश में कई अहम पदों पर काम किया है. 1985 में पहली बार उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्य के रूप में चुना गया था. इसके बाद 1988 और 1989 के बीच वह महिला एवं बाल विकास मंत्री बनीं. साल 2000 में वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बनीं और पांच साल तक सदस्य बनी रहीं. जनवरी 2006 में वह मध्य प्रदेश आदिवासी आयोग की अध्यक्ष बनीं. इस पद पर उन्होंने दो महीने तक सेवा की.
2006 में पहली बार चुनी गईं राज्यसभा सदस्य
2006 में ही उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया. इसके बाद वह सामाजिक न्याय व अधिकारिता समिति की सदस्य बनीं. इसी साल वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति, हिंदी सलाहकार समिति, खाद्य प्रसस्करण मंत्रालय, महिला एव बाल विकास मंत्रालय और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन की अनौपचारिक परामर्शदात्री समिति की सदस्य भी बनीं.
आदिवासी अधिकारों के लिए काम
अनुसुइया उइके ने महिलाओं, विशेषकर आदिवासी महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी समस्याओं के समाधान में विशेष रूचि ली. आदिवासी महिलाओं में अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने का काम किया.