ETV Bharat / state

राज्यपाल ने दो दंडित बंदियों की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका की मंजूर - राज्यपाल अनुसुईया उइके

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने दो दंडित बंदियों की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका की मंजूर दी है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत समय पूर्व रिहाई की याचिका का अनुमोदन किया है.

राज्यपाल अनुसुईया उइके
राज्यपाल अनुसुईया उइके
author img

By

Published : Oct 7, 2022, 7:26 PM IST

रायपुर: राज्यपाल अनुसुईया उइके ने केन्द्रीय जेल बिलासपुर में निरूद्ध दंडित बंदी विष्णु और केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में निरूद्ध दंडित बंदिनी रजकली देवी की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका स्वीकृत किया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दोनों ही प्रकरणों में यह स्वीकृति प्रदान की गई है.

यह भी पढ़ें: missing children in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में गायब बच्चों की क्या है स्थिति

आवेदक/दण्डित बंदी विष्णु के समय पूर्व रिहाई की दया याचिका प्रकरण में जेल अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और जिला दण्डाधिकारी द्वारा अनुशंसा की गई थी. बंदी को भादवि के विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास से दंडित किया गया था. इसी प्रकार आवेदिका/दंडित बंदिनी रजकली देवी की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका प्रकरण में जेल अधीक्षक ने अनुशंसा की गई थी. बंदी को भादवि के धारा 302, 201 के तहत दंडित किया गया था.

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने दोनों आवेदकों की दया याचिका पर संवेदनशीलता के साथ विचार की थी. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत समय पूर्व रिहाई की याचिका का अनुमोदन किया है.

रायपुर: राज्यपाल अनुसुईया उइके ने केन्द्रीय जेल बिलासपुर में निरूद्ध दंडित बंदी विष्णु और केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में निरूद्ध दंडित बंदिनी रजकली देवी की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका स्वीकृत किया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दोनों ही प्रकरणों में यह स्वीकृति प्रदान की गई है.

यह भी पढ़ें: missing children in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में गायब बच्चों की क्या है स्थिति

आवेदक/दण्डित बंदी विष्णु के समय पूर्व रिहाई की दया याचिका प्रकरण में जेल अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और जिला दण्डाधिकारी द्वारा अनुशंसा की गई थी. बंदी को भादवि के विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास से दंडित किया गया था. इसी प्रकार आवेदिका/दंडित बंदिनी रजकली देवी की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका प्रकरण में जेल अधीक्षक ने अनुशंसा की गई थी. बंदी को भादवि के धारा 302, 201 के तहत दंडित किया गया था.

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने दोनों आवेदकों की दया याचिका पर संवेदनशीलता के साथ विचार की थी. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत समय पूर्व रिहाई की याचिका का अनुमोदन किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.