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राज्यपाल अनुसुइया उइके ने किए छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग विधेयक-2020 पर हस्ताक्षर

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Published : Oct 1, 2020, 10:41 AM IST

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग (संशोधन) विधेयक-2020 पर हस्ताक्षर कर दिए. इसके मुताबिक 6 अशासकीय सदस्यों को राज्य सरकार नियुक्त करेगी.

Governor Anusuiya Uike signed Chhattisgarh Scheduled Tribes Commission Bill
राज्यपाल अनुसुइया उइके

रायपुर: राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग (संशोधन) विधेयक-2020 पर हस्ताक्षर किए. इसके मुताबिक 6 अशासकीय सदस्य जो अनुसूचित जनजातियों से संबंधित मामलों में विशेष ज्ञान रखते हों, जिनमें से एक अध्यक्ष (चेयरपर्सन) होगा और एक उपाध्यक्ष (वाइस चेयरपर्सन) होगा, जिन्हें राज्य सरकार नियुक्त करेगी, लेकिन अध्यक्ष (चेयरपर्सन), उपाध्यक्ष (वाइस चेयरपर्सन) सहित कम से कम चार सदस्य अनुसूचित जनजातियों में से होंगे.

यह अधिनियम की धारा 3 का संशोधन है. बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में भी नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. इसका कार्यक्षेत्र पूरे प्रदेश में होगा और राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से यह प्रभावी होगा. राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ 12 राजनीतिक प्रतिनिधियों की नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को मिल गया है. इस तरह सरगुजा से बस्तर तक के प्रतिनिधियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.

पढ़ें: कोविड मरीजों की मदद के लिए तैयार 'भारती', राज्यपाल ने किया शुभारंभ

इस विधेयक के मुताबिक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य राज्य सरकार के कार्यकाल के मुताबिक पद धारण करेगा. यह छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम की धारा 4 का संशोधन है. इसका विस्तार पूरे छत्तीसगढ़ राज्य पर होगा और यह राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रभावी होगा.

रायपुर: राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग (संशोधन) विधेयक-2020 पर हस्ताक्षर किए. इसके मुताबिक 6 अशासकीय सदस्य जो अनुसूचित जनजातियों से संबंधित मामलों में विशेष ज्ञान रखते हों, जिनमें से एक अध्यक्ष (चेयरपर्सन) होगा और एक उपाध्यक्ष (वाइस चेयरपर्सन) होगा, जिन्हें राज्य सरकार नियुक्त करेगी, लेकिन अध्यक्ष (चेयरपर्सन), उपाध्यक्ष (वाइस चेयरपर्सन) सहित कम से कम चार सदस्य अनुसूचित जनजातियों में से होंगे.

यह अधिनियम की धारा 3 का संशोधन है. बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में भी नियुक्ति का प्रावधान किया गया है. इसका कार्यक्षेत्र पूरे प्रदेश में होगा और राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से यह प्रभावी होगा. राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ 12 राजनीतिक प्रतिनिधियों की नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को मिल गया है. इस तरह सरगुजा से बस्तर तक के प्रतिनिधियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.

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इस विधेयक के मुताबिक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य राज्य सरकार के कार्यकाल के मुताबिक पद धारण करेगा. यह छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम की धारा 4 का संशोधन है. इसका विस्तार पूरे छत्तीसगढ़ राज्य पर होगा और यह राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रभावी होगा.

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