रायपुर : छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके किडनी की बीमारी से पीड़ित गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव जाएंगी. राज्यपाल के साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी रहेंगे. राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री किडनी रोग से पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे.
इससे पहले प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उईके ने सुपेबेड़ा में हो रही मौतों को लेकर बड़ा बयान दिया. राज्यपाल ने कहा कि, 'मामले को लेकर भारत सरकार को अवगत कराऊंगी, जिससे पीड़ितों को लाभ मिलेगा.' राज्यपाल ने कहा कि, 'सुपेबेड़ा में मानवीय दृष्टिकोण से जो शिविर लगाए गए हैं, वो बहुत अच्छा है. इसमें राज्य सरकार की केंद्र सरकार को भी मदद करनी चाहिए.'
राज्यपाल केंद्र को लिखेंगी चिट्ठी
वहीं राज्यपाल ने कहा कि, 'सुपेबेड़ा में हो रही मौतों को लेकर एक राज्यपाल होने के नाते मैं भारत सरकार को चिट्ठी लिककर मामले को अवगत कराऊंगी.'
15 दिन में 2 लोगों की गई जान
गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव में 15 दिन के अंदर दो मौतों के बाद लोग दर्द और दहशत में है. 29 सितंबर को पूरनधर पुरैना की मौत हुई, वो 3 साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था. 15 अक्टूबर को फिर 5 साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहे अकालु मुसरा ने दम तोड़ दिया. इन दोनों मौतों के बाद जहां एक तरफ हड़कंप मचा हुआ है, वहीं राज्यपाल भी दौरे पर जा रही हैं.
सरकार ने जताई चिंता
सुपेबेड़ा में लगातार हो रही मौतों को लेकर सरकार ने चिंता जाहिर की है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया है कि सुपेबेडा में पानी के फ्लोराइड और दूसरे तत्वों की वजह से बीमारी हो रही है. उन्होंने कहा कि बीमारी की चार मुख्य वजह हैं, जिसमें पानी के अतिरिक्त जेनेटिक फैक्टर, पानी, मलेरिया और डायबिटीज शामिल है.
- मंत्री ने बताया कि वहां पीने का शुद्ध पानी की व्यवस्था की गई है. लेकिन अभी देखने वाली बात है कि वहां पर लोग ज्यादातर ऑरो का उपयोग नहीं करते हैं, वे अपने पारंपरिक पेयजल स्त्रोत का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहां के लोगों को आरओ इस्तेमाल करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है.
- मंत्री ने बताया कि डायलिसिस के पहले दवाओं से भी उनके स्वास्थ्य को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. जो लोग किडनी की बीमारी से ग्रस्त हो गए हैं, उनके लिए सामान्य से हटकर ध्यान दिया जा रहा है. वहां के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य के लिए भी पर्याप्त ध्यान सरकार दे रही है साथ ही दो मोबाइल यूनिट भी वहां भेजे गए हैं.
- मंत्री टीएस सिंहदेव ने अप्रत्यक्ष तरीके से ये भी कहा कि अगर वहां सरकारी की कोशिश के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो वे केंद्र से विशेष दर्जे की मांग कर सकते हैं.
अब तक क्या हुआ-
- 29 सितंबर को पूरनधर पुरैना की मौत हुई, वो 3 साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था.
- 15 अक्टूबर को फिर 5 साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहे अकालु मुसरा ने दम तोड़ दिया.
- 2 लोगों की मौत के बाद एम्स से डॉक्टर्स की टीम गांव पहुंची और 25 लोगों का चेकअप किया गया.
- इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जितने भी केस हैं, वो इतने पुराने हैं कि उनका इलाज मुश्किल हो जाता है. डॉक्टर्स ने भी कहा कि अभी नए केस कम हैं.
- राज्यपाल अनुसइया उइके ने कहा था कि उन्हें हेलीकॉप्टर नहीं भी मिला तो वे रोड से सुपेबेड़ा जाएंगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके इस बयान पर कहा था कि राज्यपाल की चिंता वाजिब है.
- गरियाबंद जिले के इस गांव में किडनी की बीमारी ने 71 जिंदगियां लील ली हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं मिल पाया है.
लगातार जा रही है जान
सुपेबेड़ा में लगातार एक के बाद एक मौतों का सिलसिला जारी है. यहां पर किडनी की बीमारी से लोगों की मौतें हो रही है जिसे रोकने में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और वर्तमान की कांग्रेस सरकार दोनों ही नाकाम रही हैं. अब सरकार की ओर से बड़ी पहल करते हुए सुपेबेड़ा के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने समेत समुचित जरूरी संसाधन मुहैया कराने के दावे कर रही है.