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सरकार ने एक्जिक्यूटिव इंजीनियर को किया बर्खास्त, सीएम भूपेश के सचिव का रिश्तेदार बताकर धमका रहे थे

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Published : May 1, 2019, 10:07 PM IST

शंकरा इंटरप्राइजेज ने इस मामले में कई दफा शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा. इस शिकायत की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये.

सरकार ने एक्जिक्यूटिव इंजीनियर को किया बर्खास्त,

रायपुर : कमीशन न देने पर ठेका कंपनी का पेमेंट रोके रखने की शिकायत पर भूपेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से CGMSC के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है. दरअसल, रायपुर के आयुर्वेदिक कॉलेज में शंकरा इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी निर्माण कार्य कर रही है. निर्माण कार्य की किश्त 1.50 करोड़ रुपये बकाया था, जिसे एक्जिक्यूटिव इंजीनियर मृगेन्द्र सोनवानी रिलीज नहीं कर रहे थे.

शंकरा इंटरप्राइजेज ने इस मामले में कई दफा शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा. इस शिकायत की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये.

शिकायत पर सोनवानी की संविदा खत्म करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. पत्र में शंकर इंटरप्राइजेज की तरफ से अपना दर्द मुख्यमंत्री को बताते हुए लिखा गया कि, कार्यपालन अभियंता सोनवानी खुद को मुख्यमंत्री के सचिव टामन सिंह सोनवानी का रिश्तेदार बताकर डराया जाता रहा है, उनका डेढ़ करोड़ का भुगतान भी रोका गया है.

रायपुर : कमीशन न देने पर ठेका कंपनी का पेमेंट रोके रखने की शिकायत पर भूपेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से CGMSC के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है. दरअसल, रायपुर के आयुर्वेदिक कॉलेज में शंकरा इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी निर्माण कार्य कर रही है. निर्माण कार्य की किश्त 1.50 करोड़ रुपये बकाया था, जिसे एक्जिक्यूटिव इंजीनियर मृगेन्द्र सोनवानी रिलीज नहीं कर रहे थे.

शंकरा इंटरप्राइजेज ने इस मामले में कई दफा शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा. इस शिकायत की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये.

शिकायत पर सोनवानी की संविदा खत्म करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. पत्र में शंकर इंटरप्राइजेज की तरफ से अपना दर्द मुख्यमंत्री को बताते हुए लिखा गया कि, कार्यपालन अभियंता सोनवानी खुद को मुख्यमंत्री के सचिव टामन सिंह सोनवानी का रिश्तेदार बताकर डराया जाता रहा है, उनका डेढ़ करोड़ का भुगतान भी रोका गया है.

Intro:कमीशनखोरी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सख्त रूख सामने आया है। कमीशन ना देने पर ठेका कंपनी का पेमेंट रोके रखने की शिकायत पर सरकार ने तत्काल प्रभाव से CGMSC के एक्जुकेटिव इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है। एक्जुकेटिव इंजीनियर का नाम मृगेन्द्र सोनवानी बताया जा रहा है। दरअसल रायपुर के आयुर्वेदिक कालेज में शंकरा इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी निर्माण कार्य कर रही है। निर्माण कार्य की किश्त 1.50 करोड़ रुपये बकाया था, जिसे मृगेंद्र सोनवानी रिलीज नहीं कर रहे थे। शंकरा इंटरप्राइजेज ने इस मामले में कई दफा शिकायत दर्ज करायी, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा। इस पत्र में शिकायत की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये। शिकायत के आधार पर मृगेंद्र सोनवानी की संविदा समाप्त करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। पत्र में शंकर इंटरप्राइजेज की तरफ से अपना दर्द मुख्यमंत्री को बताते हुए लिखा गया कि, कार्यपालन अभियंता मृगेंद्र सोनवानी खुद को मुख्यमंत्री के सचिव टामन सिंह सोनवानी का रिश्तेदार बताकर डराया जाता रहा है, उनका डेढ़ करोड़ का भुगतान भी रोके रखा गया है। लंबित भुगतान मांगने पर कमीशन की डिमांड की जा रही है, साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि वो सीएम के सचिव के रिश्तेदार हैं, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। तीन महीने से भुगतान रोके रखे जाने की शिकायत जब पत्र के जरिये मुख्यमंत्री तक पहुंची, उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए इस कार्रवाई के निर्देश दिये।
पत्र में कहा गया था कि इस मामले की शिकायत सीजीएमएससी सहित स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों को भी की गयी, लेकिन कोई शिकायत नहीं की गयी। हारकर शंकरा इंटरप्राइजेज ने मुख्यमंत्री पत्र लिखकर गुहार लगायी। इधर मृगेंद्र सोनवानी की संविदा समाप्ति का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है।

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