रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के तमाम नगरीय निकायों में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों से सरकार ने अचल संपत्ति का विवरण मांगा है. नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने यह आदेश जारी करते हुए ये भी कहा है कि घोषणा पत्र में यह ब्योरा भी दिया जाए कि किस प्रकार से संपत्ति अर्जित की गई है. इस आदेश के बाद प्रदेश भर के नगरीय निकायों में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
प्रदेश भर के नगरीय निकायों से मांगी गई जानकारी
छत्तीसगढ़ में संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने यह आदेश सभी संयुक्त संचालक और सभी नगर पालिकाओं के आयुक्त को भेजा है. इसके साथ ही सभी नगर पालिका और नगर पंचायतों के साथ ही मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को भी यह आदेश भेजा गया है. आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के नियम 19 (1) एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका कर्मचारी भर्ती सेवा नियम 1968 में किए गए प्रावधान के अनुसार जो अधिकारी, कर्मचारी राज्य नगरपालिका सेवा के अंतर्गत आते हैं, साथ ही जो अधिकारी, कर्मचारी राज्य नगरपालिका सेवा के अंतर्गत नहीं आते हैं उन्हें अचल संपत्ति विवरण की जानकारी अपने मूल विभाग नियुक्ति कार्यालय में प्रस्तुत करना जरूरी होगा.
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31 जनवरी तक देनी होगी जानकारी
नगरीय प्रशासन विभाग से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी अधिकारी कर्मचारियों को वार्षिक अचल संपत्ति का डेटा वर्ष 2020 निर्धारित प्रपत्र में भरकर 31 जनवरी तक अनिवार्य रूप से देना होगा. यह भी कहा गया है कि जिन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा अपना वार्षिक अचल संपत्ति विवरण पत्र उनके पूर्व वर्षों से अब तक नहीं दिया है या एक ही प्रपत्र में कई वर्षों के विभिन्न भेजे गए हैं, वह भी 31 जनवरी तक प्रत्येक साल का अलग-अलग विवरण भेजेंगे. ऐसे में 31 जनवरी तक तमाम चल अचल संपत्ति की जानकारी देना नगरीयप्रशासन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है.
आय कितनी और संपत्ति कितनी है इसकी भी देनी होगी जानकारी
नगरी प्रशासन विभाग से मांगी गई जानकारी में जिन अधिकारी, कर्मचारियों को अचल संपत्ति का ब्यौरा देना है उन्हें यह भी बताना होगा कि संपत्ति किस प्रकार अर्जित की गई है. खरीद पट्टा बंधा या विरासत में या फिर अन्य किसी प्रकार से अर्जित की गई संपत्ति की जानकारी देना होगा. इसमें यह बात भी दर्ज करना होगा कि किस तारीख में किससे अर्जित की गई है. उसकी जानकारी भी देना होगा. संपत्ति से वार्षिक मूल्य में आए अधिकारी कर्मचारियों का पद वर्तमान वेतन और अगली वेतन वृद्धि की तारीख भी देनी होगी.
पड़ चुके हैं छापे
नगरीय प्रशासन विभाग में प्रदेश भर के तमाम नगर निगमों में सालों से काबिज अधिकारी कर्मचारियों पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. पिछली सरकारों में भी नगरीय प्रशासन के तमाम अधिकारी कर्मचारियों के यहां ईओडब्ल्यू की दबिश भी पड़ी है. इस दौरान बड़े पैमाने पर चल अचल संपत्ति भी बरामद की गई थी. ऐसे में अब नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से तमाम निकायों में काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के चल अचल संपत्ति की जानकारी मांगने से विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के होश उड़े हुए हैं.