Govardhan puja 2022 : गोवर्धन के दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. लोग अपने हाथों से गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाते हैं और पूर्जा अर्चना करते हैं जो प्रकृति के प्रति अपनी आस्था को दर्शाता है. भारत के मंदिरों में गोवर्धन के पावन पर्व पर मंदिरों में भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. इसलिय इसे ‘अन्नकूट’ के नाम से भी जाना जाता है. अन्नकूट में कई प्रकार के अन्न और अनेक प्रकार के व्यंजन शामिल होते हैं.
गोवर्धन पूजा का महत्व :यह वास्तव में प्राकृतिक चीजों स्वच्छता और निर्मलता की पूजा है. गौ माता को धन माना गया है. शास्त्रों में गौ माता का विशिष्ट महत्व रहता है. मानव योनि के उपरांत गौ माता को विशेष महत्व दिया गया है. सभी कर्मकांडो पूजा विवाह और प्रमुख संस्कारों में गौ माता की विशेष पूजा की जाती (Govardhan Puja story ) है.ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "गौमाता से बने हुए कंडों के बिना कोई भी यज्ञ संपन्न नहीं हो पाता. गोवर्धन पूजा के दिन ग्रामवासी गौ माता के शुद्ध गोबर से एक दूसरे को तिलक लगाकर अभिवादन करते हैं, और सभी के मस्तक पर गोबर शोभायमान रहते हैं.इस दिन गोबर के पर्वत बनाकर गोवर्धन की पूजा की जाती है. इस विशेष दिन गौ माता और बहनों से कोई भी काम नहीं लिया जाता है, उनकी पूजा कर उनका सम्मान किया जाता है."
Govardhan Puja 2022 Shubh Muhurt : 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त प्रातः 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 08 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इसी के साथ गोवर्धन पूजा के दिन प्रीति योग भी बना हुआ है। जो प्रातः काल से लेकर सुबह 10 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.गोवर्धन पूजा के दौरान, भगवान कृष्ण की पूजा करने से पहले सुबह तेल मालिश और स्नान करने की सलाह दी जाती है.भगवान की पूजा करने से पहले घर के बाहर भी गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है. हमें ध्यान रखना चाहिए कि अन्नकूट और गोवर्धन पूजा का आयोजन बंद कमरे में नहीं करना चाहिए. इस दिन चंद्रमा को न देखने की भी सलाह दी जाती है.
कैसे की जाती है गोवर्धन पूजा : गोवर्धन पूजा के दिन गौ माता को विशेष कपड़े और श्रृंगार करके धूप दीप कपूर चंदन रोली बंदन के द्वारा गौ माता की पूजा और आरती की जाती है गोवर्धन पूजा का दिन वास्तव में गोवंश की आराधना का दिन होता है. साथ ही साथ अनेक क्षेत्रों में अन्नकूट की पूजा की जाती है. आज के दिन सभी मंदिरों में चावल दाल गेहूं कढ़ी और विशिष्ट साग सब्जियों को बनाया जाता है. उसे भगवान को भोग लगाकर अन्नकूट की पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन समस्त नए धान की पूजा की जाती है. अन्नकूट का प्रसाद सभी मंदिरों में वितरित होता रहता है. जिस तरह से दिवाली के दूसरे दिन अर्थात कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पूजा अन्नकूट का पावन पर्व 26 अक्टूबर बुधवार के दिन स्वाति नक्षत्र प्रीति योग बव करण और बालव करण में मनाया जाएगा.Govardhan Puja celebrated in india