रायपुर : दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. लेकिन इस बार दो दिनों तक अमावस्या तिथि होने के कारण गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन ना मनाकर तीसरे दिन मनाई जाएगी. 12 नवंबर के बाद 13 के बजाय इस बार गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाया जाएगा. कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पर्व आता है.
गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें ? : गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गोवर्धन पर्वत भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता की पूजा करने का विधान है. गोवर्धन पूजन के दिन अपने घर के आंगन और बाहर को गाय के गोबर से साफ सफाई करने के साथ ही पर्वत की तरह आकृति बनाकर पूजा करते हैं. पूजा करने के बाद भगवान कृष्ण को कई प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है.इस दौरान गाय की पूजा की जाती है.
" इस साल 2023 में अमावस्या तिथि 2 दिनों का पड़ने के कारण यह दीपावली के तीसरे दिन 14 नवंबर को मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा की शुरुआत द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने शुरु की थी. गोवर्धन पूजा के दिन लोग अपनी गायों को विशेष रूप से श्रृंगार करने के साथ ही पूजा आराधना करते हैं. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है." पंडित मनोज शुक्ला,पुजारी महामाया मंदिर
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त : इस साल 2023 में गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन ना होकर तीसरे दिन मनाई जाएगी. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर सोमवार के दिन दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से हो रही है.इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 14 नवंबर मंगलवार को दोपहर 2:36 पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए गोवर्धन पूजा 14 नवंबर मंगलवार के दिन होगी. गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त दिनभर रहता है. लेकिन मुहूर्त को देखा जाए तो 14 नवंबर दिन मंगलवार को गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:43 से लेकर सुबह 8:52 तक है.
क्या है गोवर्धन पूजा की पौराणिक मान्यता ? : गोवर्धन पूजा के बारे में पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन की पूजा प्रारंभ की. श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों और पशु पक्षियों की रक्षा की थी. गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है. गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना गया है.