रायपुर: कोरोना काल में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रेस्टोरेंट्स और कैफे में एक बार फिर रौनक लौट रही है. पहले देशव्यापी लॉकडाउन और रायपुर में बढ़ते मामलों के चलते राज्य सरकार ने दो बार लॉकडाउन लगाया था, जिसके चलते रेस्टोरेंट व्यवसाय पर खासा असर पड़ा था. पहले अनलॉक के शुरूआती चरण में सरकार ने रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति नहीं दी थी, फिर बाद में अनुमति मिलने से रेस्टोरेंट संचालकों को शुरुआती दौर में काफी नुकसान उठाना पड़ा था. राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते लोग बाहर खाने से परहेज कर रहे थे, लेकिन अब कोरोना के घटते संक्रमण और त्योहार में लोगों का रुझान रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ रहा है. अब धीरे धीरे-धीरे रेस्टोरेंट व्यवसाय में तेजी आ रही है. लंबे समय बाद लोग अपने दोस्तों, परिवार के साथ खाने का शौक पूरा करने रेस्टोरेंट पहुंच रहे हैं.
फिर लौट रही है रेस्टोरेंट और कैफे में रौनक
ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी रायपुर के विभिन्न रेस्टोरेंट और कैफेटेरिया जायजा लिया. राग कैफे के संचालक चंचल देवांगन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान उनके व्यवसाय पर खासा असर पड़ा था. ग्राहकों की कम संख्या और कॉस्ट कटिंग के चलते वर्करों को भी उन्हें कम करना पड़ा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में रेस्टोरेंट की रौनक एक बार फिर लौट आई है. टपरी कैफे के संचालक इरफान ने बताया के पहले के मुकाबले कैफे में कस्टमर कम पहुंच रहे हैं, पहले की तरह फूडिंग भी नहीं है, हालांकि धीरे धीरे रेस्टोरेंट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. लोगों के बैठने की व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं. नुक्कड़ कैफे के संचालक प्रियांक पटेल ने बताया कि मार्केट में कस्टमर का रुख अभी बढ़ा है. सभी तरह प्रिकॉशन लेकर लोग रेस्टोरेंट पहुंच रहे हैं.
कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे तमाम उपाय
कोरोना से बचाव के लिए रेस्टोरेंट और कैफे संचालक कस्टमर के लिए तमाम सुविधाओं का ध्यान रख रहे हैं. रेस्टोरेंट में हर आने-जाने वाले की थर्मल स्क्रीनिंग, सैनेटाइजेशन के साथ उनकी जानकारी रखी जा रही है. वहीं जो लोग मास्क पहनकर नहीं आ रहे हैं, उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए नई बैठक व्यवस्था बनाई गई है. सीटिंग अरेंजमेंट पर भी बदलाव किए गए हैं.
रखा जा रहा है सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल
कई कैफे और रेस्टोरेंट्स में लोगों के बैठने के लिए अलग-अलग कंपार्टमेंट बनाए गए हैं और अलग-अलग पार्टीशन लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखा जा रहा है. लोगों की सेफ्टी के लिए रेस्टोरेंट में डिस्पोजेबल कटलरी इस्तेमाल की जा रही है, जिससे उसका कोई दोबारा इस्तेमाल न कर सके और लोगों तक हाईजीन फूड पहुंच सके. वहीं हर बार टेबल फ्री होने के बाद उसे अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है, जिससे दूसरे कस्मटर को संक्रमण न फैले.
संक्रमण रोकने के लिए डिजिटल बार कोड का यूज
कई रेस्टोरेंट्स और कैफे संचालकों ने मैन्यू कार्ड में भी बदलाव किए हैं. ज्यादातर कैफे- रेस्टोरेंट में मैन्यू कार्ड लोग बार-बार छूते हैं, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा है. इसके लिए टेबिल पर डिजिटल बार कोड मैन्यू कार्ड लगाया है. लोग मोबाइल से बारकोड को स्कैन कर फूड ऑर्डर कर सकते हैं. लोगों तक हाइजीन फूड देने के लिए किचन में भी सेफ्टी मेजरमेंट को ध्यान में रखकर काम हो रहा है. रेस्टोरेंट, कैफे में काम करने वाले स्टाफ हर समय मास्क का इस्तेमाल करते हैं और समय-समय पर सैनिटाइजेशन कर लोगों को हाइजीन फूड परोस रहे हैं.
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लंबे समय बाद जायकों का फिर मिला स्वाद
इधर कोरोना के घटते संक्रमण के चलते खाने-पीने के शौकीन लोग लंबे समय बाद रेस्टोरेंट पहुंच रहे हैं. रेस्टोरेंट में आने वाले लोगों ने बताया कि शुरूआती दिनों में रेस्टोरेंट में आने से घबराते थे, लेकिन अब रेस्टोरेंट और कैफे संचालक सेफ्टी का पूरा ध्यान रखकर सुविधाएं दे रहे हैं. यही कारण है कि ग्राहकों का विश्वास बढ़ा है और लोग अपने दोस्तों, परिवार के साथ जायकों का स्वाद लेने रेस्टोरेंट और कैफे पहुंच रहे हैं.