रायपुर: छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में 16 जून से सोने के आभूषण बिना हॉलमार्क (gold Hallmarking) के नहीं बेचे जा सकेंगे. इसके लिए सराफा से जुड़े सभी कारोबारियों को 15 जून तक भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) में पंजीकृत होना अनिवार्य है. भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) में बिना पंजीयन कराए कोई भी सराफा व्यापारी (bullion traders) अपना व्यापार नहीं कर सकेंगे. इसके लिए भारतीय मानक ब्यूरो ने कुछ मापदंड भी तय किए हैं. भारतीय मानक ब्यूरो के मुताबिक प्रदेश में 1600 से अधिक सराफा कारोबारी है, जिसमें से अबतक करीब 1100 सराफा कारोबारियों ने भारतीय मानक ब्यूरो में पंजीयन कराया है.
ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीयन जारी
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि, भारतीय मानक ब्यूरो में पंजीयन कराने के लिए जून के प्रथम सप्ताह में शिविर आयोजित किया गया था. जिसमें सराफा कारोबारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. भारतीय मानक ब्यूरो में पंजीयन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा रहा है. जिसकी आखिरी तारीख 15 जून है.भारतीय मानक ब्यूरो में पंजीकृत नहीं होने की स्थिति में सोने का व्यवसाय नहीं किया जा सकेगा.
Bullion Market: 15 जून के बाद सोने पर hallmarking होगा जरूरी, सरकार ने जारी की नई तारीख
हॉलमार्क को लेकर कुछ नियम और शर्तें अनिवार्य नहीं होगी
भारतीय मानक ब्यूरो रायपुर कार्यालय के प्रभारी वी. गोपीनाथ से बताया कि, प्रदेश के साथ ही पूरे देश में 16 जून से बिना हॉलमार्क के सोने के आभूषण नहीं बेचे जा सकेंगे. सराफा कारोबारियों को 15 जून तक भारतीय मानक ब्यूरो में पंजीयन कराना अनिवार्य है. उसके बाद ही उन्हें कारोबार की अनुमति होगी. भारतीय मानक ब्यूरो रायपुर कार्यालय के प्रभारी वी. गोपीनाथ ने सोने पर हॉलमार्क को लेकर कुछ नियम और शर्तें भी बताई हैं.
- सोने के निर्यात पर हॉलमार्क अनिवार्य नहीं.
- 2 ग्राम से कम सोने के आभूषण खरीदने पर हॉलमार्क नहीं लगेगा.
- मेडिकल में इस्तेमाल होने वाले सोने के दांत या फिर सोने के धागों पर हॉलमार्क जरूरी नहीं.
- सोने के बिस्किट या सोने के प्लेट पर भी हॉलमार्क का उपयोग नहीं होगा.
सराफा से जुड़े कारोबारियों को भारतीय मानक ब्यूरो में 15 जून तक ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीयन कराना जरूरी है. 16 जून से छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बिना हॉलमार्क के सराफा व्यापारी नहीं बेच सकेंगे.