रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में मंगलवार से गणपति बप्पा के आगमन की धूम है. गणपति महाराज की स्थापना जगह जगह की गई है, जिससे शहर का पूरा माहौल भी भक्तिमय में हो गया है. इसी क्रम में राजधानी के हनुमान मंदिर गणेश उत्सव समिति द्वारा भगवान गणेश को नवरत्नों से जड़ित सोने का मुकुट पहनाया गया है.
सोने का मुकुट बना आकर्षण का केंद्र: राजधानी के गणेश पंडालों में छोटी-बड़ी गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई है. इसके साथ ही बड़े-बड़े पंडालों में झांकी भी प्रदर्शित की जा रही है. राजधानी के हनुमान मंदिर गणेश उत्सव समिति द्वारा भगवान गणेश को नवरत्नों से जड़ित सोने का मुकुट पहनाया गया है. इस सोने के मुकुट का वजन 750 ग्राम है. इस मुकुट की कीमत लगभग 45 लाख रुपए है. इस गणेश पंडाल में तीन आकर्षक झांकी भी सजाई गई है.
शाम आरती के समय पहनाते हैं सोने का मुकुट: हनुमान मंदिर गणेश उत्सव समिति के सदस्य अक्षत गुप्ता ने बताया, "राजधानी के गोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर गणेश उत्सव समिति द्वारा भगवान गणेश को 45 लाख रुपए के सोने का मुकुट पहनाया गया है, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोग सेल्फी लेने के साथ ही फोटो भी खींच रहे हैं. सोने के इस मुकुट को भगवान गणेश को शाम को आरती के समय पहनाया जाता है और रात भक्तों की भीड़ समाप्त होने के बाद मुकुट को वापस सुरक्षित स्थान पर रख दिया जाता है. सोने के मुकुट का आईडिया पुणे के गणेश उत्सव समिति से लिया गया था."
"हनुमान मंदिर गणेश उत्सव समिति के द्वारा गणेश प्रतिमा की स्थापना पिछले 98 वर्षों से की जा रही है. हर साल अलग-अलग तरह की झांकी गणेश उत्सव के दौरान सजाई जाती है. इसके पहले अमरनाथ की झांकी भी इस पंडाल में लोगों को देखने को मिली थी. इस बार भगवान गणेश को नवरत्नों से जड़ित सोने का मुकुट पहनाया गया है." - सतीश जैन, अध्यक्ष, गोल बाजार मर्चेंट एसोसिएशन
आकर्षक झांकियों ने मोहा भक्तों का मन: गणेश पंडाल में आकर्षक तीन झांकियां भी सजाई गई है. पहली झांकी में भगवान कृष्ण अपने मित्र सुदामा की सेवा करते नजर आ रहे हैं. दूसरी झांकी में भगवान कृष्ण राधा को मेहंदी लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. तीसरी झांकी में मीराबाई कृष्ण भक्ति में लीन दिख रही है."
चंद्रयान 3 गणेश पंडाल देखने उमड़ी भीड़: राजधानी के कालीबाड़ी चौक में गणेश उत्सव समिति द्वारा बनाया गया गणेश जी का पंडाल बेहद खास है. इस साल गणेश उत्सव समिति द्वारा गणेश पंडाल को चंद्रयान 3 की तर्ज पर बनाया गया है. पंड़ाल को इसरो के रॉकेट जीएसएलवी/पीएसएलवी के डिजाइन में ढाला गया है. जो रायपुर के साथ ही सभी दर्शकों, भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र है.