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रायपुर में फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर की जा रही ठगी

रायपुर सहित पूरे प्रदेश में साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है. साइबर क्राइम को रोकने के लिए रायपुर पुलिस लोगों को जागरूक करने में जुटी हुई है.

Fraud is being done by downloading fake application
फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड करा कर की जा रही ठगी
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Published : May 11, 2021, 11:10 AM IST

रायपुरः प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम बढ़ रहा है. ठग ऐसे-ऐसे हाईटेक तरीकों से लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं, जिससे कस्टमर आसानी से उनके झांसे में आ जाएं. अधिकतर लोग जानकारी के अभाव में अपने मोबाइल का पासवर्ड, आधार नंबर और ओटीपी नंबर ठगों को बता देते हैं. जिससे आरोपी आसानी से लोगों के साथ ठगी कर लेते हैं. वहीं आजकल लिंक के जरिए फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर ठग पैसे ऐंठ रहे हैं.

फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर की जा रही ठगी
किस तरह ठग लोगों को बनाते हैं अपना शिकार • ठग पहले अपनी बातों से लोगों को झांसे में लेते हैं.

• जिसके बाद पैसा वापस करने के नाम पर या कोई अन्य और कारण बताकर एप्लीकेशन डाउनलोड करने को बोलते हैं.

• एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेने पर उसमें दर्शित कोड को मांग लेते हैं.

• कोड प्राप्त कर ठग मोबाइल को हैक कर मनचाहा ट्रांजैक्शन करने लगते हैं.

कोरबा में खोए मोबाइल वापस मिले तो लौट आई चेहरे की मुस्‍कान

रायपुर पुलिस साइबर ठगी को लेकर अभियान चला रही है. पुलिस लोगों को जागरूक भी कर रही है. बावजूद इसके आरोपी ठगी करने में कामयाब हो रहे हैं. पुलिस लोगों को बता रही है कि रिमोट मोबाइल एप्लीकेशन को इन्स्टॉल करने से बचें. किसी भी प्रकार के ओटीपी या कार्ड को शेयर ना करें, नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं.
• एनीडेस्क

• टीम व्यूअर

• टीम व्यूअर क्विक सपोर्ट

• वीएनसी एक्स्ट्रा

इस तरह के एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें. ठग इस तरीके के एप्लीकेशन के जरिए ठगी कर रहे हैं. इन एप्लीकेशन को मोबाइल में डाउनलोड करवाकर लोगों को आसानी से ठगी का शिकार बना रहे हैं.

रायपुरः प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम बढ़ रहा है. ठग ऐसे-ऐसे हाईटेक तरीकों से लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं, जिससे कस्टमर आसानी से उनके झांसे में आ जाएं. अधिकतर लोग जानकारी के अभाव में अपने मोबाइल का पासवर्ड, आधार नंबर और ओटीपी नंबर ठगों को बता देते हैं. जिससे आरोपी आसानी से लोगों के साथ ठगी कर लेते हैं. वहीं आजकल लिंक के जरिए फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर ठग पैसे ऐंठ रहे हैं.

फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर की जा रही ठगी
किस तरह ठग लोगों को बनाते हैं अपना शिकार • ठग पहले अपनी बातों से लोगों को झांसे में लेते हैं.

• जिसके बाद पैसा वापस करने के नाम पर या कोई अन्य और कारण बताकर एप्लीकेशन डाउनलोड करने को बोलते हैं.

• एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेने पर उसमें दर्शित कोड को मांग लेते हैं.

• कोड प्राप्त कर ठग मोबाइल को हैक कर मनचाहा ट्रांजैक्शन करने लगते हैं.

कोरबा में खोए मोबाइल वापस मिले तो लौट आई चेहरे की मुस्‍कान

रायपुर पुलिस साइबर ठगी को लेकर अभियान चला रही है. पुलिस लोगों को जागरूक भी कर रही है. बावजूद इसके आरोपी ठगी करने में कामयाब हो रहे हैं. पुलिस लोगों को बता रही है कि रिमोट मोबाइल एप्लीकेशन को इन्स्टॉल करने से बचें. किसी भी प्रकार के ओटीपी या कार्ड को शेयर ना करें, नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं.
• एनीडेस्क

• टीम व्यूअर

• टीम व्यूअर क्विक सपोर्ट

• वीएनसी एक्स्ट्रा

इस तरह के एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें. ठग इस तरीके के एप्लीकेशन के जरिए ठगी कर रहे हैं. इन एप्लीकेशन को मोबाइल में डाउनलोड करवाकर लोगों को आसानी से ठगी का शिकार बना रहे हैं.

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